Dhanteras Katha In Hindi: धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यमराज के लिए दीपक, जानें ये दिलचस्प कहानी
Dhanteras 2022 Vrat Katha in Hindi: धनतेरस पर्व की इस पौराणिक कथा से जानिए इस त्योहार का महत्व। जानें इस दिन क्यों जलाया जाता है यम के नाम का दीपक।
Dhanteras Vrat Katha: धनतेरस व्रत कथा
Dhanteras 2022 Vrat Katha in Hindi: पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धनतेरस का त्योहार हिन्दू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। दिवाली की तरह ही धनतेरस का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन को लोग विशेष रूप से खरीदारी से जोड़कर देखते हैं। कहते हैं इस दिन खरीदी गई वस्तुएं खूब लाभ देती हैं। शास्त्रों अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन देवताओं के वैद्य और चिकित्सा के देवता माने जाने वाले धन्वंतरि जी की उपासना जरूर होती है। जानिए कैसे हुआ भगवान धन्वंतरि जी का जन्म और क्यों मनाई जाती है धनतेरस।
धनतेरस पर देवताओं के वैद्य धन्वन्तरी की पूजा का महत्व: कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धन्वन्तरी का जन्म हुआ था। मान्यता अनुसार धन्वंतरि जी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस खास दिन पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता के साथ दीप जलाकर भगवान धन्वन्तरि की पूजा भी करनी चाहिए और उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।
धनतेरस की पौराणिक कथा: पौराणिक काल में एक राजा हेम था। उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। लेकिन उसे पता चला कि उसका बालक विवाह होने के ठीक चार दिन बाद ही मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा ने ये जानकर राजकुमार को दैवयोग में ऐसी जगह पर भेज दिया, जहां किसी स्त्री की परछाई तक उस पर ना पड़े। दैवयोग से एक दिन कोई राजकुमारी गुजरी। राजकुमार और राजकुमारी एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने विवाह कर लिया। विवाह के चार दिन बाद ही यम दूत राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार के प्राण ले जा रहे थे तो उस नव विवाहिता पत्नी का विलाप सुन कर दूतों का मन पसीज गया और उन्होने यमराज से जाकर पूछा कि क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यम देवता बोले, “अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है। लेकिन इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।”
इसी वजह से लोग इस दिन अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं। इसके अलावा सांय काल के समय एक दीपक तेल से भरकर मकान के द्वार पर अन्न की ढेरी पर रखें। ये दीपक रात भर जलाकर रखें। मान्यता है ऐसा करने से पूरे वर्ष भर शुभ ही शुभ होता है।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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