दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त कब शुरू होगा, जानें कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, दिवाली कहानी
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त कब शुरू होगा, जानें कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, दिवाली कहानी
दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। जो पूरे 5 दिनों तक चलता है। इस पर्व के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन बड़ी दिवाली यानि लक्ष्मी पूजा, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज मनाई जाती है। इस बार बड़ी दिवाली यानि दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। हर साल ये पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ता है। इस दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन तो महानिशीथ काल में महाकाली की पूजा की जाती है। घर के अलावा ऑफिस और कारखानों में भी दिवाली पूजा होती है।
Diwali Laxmi Puja Muhurat 2023 (दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 05:39 PM से 07:35 PM
प्रदोष काल - 05:29 PM से 08:08 PM
वृषभ काल - 05:39 PM से 07:35 PM
Why is Diwali Celebrated (दिवाली क्यों मनाई जाती है)
दिवाली को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अपनी नगरी अयोध्या वापस लौटे थे। कहते हैं उनके आने की खुशी में ही कार्तिक मास की अमावस्या को अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उत्सव मनाया था। ऐसा माना जाता है कि तभी से दिवाली पर्व की शुरुआत हो गई थी। इसके अलावा दिवाली पर्व से जुड़ी एक दूसरी कथा भी प्रचलित है जिसके अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके सभी को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। कहते हैं इसके बाद से ही कार्तिक चतुर्दशी और अमावस्या पर नरक चतुर्दशी और दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा।
Diwali Laxmi Puja Vidhi At Home (दिवाली पर लक्ष्मी पूजा की विधि)
-दिवाली पूजन को लक्ष्मी पूजन के नाम से जाना जाता है।
-इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता, मां काली और माता सरस्वती की पूजा का विधान है।
-दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की अच्छे से सफाई कर लें।
-इसके बाद पूरे घर में पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
-पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछा लें।
-चौकी पर लक्ष्मी जी, गणेश जी, सरस्वती माता, कुबेर देवता और राम दरबार की मूर्ति रखें।
-चौकी के पास जल से भरा एक कलश रख लें।
-फिर भगवान को तिलक लगाएं और दीपक जला लें।
-इसके बाद सभी देवी-देवताओं को जल, मौली, गुड़, चावल, फल, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें।
-अब माता लक्ष्मी, देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें।
-पूजा के समय सभी भगवान के मंत्रों का जाप करें।
-महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा भी कर सकते हैं।
-अंत में सभी लोग साथ में लक्ष्मी माता की आरती करें।
-पूजन के बाद प्रसाद घर के सभी लोगों में बांट दें।
चोपड़ा पूजा शुभ मुहूर्त ( Chopda Puja Shubh Muhurat)
चोपड़ा पूजा रविवार, नवम्बर 12, 2023 कोदीवाली चोपड़ा पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्तसायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 04:54 PM से 09:44 PMरात्रि मुहूर्त (लाभ) - 12:58 AM से 02:34 AM, नवम्बर 13उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - 04:11 AM से 05:48 AM, नवम्बर 13अमावस्या तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 12, 2023 को 02:44 PM बजेबड़ी दिवाली 2023 पूजा मुहूर्त (Diwali 2023 Muhurat)
पंचागं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से होगी और अगले दिन 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगी. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल में की जाती है ऐसे में 12 नवंबर को महालक्ष्मी की पूजा का समय प्राप्त हो रहा है.लक्ष्मी पूजा का समय - शाम 05.39 - रात 07.35 (12 नवंबर 2023), अवधि - 01 घंटा 56 मिनटप्रदोष काल - शाम 05:29 - रात 08:08वृषभ काल - शाम 05:39 - रात 07:35दिवाली 2023 निशिता काल मुहूर्त (Diwali 2023 Night Puja muhurat)
शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा मध्यरात्रि यानी निशिता काल मुहूर्त में भी की जाती है. धन की देवी की आराधना के लिए यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस समय देवी लक्ष्मी घर-घर में विचरण करती है और मां लक्ष्मी की पूजा से सहस्त्ररुप सर्व व्यापी लक्ष्मीजी सिद्धि होती हैं.लक्ष्मी पूजा - 12 नवंबर 2023, रात 11:39- 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32 (अवधि - 53 मिनट्स)सिंह लग्न - प्रात: 12:10 - प्रात: 02:27 (13 नवंबर 2023)दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2023 Chaughadiya Muhurat)
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 02:44 - दोपह 02:47 पी एम (12 नवंबर 2023)सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - शाम 05:29 - रात 10:26 पी एम (12 नवंबर 2023)रात्रि मुहूर्त (लाभ) - प्रात: 01:44 - प्रात: 03:24 (13 नवंबर 2023)उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - प्रात: 05:06 - 06:45 (13 नवंबर 2023)दिवाली की रात क्या करना चाहिए
लोग इस त्यौहार को विभिन्न तरीकों से मनाते हैं जैसे अपने घर को फूलों से सजाना, रंगोली बनाना, रोशनी और दीयों से घर को सजाना। इस दिन को हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। दिवाली के दिन लोग रात के समय पूजा करते हैं।श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Lakshmi Chalisa)
दोहा॥मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास ।मनोकामना सिद्घ करि,परुवहु मेरी आस ॥॥ सोरठा॥यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं ।सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदंबिका ॥॥ चौपाई ॥सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही ।ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥तुम समान नहिं कोई उपकारी ।सब विधि पुरवहु आस हमारी ॥जय जय जगत जननि जगदम्बा ।सबकी तुम ही हो अवलम्बा ॥तुम ही हो सब घट घट वासी ।विनती यही हमारी खासी ॥जगजननी जय सिन्धु कुमारी ।दीनन की तुम हो हितकारी ॥विनवौं नित्य तुमहिं महारानी ।कृपा करौ जग जननि भवानी ॥केहि विधि स्तुति करौं तिहारी ।सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी ।जगजननी विनती सुन मोरी ॥ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता ।संकट हरो हमारी माता ॥क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो ।चौदह रत्न सिन्धु में पायो ॥ 10चौदह रत्न में तुम सुखरासी ।सेवा कियो प्रभु बनि दासी ॥जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा ।रुप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा ।लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं ।सेवा कियो हृदय पुलकाहीं ॥अपनाया तोहि अन्तर्यामी ।विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी ॥तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी ।कहं लौ महिमा कहौं बखानी ॥मन क्रम वचन करै सेवकाई ।मन इच्छित वांछित फल पाई ॥तजि छल कपट और चतुराई ।पूजहिं विविध भांति मनलाई ॥और हाल मैं कहौं बुझाई ।जो यह पाठ करै मन लाई ॥ताको कोई कष्ट नोई ।मन इच्छित पावै फल सोई ॥ 20त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि ।त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी ॥जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै ।ध्यान लगाकर सुनै सुनावै ॥ताकौ कोई न रोग सतावै ।पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै ॥पुत्रहीन अरु संपति हीना ।अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना ॥विप्र बोलाय कै पाठ करावै ।शंका दिल में कभी न लावै ॥पाठ करावै दिन चालीसा ।ता पर कृपा करैं गौरीसा ॥सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै ।कमी नहीं काहू की आवै ॥बारह मास करै जो पूजा ।तेहि सम धन्य और नहिं दूजा ॥प्रतिदिन पाठ करै मन माही ।उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं ॥बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई ।लेय परीक्षा ध्यान लगाई ॥ 30करि विश्वास करै व्रत नेमा ।होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा ॥जय जय जय लक्ष्मी भवानी ।सब में व्यापित हो गुण खानी ॥तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं ।तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं ॥मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै ।संकट काटि भक्ति मोहि दीजै ॥भूल चूक करि क्षमा हमारी ।दर्शन दजै दशा निहारी ॥बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी ।तुमहि अछत दुःख सहते भारी ॥नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में ।सब जानत हो अपने मन में ॥रुप चतुर्भुज करके धारण ।कष्ट मोर अब करहु निवारण ॥केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई ।ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई ॥॥ दोहा॥त्राहि त्राहि दुख हारिणी,हरो वेगि सब त्रास ।जयति जयति जय लक्ष्मी,करो शत्रु को नाश ॥रामदास धरि ध्यान नित,विनय करत कर जोर ।मातु लक्ष्मी दास पर,करहु दया की कोर ॥दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2023 Chaughadiya Muhurat)
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 02:44 - दोपह 02:47 पी एम (12 नवंबर 2023)सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - शाम 05:29 - रात 10:26 पी एम (12 नवंबर 2023)रात्रि मुहूर्त (लाभ) - प्रात: 01:44 - प्रात: 03:24 (13 नवंबर 2023)उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - प्रात: 05:06 - 06:45 (13 नवंबर 2023)Diwali Shpo Puja Muhurat: दिवाली व्यापार पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का शुभ समय- 12 नवंबर शाम 5:38 बजे से 7:35 बजे तक।निशिता कर मुहूर्त- 12 नवंबर रात 11:35 बजे से 13 नवंबर दोपहर 12:32 बजे तक।प्रदोष काल- शाम 5:29 बजे से रात 8:08 बजे तक।वृषभ राशि - शाम 5:39 बजे शाम 7:35 बजे तकचौघड़िया पूजा मुहूर्त- दोपहर का मुहूर्त (शुभ चौगड़िया) 12 नवंबर को दोपहर 1:26 बजे से 2:46 बजे तक।लक्ष्मी पूजा पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)
ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र स्नान करें।घर और मंदिर को साफ करें।अपने घर को रंगोली, फूलों और लाइटों से सजाएं।नए साफ कपड़े पहनें और लक्ष्मी पूजा के लिए सारी सामग्री एकत्रित कर लें।इस शुभ दिन पर कई साधक व्रत भी रखते हैं।शाम के समय एक लकड़ी के तख्ते पर श्री यंत्र और लड्डू गोपाल जी के साथ भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।21 मिट्टी के दीपक जलाएं और 11 कमल के फूल, पान, सुपारी, इलाइची, लौंग, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, खीर, खील चढ़ाकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें।सबसे पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को तिलक लगाएं और फिर 108 बार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।मां लक्ष्मी के सामने अपने आभूषण और पैसे रख दें और उनसे सौभाग्य प्राप्ति की प्रार्थना करें।अंत में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।Laxmi Ji Ki Aarti: लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
Diwali Mantra: दिवाली मंत्र
Kuber Mantra (कुबेर मंत्र)अमोघ मंत्रॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये।धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।अष्ट लक्ष्मी कुबेर मंत्रॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥धन प्राप्ति मंत्रॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥दिवाली व्रत कथा (Diwali vrat Katha)
एक गांव में एक साहूकार उसकी पत्नी और उसकी बेटी रहती थे। वह रोजाना पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते थे। इस पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी का निवास था। एक दिन मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा कि मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं और अपनी सहेली बनाना चाहती हूं। इस पर लड़की ने कहा कि वह अपने माता-पिता से पूछ कर बताएगी। पिता की आज्ञा मांगने पर उन्होंने इस बात पर स्वीकृति दे दी। इसके बाद मां लक्ष्मी और वह लड़की सहेली बन गए। एक दिन मां लक्ष्मी ने उसे अपने यहां भोजन का निमंत्रण दिया। जब लड़की भोजन करने पहुंची तो मां लक्ष्मी मां ने बड़े ही अच्छे तरीके से उसका स्वागत किया और सोने और चांदी के बर्तनों में खाना खिलाया।दिवाली की रात क्या करना चाहिए
