Diwali 2022 Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics: ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, मां लक्ष्मी की आरती
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Muhurat):
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त शाम 06:54 से 08:16 तक
अवधि 1 घंटे 21 मिनट
प्रदोष काल शाम 05:43 से 08:16 तक
वृषभ काल शाम 06:54 से 08:50:43 तक
दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:40 से रात 12:31:00 तक
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा विधि: इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। दिवाली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे पहले घर में गंगाजल छिड़क लें। घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं। पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें। चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें। माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं। फिर उन्हें तिलक लगाएं और मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी आदि अर्पित करें। इसके साथ ही देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी पूजा करें। इसके बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की भी पूजा करें। भगवान को मिठाई और फल का भोग लगाएं। लक्ष्मी जी की आरती करें।
दिवाली त्योहार से संबंधित सभी जरूरी बातें जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर।
Diwali 2022: भगवान शिव और माता पावत्री ने खेला था जुआ
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को भगवान शिव और माता पार्वती ने चौसर खेला था। इसमें भगवान शिव जीत गए थे। हालांकि, किसी धार्मिक किताब में इसका वर्णन नहीं मिलता है।Diwali 2022: कई लोग जुआ खेलना मानते हैं शुभ
दिवाली के दिन जुआ खेलना कई जगह शुभ माना जाता है। कई लोग मानते हैं कि इसमें हुई हार जीत साल भर की हार जीत का संकेत देती है। हालांकि, जुए की लत हर हाल में बुरी होती है।Kuber Ji Mantra Lyrics: कुबेरजी के इस मंत्र का करें जाप
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti)
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
Diwali 2022 Laxmi Ji Mantra: लक्ष्मी जी के मंत्र का करें जाप
दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजा मंत्रॐ श्रीं श्रीयै नम:ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥Diwali 2022 Ganesh Ji Mantra: लक्ष्मी पूजन में गणेश जी के मंत्र का करें जाप
लक्ष्मी पूजन के साथ गणेश जी के इस मंत्र का करें जाप। जाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।Kuberji Ki Arti Lyrics in Hindi: ॐ जय यक्ष कुबेर हरे
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे।॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े।दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े ॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,स्वामी सिर पर छत्र फिरे।योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे,स्वामी शस्त्र बहुत धरे।दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करे॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े,स्वामी हम तेरी शरण पड़े,अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले,स्वामी मोतियन हार गले।अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे,स्वामी जो कोई नर गावे ।कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे।॥ इति श्री कुबेर आरती ॥मां लक्ष्मी की आरती (OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata lyrics in hindi)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय…शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय…जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा (Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva lyrics in hindi)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।Diwali 2022 Om Jai Jadgish Hare Lyrics: ओम जय जगदीश हरे आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, स्वामी दुःख बिनसे मन का ।सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी, स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी ।पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता ।मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति ।किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे ।अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥मुंबई में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Mumbai)
मुंबई में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 07:26 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:39 बजे खत्म होगा।बेंगलुरु में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Bengaluru)
बेंगलुरु में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 07:16 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:23 बजे तक रहेगा।जयपुर में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Jaipur)
जयपुर में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 07:02 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:33 बजे समाप्त होगा।नोएडा में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Noida)
नोएडा में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 06:52 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:15 बजे तक रहेगा।गुड़गांव में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Gurgaon)
गुड़गांव में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 06:54 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:17 बजे तक रहेगा।पुणे में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Pune)
