Diwali 2022 Laxmi Mata Ki Aarti, Katha: दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती यहां देखें
Diwali 2022 Laxmi Mata Ki Aarti, Katha: दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती यहां देखें
Diwali 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Samagri List in Hindi : दीपावली या दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। जो हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। कहते हैं इस दिन जो शाम के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की अराधना करता है उसके जीवन में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। मान्यताओं अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुईं थीं। कहा जाता है कि दिवाली की रात को मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। दिवाली पर जिन घरों में साफ-सफाई, रोशनी और विधि-विधान देवी-देवताओं का पूजन होता है वहां मां लक्ष्मी वास करने लगती हैं। दिवाली पूजा की विधि, मंत्र, कथा, आरती, शुभ मुहूर्त जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
Diwali 2022: घर के आंगन में गोबर से बनाएं गोवर्धन पर्वत
घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं और उसे फूलो से सजाएं, पर्वत के बीच में एक मिट्टी के मटके में दूध, दही, बतासे आदि डालकर रख दें।Diwali 2022: गोवर्धन पूजा पर श्रीकृष्ण जी की पूजा का विधान
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस साल सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जा रही है। इस दिन गोवर्धन पर्वत, गाय, भगवान विश्वकर्मा और श्रीकृष्ण जी की पूजा का विधान है।Maha Laxmi Strotram Lyrics: इंद्र देव द्वारा रचित महालक्ष्मी स्त्रोत का करें पाठ
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।Diwali 2022 Ganesh Ji Mantra: गणेश जी के इस मंत्र का करें जाप
लक्ष्मी पूजन में करें गणेश जी के इस विशेष मंत्र का जाप जाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।मां सरस्वती की आरती (Maa Saraswati Ki Aarti)
जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
Diwali 2022 Kuberji Mantra: कुबेरजी के इस मंत्र का करें जाप
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥लक्ष्मी पूजन के साथ कुबेर जी के इस मंत्र का जाप अवश्य करें।Diwali Maa Laxmi Puja Mantra: दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजा मंत्र
ॐ श्रीं श्रीयै नम:ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva lyrics in hindi: जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।Om Jai Jagdish Hare Lyrics: ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, स्वामी दुःख बिनसे मन का ।सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी, स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी ।पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता ।मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति ।किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे ।अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे…॥मां लक्ष्मी की आरती (OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata lyrics in hindi)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय…शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय…Diwali 2022 Kuberji Arti Lyrics: ॐ जय यक्ष कुबेर हरे
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे।॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े।दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े ॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,स्वामी सिर पर छत्र फिरे।योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे,स्वामी शस्त्र बहुत धरे।दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करे॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े,स्वामी हम तेरी शरण पड़े,अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले,स्वामी मोतियन हार गले।अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे,स्वामी जो कोई नर गावे ।कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे।॥ इति श्री कुबेर आरती ॥गाजियाबाद में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Gaziabad)
गाजियाबाद में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम छह बजकर 52 मिनट से रात आठ बजकर 15 मिनट तक रहेगा।अहमदाबाद में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Ahmedabad)
अहमदाबाद में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 07:21 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:38 बजे खत्म होगा।गुड़गांव में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Gurgaon)
गुड़गांव में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 06:54 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:17 बजे खत्म होगा।दिल्ली में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Delhi)
दिल्ली में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 06:53 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:16 बजे खत्म होगा।चंडीगढ़ में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat in Chandigarh)
चंडीगढ़ में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 06:51 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:16 बजे तक चलेगा।Diwali 2022 Pujan Muhurat Noida: नोएडा में जानिए कब है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
नोएडा में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 06:52 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को रात 08:15 बजे तक है।Diwali 2022 Puja Muhurat in Pune: पुणे में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
महाराष्ट्र के पुणे में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रात सात बजकर 23 मिनट पर होगा। ये रात आठ बजकर 35 मिनट तक रहेगा।Diwali 2022 Puja Vidhi - राम दरबार की करें पूजा
बता दें इस दिन गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा के साथ राम दरबार की पूजा का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम की विधिवत पूजा अर्चना करने से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।Diwali 2022 - पौराणिक काल से है इसके संबंध
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम लंकापति रावण का वध कर व 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस लौटे थे। इस खुशी में अवधवासियों ने घी के दीपक जलाए थे और अवधुरी को दुल्हन की तरह सजाया थाDiwali 2022 - ऐसे मनाएं दिवाली