लोग इस त्यौहार को विभिन्न तरीकों से मनाते हैं जैसे अपने घर को फूलों से सजाना, रंगोली बनाना, रोशनी और दीयों से घर को सजाना। इस दिन को हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। दिवाली के दिन लोग रात के समय पूजा करते हैं।Diwali Kali Puja Muhurat ( दिवाली काली पूजा मुहूर्त)
12 नवंबर 2023 को रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 13 नवंबर को सुबह 12 बजकर 32 मिनट तक काली पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है।दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2023 Chaughadiya Muhurat)
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 02:44 - दोपह 02:47 पी एम (12 नवंबर 2023)सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - शाम 05:29 - रात 10:26 पी एम (12 नवंबर 2023)रात्रि मुहूर्त (लाभ) - प्रात: 01:44 - प्रात: 03:24 (13 नवंबर 2023)उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - प्रात: 05:06 - 06:45 (13 नवंबर 2023)लक्ष्मी पूजा पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)
ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र स्नान करें।घर और मंदिर को साफ करें।अपने घर को रंगोली, फूलों और लाइटों से सजाएं।नए साफ कपड़े पहनें और लक्ष्मी पूजा के लिए सारी सामग्री एकत्रित कर लें।इस शुभ दिन पर कई साधक व्रत भी रखते हैं।शाम के समय एक लकड़ी के तख्ते पर श्री यंत्र और लड्डू गोपाल जी के साथ भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।21 मिट्टी के दीपक जलाएं और 11 कमल के फूल, पान, सुपारी, इलाइची, लौंग, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, खीर, खील चढ़ाकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें।सबसे पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को तिलक लगाएं और फिर 108 बार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।मां लक्ष्मी के सामने अपने आभूषण और पैसे रख दें और उनसे सौभाग्य प्राप्ति की प्रार्थना करें।अंत में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2023 Chaughadiya Muhurat)
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 02:44 - दोपह 02:47 पी एम (12 नवंबर 2023)सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - शाम 05:29 - रात 10:26 पी एम (12 नवंबर 2023)रात्रि मुहूर्त (लाभ) - प्रात: 01:44 - प्रात: 03:24 (13 नवंबर 2023)उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - प्रात: 05:06 - 06:45 (13 नवंबर 2023)Diwali Shpo Puja Muhurat: दिवाली व्यापार पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का शुभ समय- 12 नवंबर शाम 5:38 बजे से 7:35 बजे तक।निशिता कर मुहूर्त- 12 नवंबर रात 11:35 बजे से 13 नवंबर दोपहर 12:32 बजे तक।प्रदोष काल- शाम 5:29 बजे से रात 8:08 बजे तक।वृषभ राशि - शाम 5:39 बजे शाम 7:35 बजे तकचौघड़िया पूजा मुहूर्त- दोपहर का मुहूर्त (शुभ चौगड़िया) 12 नवंबर को दोपहर 1:26 बजे से 2:46 बजे तक।लक्ष्मी पूजा पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)
ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र स्नान करें।घर और मंदिर को साफ करें।अपने घर को रंगोली, फूलों और लाइटों से सजाएं।नए साफ कपड़े पहनें और लक्ष्मी पूजा के लिए सारी सामग्री एकत्रित कर लें।इस शुभ दिन पर कई साधक व्रत भी रखते हैं।शाम के समय एक लकड़ी के तख्ते पर श्री यंत्र और लड्डू गोपाल जी के साथ भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।21 मिट्टी के दीपक जलाएं और 11 कमल के फूल, पान, सुपारी, इलाइची, लौंग, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, खीर, खील चढ़ाकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें।सबसे पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को तिलक लगाएं और फिर 108 बार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।मां लक्ष्मी के सामने अपने आभूषण और पैसे रख दें और उनसे सौभाग्य प्राप्ति की प्रार्थना करें।अंत में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।Diwali Mehandi Design : दिवाली मेंहदी डिजाइन
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त ( Lakshmi Puja Shubh Muhurat 2023)
लक्ष्मी पूजा का शुभ समय- 12 नवंबर शाम 5:38 बजे से 7:35 बजे तक।निशिता कर मुहूर्त- 12 नवंबर रात 11:35 बजे से 13 नवंबर दोपहर 12:32 बजे तक।प्रदोष काल- शाम 5:29 बजे से रात 8:08 बजे तक।वृषभ राशि - शाम 5:39 बजे शाम 7:35 बजे तकचौघड़िया पूजा मुहूर्त- दोपहर का मुहूर्त (शुभ चौगड़िया) 12 नवंबर को दोपहर 1:26 बजे से 2:46 बजे तक।चोपड़ा पूजा शुभ मुहूर्त ( Chopda Puja Shubh Muhurat)
चोपड़ा पूजा रविवार, नवम्बर 12, 2023 कोदीवाली चोपड़ा पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्तसायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 04:54 PM से 09:44 PMरात्रि मुहूर्त (लाभ) - 12:58 AM से 02:34 AM, नवम्बर 13उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - 04:11 AM से 05:48 AM, नवम्बर 13Diwali Par Kitne Deepak Jalaye (दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए)
दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा के बाद दीपक जलाए जाते हैं। दिवाली पर कुल कितने दीपक जलाने चाहिए इसकी कोई सीमा नहीं है। आप अपनी श्रृद्धानुसार कितने भी दीपक जला सकते हैं। लेकिन बस इस बात का ध्यान रखना है कि दीपक की संख्या विषम में होनी चाहिए। शास्त्रों में कम से कम 5 दीपक जलाना अनिवार्य बताया गया है। आप 5, 7, 9, 11, 13, 21 इसी संख्या में कितने भी दीपक जला सकते हैं।Diwali Puja Muhurat 2023 (दिवाली पूजा मुहूर्त 2023)
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:39 मिनट से लेकर 7:35 तक है।Diwali Ganesh Ji Rangoli
Diwali Rangoli Design: दिवाली रंगोली डिजाइन
Today Trading Muhurat Time On Diwali 2023 (दिवाली ट्रेडिंग मुहूर्त 2023)
एनएसई के मुताबिक मुहूर्त ट्रेडिंग 12 नवंबर को शाम 6 बजे से सवा 7 बजे तक चलेगी। इसमें 6 से सवा 6 बजे तक प्री-ओपनिंग होगी। इसके बाद 6.15 से 7.15 तक आम लोग ट्रेडिंग कर सकेंगे। वहीं ब्लॉक डील विंडो 5.45 पर ही खुल जाएगी। वहीं ट्रेड में मोडिफिकेशन शाम 7.25 बजे पर कर सकेंगे। बाजार बंद शाम को शाम 7:30 से लेकर 7:38 तक और मार्केट शाम को 7:40 पर बंद होगा।Aaj Ka Panchang 12 November 2023 (आज का पंचांग)
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:55 से 05:48 तक रहेगा।प्रातः सन्ध्या समय सुबह 05:22 से 06:41 तक रहेगा।
अभिजित मुहूर्त सुबह 11:43 से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा।
विजय मुहूर्त दोपहर 01:53 से 02:36 तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 05:29 से 05:56 तक रहेगा।
सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त शाम 05:29 से 06:48 तक रहेगी।
अमृत काल मुहूर्त शाम 05:40 से 07:20 तक रहेगा।
निशिता मुहूर्त मुहूर्त रात 11:39 पी एम से 12:32 तक रहेगा।
दिवाली का महत्व ( Diwali Importance)
हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का खास महत्व है। इस दिन घर आंगन को दीपों से सजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म भी हुआ था। इस कारण इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सुख, समद्धि आती है। इस दिन लक्ष्मी की पूजा से घर में वृद्धि आती है।Laxmi Ji Ki Aarti: दिवाली की सुबह-शाम जरूर करें लक्ष्मी जी की आरती
Laxmi Mata Ki Aarti (लक्ष्मी माता की आरती)ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
Good Morning Happy Diwali 2023: दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपों का त्योहार है आया,दीप पर्व का फैला उजियारा
जगमग-जगमग दीप चमकते,
देखो जग हुआ रौशन सारा
दीप पर्व की मंगलकामना और बधाई
Diwali Katha: दिवाली कथा
एक गांव में एक साहूकार और उसकी बेटी रहती थी। वह रोजाना पीपल पर जल चढ़ाने जाती थी। इस पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास था। फिर एक दिन ऐसा हुआ कि लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी ने कहा कि वो अपने पिता से पूछकर बताएगी। जब उसने अपने पिता से यह पूछा तो उन्होंने हां कर दी। फिर साहूकार की बेटी ने मां लक्ष्मी को सहेली बनने के लिए सहमती दे दी। इसके बाद साहूकार की बेटी और मां लक्ष्मी अच्छे मित्र बन गए।फिर एक दिन लक्ष्मीजी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गईं। मां लक्ष्मी ने उसका स्वागत उनके घर में किया। उसे भोजन कराया। साहूकार की बेटी वापस अपने घर लौटने लगी तो लक्ष्मी जी ने कहा कि वो उन्हें अपने घर पर बुलाएगी। इस पर लड़की ने उन्हें अपने घर आने का निमंत्रण दे दिया। लेकिन साहूकार की हालत सही नहीं थी। लड़की को लगा कि वो ठीक तरह से उनका स्वागत नहीं कर पाएंगी।साहूकार ने अपनी बेटी को उदास देखा। वो समझ गया था कि उसकी बेटी क्यों परेशान है। साहूकार ने कहा कि तू मिट्टी से चौका लगा और साफ-सफाई कर। साथ ही चार बत्ती के मुख वाला दिया भी जलाए। इसके बाद लक्ष्मी जी का नाम लेकर बैठ जाए। इस दौरान एक चील आई और लड़की के पास किसी का नौलखा हार छोड़कर चली गई। फिर लड़की ने उस हार को बेचा और भोजन की तैयारी की। फिर कुछ देर बाद लक्ष्मी जी श्री गणेश के साथ आईं। लड़की ने उनकी खूब सेवा की और इससे लक्ष्मी जी बेहद प्रसन्न हुईं। लक्ष्मी जी ने प्रसन्न होकर साहूकार को बहुत अमीर बन दिया।दिवाली 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2023 Puja Muhurat)
दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक है। वहीं लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।दिवाली का महत्व ( Diwali Importance)
हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का खास महत्व है। इस दिन घर आंगन को दीपों से सजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म भी हुआ था। इस कारण इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सुख, समद्धि आती है। इस दिन लक्ष्मी की पूजा से घर में वृद्धि आती है।लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति (Diwali Laxmi Ganesh Murti)
दिवाली पर लक्ष्मी जी पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति या चित्र को चौकी के केंद्र में रखें. ध्यान रखें कि मूर्ति को कलश के दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही रखें। इसके बाद लक्ष्मी जी के सामने चावल की एक छोटी सी थाली रखें और चावल पर हल्दी से कमल का फूल बनाएं. साथ ही सिक्के, नोट, सोने की गिन्नी आभूषण आदि रख सकते हैं।लक्ष्मी पूजा तिथि और समय (Diwali Lakshmi Puja Shubh Time)
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 12 नवंबर 02:44 सेअमावस्या तिथि समापन - 13 नवंबर, 02:56 तकलक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 12 नवंबर शाम 05:19 बजे से शाम 07:19 बजे तकमेंहदी डिजाइन: Mehandi Design
लक्ष्मी पूजा तिथि और समय (Diwali Lakshmi Puja Shubh Time)
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 12 नवंबर 02:44 सेअमावस्या तिथि समापन - 13 नवंबर, 02:56 तकलक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 12 नवंबर शाम 05:19 बजे से शाम 07:19 बजे तकDiwali Ke Din Kya Karen ( दिवाली के दिन क्या करें)
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन की तैयारी सूर्योदय से पहले ही स्नान आदि से निवृत्त होकर कर लेनी चाहिए। पूजा से पहले घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए। दिवाली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए। घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना चाहिए। गणेश-लक्ष्मी पूजा के दौरान लाल वस्त्रों को धारण करना शुभ माना जाता है।लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत,मैया जी को निस दिन सेवत, हर विष्णु विधाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माताओ मैया तुम ही जग मातासूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाताओ मैया सुख सम्पति दाताजो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाताओ मैया तुम ही शुभ दाताकर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...जिस घर तुम रहती तहँ सब सदगुण आताओ मैया सब सदगुण आतासब सम्ब्नव हो जाता, मन नहीं घबराता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...तुम बिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाताओ मैया वस्त्र ना पाटाखान पान का वैभव, सब तुम से आता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाताओ मैया क्षीरोदधि जातारत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करोमैया माँ स्वीकार करोज्ञान प्रकाश करो माँ, मोहा अज्ञान हरो ||ॐ जय लक्ष्मी माता...महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाताओ मैया जो कोई गाताउर आनंद समाता, पाप उतर जाता ||ॐ जय लक्ष्मी माता...वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 (Taurus Yearly Horoscope): जानिए, वृषभ राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
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