पुणे में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 07:23 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:35 बजे खत्म होगा।Diwali Lakshmi Puja Muhurat Delhi: जानिए दिल्ली में कब है पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। दिल्ली में भी इसी वक्त लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है।Diwali 2022 - शुभ मुहूर्त में करें पूजा
दिवाली की पजा प्रदोष काल में करने का विधान है। मान्यता है कि शुभ महूर्त में की गई पूजा अधिक फलदायी होती है। ऐसे में पूजा शुभ मुहूर्त देखकर ही आरंभ करें।Diwali Puja Vidhi - दिवाली की पूजा प्रदोषकाल में
बता दें नरक पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो रहा है। इसके बाद दिवाली के पूजा की तैयारी शुरू कर दें। पूजा कते मुहूर्त को लेकर कंफ्यूज ना हों। बता दें दिवाली की पूजा प्रदोषकाल में का जाती है।Diwali 2022 - ना हों कंफ्यूज
बता दें आज नरक चतुर्दशी और दिवाली का पर्व एकसाथ मनाया जा रहा है। ऐसे में पूजा को लेकर असमंजस में ना पड़ें। पहले नरक चतुर्दशी की पूजा कर लें, इसके बाद दिवाली की पूजा प्रारंभ करें।Diwali 2022 - माता लक्ष्मी की करें आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥दुर्गा रुप निरंजनि,सुख-संपत्ति दाता ।जो कोई तुमको ध्याता,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम ही पाताल निवासनी,तुम ही शुभदाता ।कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥जिस घर तुम रहती हो,ताँहि में हैं सद्गुण आता ।सब सभंव हो जाता,मन नहीं घबराता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम बिन यज्ञ ना होता,वस्त्र न कोई पाता ।खान पान का वैभव,सब तुमसे आता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥शुभ गुण मंदिर सुंदर,क्षीरोदधि जाता ।रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता ।उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥Diwali 2022 - प्रदोष काल में की जाती है पूजा
दिवाली की पूजा शुभ मुहूर्त में करना फलदायी होता है। बता दें दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश जी का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है। मान्यता है कि विधि विधान से विघ्नहर्ता भगवान गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से धन संबंधी समस्याओं का निवारण होता है।Diwali 2022 Puja muhurat - पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त - 06:53 PM से 08:16 PM तकअमावस्या तिथि प्रारंभ - 24 अक्टूबर, शाम 05:27 से अमावस्या तिथि की समाप्ति - 25 अक्टूबर को 04:18 PM पर।दिवाली पर 27 साल बाद बना ऐसा संयोग
27 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है। इससे पहले यह संयोग 1995 में बना था। मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने के समय को अशुभ माना जाता है, चाहे वह चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण।दिवाली पूजा मंत्र (Diwali Puja Mantra)
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरिहरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे
पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदा
सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं
नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्
ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबल:
शतयज्ञाधिपो देवस्तस्मा इन्द्राय ते नम:
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च
भवन्त त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादि सम्पद:
दिवाली पर व्रत का महत्व
ज्योतिष के अनुसार इस दिन दिवाली पूजन करने की विशेष महत्त्व है। दिवाली पर विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन करने की परंपरा है। माँ लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश पूजन, कुबेर पूजन एवं बही-खाता पूजन भी किया जाता है। दिवाली पर उपासक को अपने सामर्थ्य के अनुसार व्रत करना चाहिए। उपासक या तो निर्जल रहकर या फलाहार व्रत कर सकता है।दिवाली पर धन समस्या दूर करने का मंत्र
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)
पंडितजी का कहना है कि सर्वप्रथम माँ लक्ष्मी व गणेशजी की प्रतिमाओं को चौकी पर रखें। ध्यान रहें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर रहें और लक्ष्मीजी की प्रतिमा गणेशजी के दाहिनी ओर रहें। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर उसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक होता है। एक दीपक को घी और दूसरें को तेल से भर कर और एक दीपक को चौकी के दाईं ओर और दूसरें को लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं के चरणों में रखें। लक्ष्मी-गणेश के प्रतिमाओं से सुसज्जित चौकी के समक्ष एक और चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। उस लाल वस्त्र पर चावल से नवग्रह बनाएं। साथ ही रोली से स्वास्तिक एवं ॐ का चिह्न भी बनाएं। पूजा करने हेतु उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। तत्पश्चात केवल प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा करें। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान भी अवश्य करें। लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करते रहें – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:दिवाली पर इन कामों को न करें
दिवाली के दिन देर तक न सोएं। दिवाली के दिन नाखून न काटें और न ही शेविंग करें। दिवाली के दिन घर को अव्यवस्थित न रखें, ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। लक्ष्मी जी की पूजा अकेले न करें। भगवान विष्णु के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।दिवाली पर झाड़ू का इस्तेमाल करते समय बरतें सावधानी
झाड़ू में धन संपत्ति की देवी लक्ष्मी मां का वास होता है ऐसे में झाड़ू को कभी भी जोर से पटक कर नहीं रखना चाहिए।झाड़ू का किसी प्रकार से अपमान नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए।
झाड़ू को हमेशा दरवाजे के पीछे छिपाकर रखना चाहिए।
दिवाली पर कैसे करें पूजा?