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के साथ लोग एक दूसरे के घर मिठाइयां बांटते हैं और गिले शिकवे भुलाकर गले लगते हैं। ऐसे में आप इस दिवाली अपनों से गिले शिकवे भुलाकर गले लगें।Diwali 2022 - विधिवत करें मां लक्ष्मी की पूजा
दिवाली के दिन विधि विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा यश व वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसे में विधिवत भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें व मंत्रों का जप करें।Diwali 2022 Puja Vidhi - इस आरती से करें मां लक्ष्मी जी की पूजा
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥दुर्गा रुप निरंजनि,सुख-संपत्ति दाता ।जो कोई तुमको ध्याता,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम ही पाताल निवासनी,तुम ही शुभदाता ।कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥जिस घर तुम रहती हो,ताँहि में हैं सद्गुण आता ।सब सभंव हो जाता,मन नहीं घबराता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम बिन यज्ञ ना होता,वस्त्र न कोई पाता ।खान पान का वैभव,सब तुमसे आता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥शुभ गुण मंदिर सुंदर,क्षीरोदधि जाता ।रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता ।उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥Diwali 2022 - भगवान कुबेर की करें पूजा
दिवाली पर धन के अधिपति भगवान कुबेर की पूजा का विधान है। मान्यता है कि, कुबेर महाराज की पूजा अर्चना करने धन धान्य की प्राप्ति होती है तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तथा सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें जहां भगवान कुबेर वस करते हैं वहीं मां लक्ष्मी की आगमन होता है। इसलिए भगवान कुबेर की पूजा अर्चना करना ना भूलें।Diwali 2022 - मंत्रों का करें जप
दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद आरता व कथा का पाठ करना ना भूलाें। साथ ही मंत्रों का कम से कम 108 बार जप करें। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती, कथा व मंत्रोच्चार के पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता है।दिवाली पर कुबेर देवता का मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतयेधनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥दिवाली पर धन समस्या दूर करने का मंत्र
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।कैसे करें दिवाली पूजा (Diwali Puja Vidhi)
दिवाली पर मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के लिए शाम का मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है। लोग अपने घरों में रंगोली बनाते हैं और दिए जलाते हैं। लक्ष्मी पूजा की पूरी विधि जानने के लिए यहां क्लिक करेंमां लक्ष्मी बीज मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।दिवाली और नरक चतुर्दशी साथ
इस साल दिवाली और नरक चतुर्दशी साथ पड़ रही है। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। साथ ही इस दिन यमराज के समक्ष दीपक जलाने से नरक के भय से भी मुक्ति मिलती है।दिवाली के दिन क्या करें क्या न करें
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की तैयारी से पहले स्नान कर लें। घर को आम के पत्तों, फूल, रंगोली आदि से सजाएं। घर के गेट पर दीया जलाना चाहिए। मान्यता है दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से धन-धान्य में बरकत होती है। दिवाली के दिन जरुरतमंद या गरीबों को कपड़े, धन या मिठाई दान करें।दिवाली पर शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल दिवाली पर हस्त नक्षत्र का संयोग है। इस दिन बेहद शुभ योग वैधृति योग बनेगा। इस योग में जातक को सुखमय व आनंदमय जीवन की प्राप्ति होती है।कब करें दिवाली पूजा
दीपावली पर लक्ष्मी पूजा प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना और काली पूजा अमावस्या मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है।गणेश जी की आरती (Ganesh Jai Ganesh Deva lyrics in hindi)
जय गणेश जय गणेश,जय गणेस देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी।माथे सिंधूर सोहे मूस की सवारी।।पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवालड्डूअन का भोग लगे सत करें सेवा।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।अंधन को आंख देत कोढ़िन को कायाबांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।दीनन को लाज रखो,शंभु सुतकारी।कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।Naraka Chaturdashi puja mantra: नरक चतुर्दशी पूजा मंत्र
यमाय नम: यमम् तर्पयामि।यमाय धर्मराजाय मृत्ये चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।औदुम्बराय दध्राय नीलीय परमिष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।Narak Chaturdashi 2022: दक्षिण दिशा में न करें गंदगी
नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में गंदगी न करें। इससे यम देव और पितृ नाराज होते हैं। इस दिन झाड़ू को गंदा न करें और पैर भी न लगाएं।Narak Chaturdashi 2022: पूरी कर लें साफ सफाई
नरक चतुर्दशी के दिन तक आप दिवाली की साफ सफाई पूरी कर लें। मां लक्ष्मी साफ स्थान पर ही निवास करना यानी आना पसंद करती हैं। नरक चतुर्दशी से ही दीपोत्सव की शुरुआत होती है।Narak Chaturdashi Puja Vidhi: हनुमानजी की पूजा का विधान
वाल्मिकी रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। ऐसे में इस दिन हनुमान जी की पूजा का भी विधान है।Narak Chaturdashi Vrat Katha: नर्क की जगह स्वर्ग की हुई प्राप्ति
ऋषि ने कहा कि ब्राह्मणों को अनाज देकर उनसे अपनी की गई अपराधों की क्षमा याचना मांगों। ऐसा करने से तुम्हे पापों से मुक्ती मिल जाएगी। राजा ने ऋषि की बात सुनी और उसी समय से वह व्रत करना शुरू कर दिया। व्रत के प्रभाव से राजा को नर्क की जगह लोक स्वर्ग लोक की प्राप्ति हुई।Narak Chaturdashi 2022 Vrat Katha: ऋषि ने बताया ये उपाय
राजा अपनी समस्याओं का निदान जानने के लिए ऋषि के पास गए। उन्होंने अपनी सारी समस्याएं ऋषि को बताई। राजा की समस्याओं को सुनकर ऋषि महात्मा ने कहा हे राजन तुम यदि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन व्रत रखो और सैकड़ों ब्राह्मण को भोजन कराओं।वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 (Taurus Yearly Horoscope): जानिए, वृषभ राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
Mokshada Ekadashi 2024 Parana Time: मोक्षदा एकादशी का पारण कितने से कितने बजे तक किया जा सकता है
मेष वार्षिक राशिफल 2025 (Aries Yearly Horoscope): जानिए, मेष राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
Aaj Ka Panchang 12 December 2024: पंचांग से जानिए मोक्षदा एकादशी के पारण का समय, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Annapurna Jayanti Kab Hai 2024: इस दिन मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती, यहां जानिए सही तिथि, महत्व
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