सबसे पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं। चौकी पर गणेश जी और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें। आसन पर बैठें और अपने चारों और जल छिड़क लें। इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें। घी का दीपक जलाएंय़ फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें। इसके बाद पहले भगवान गणेश, फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और आरती उतारें।Narak Chaturdashi 2022: जानिए कहां रखें, कौन सा दीया
तीसरा दीया मां लक्ष्मी के समक्ष जलाकर रखना चाहिए। चौथा दीया मां तुलसी के सामने, पांचवा दीया घर के दरवाजे के बाहर, छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाकर हमेशा रखना चाहिए। सांतवा दीया किसी मंदिर में, आठवां दीया घर में हमेशा कचरे वाले स्थानों पर, 9वां दीया घर के बाथरूम में जलाकर रखना चाहिए। दसवां दीया घर की छत की मुंडेर पर, 11वां दीया घर की छत पर जलाकर रखना चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन 12वां दीया को घर की खिड़की पर, 13वां दीया को घर की सीढ़ियों या बरामदे में रखना चाहिए। चौदहवां दीया हमेशा पानी रखने वाले दगहों पर रखना चाहिए।Narak Chaturdashi 2022: सुनसान देवालय में रखें दूसरा दीया
दूसरा दीया हमेशा सुनसान देवालय में रखना चाहिए। यह दीया हमेशा घी का जलना चाहिए। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है। तीसरा दीया मां लक्ष्मी के समक्ष जलाकर रखना चाहिए।Narak Chaturdashi 2022 Puja Vidhi: सोते वक्त जलाएं दीया
रात में सोते वक्त यम के नाम का जलाना चाहिए। ध्यान रखें कि वह दीया पुराना हो। उस दीया को हमेशा कूड़े के ढेर पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर रखना चाहिए।Narak Chaturdashi 2022: श्री कृष्ण की करें पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण के नरकासुर का वध किया था। इसके साथ ही उन्होंने 16 हजार कन्याओं को मुक्त कराया था। इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करें।Narak Chaturdashi 2022: यमराज गायत्री मंत्र
सूर्य पुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि।तन्नो यम: प्रचोदयात्।।Narak Chaturdashi Aarti: भगवान विष्णु की आरती
ओम् जय जगदीश हरे, स्वाम! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे।।जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।सुख संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का।ओम जय जगदीश हरे..।।मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी।ओम जय जगदीश हरे....।।तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।।पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी।।तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।मैं मूरख खल कामी, कृपा करो हर्ता।।दीनबुंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।।ओम् जय जगदीश हरे....।।विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।।तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरातेरा मुझको अर्पण क्या लागे मेरा।। ओम् जय...जगदीश्वर जी की आरती जो कोई नर गावे।कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।ओम् जय जगदीश हरे।।Naraka Chaturdashi 2022 Date, Time, Puja Muhurat
अभ्यंग स्नान मुहूर्त - 24 अक्टूबर 2022, सुबह 04:52 से 06:13 तकचंद्रोदय समय - सुबह 04 बजकर 52 मिनटNarak Chaturdashi 2022 Puja Vidhi: यम के मंत्र का करें जाप
दीपक की पूजा रोली, अक्षत और फूल के माध्यम से करें। इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ गेहूं, चावल से दीपक रखें। हाथ में फूल लें और यम के इस मंत्र का जाप करें।मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह।त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यजः प्रीयतां मम॥इस मंत्र का जाप करते हुए फूल को छोड़ दें।Narak Chaturdashi 2022 Puja Vidhi: दीपदान की विधि
हल्दी मिलाकर गूंथे हुए गेंहू के आटे से चौमुंहा दीपक बनाएं। दीपक में दो लंबी बत्तियां इस तरह से रखें कि उनके चारों कोने जल सकें। दीपक को तिल के तेल से भरें। इसमें थोड़े काले तिल भी डालें।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited