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शुरू हुआ लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त , जानिए पूजा विधि, महत्व, कथा सहित सारी जानकारी

दिवाली का त्योहार इस साल 31 अक्टूबर को यानी आज मनाया जा रहा है। लक्ष्मी पूजन के लिए शाम 05:35 से रात 08:11 बजे तक का समय बेहद शुभ रहेगा। यहां जानिए दिवाली पर्व से जुड़ी हर एक जानकारी।

शुरू हुआ लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त , जानिए पूजा विधि, महत्व, कथा सहित सारी जानकारी
दिवाली या दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 03:12 बजे से लग जाएगी जो 01 नवम्बर को सायंकाल 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। दिवाली की पूजा शाम के समय शुभ मुहूर्त में की जाती है। इस साल दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त सायंकाल 05:35 से रात्रि 08:11 बजे तक रहेगा। जबकि दिवाली पूजनक लिए निशिता काल मुहूर्त रात 11:39 से लेकर देर रात 12:31 तक रहेगा। निशीथ काल पूजन विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं के लिए अच्छा माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं दिवाली के अन्य शुभ मुहूर्तों के बारे में।

Diwali Puja Vidhi

दिवाली कब है 2024 (Dipawali kis tarikh ko hai)
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार दीपावली तिथि का निर्धारण का मुख्य प्रत्यय लक्ष्मी पूजा व अमावस्या अर्ध रात्रि की तांत्रिक उपासना है। मतलब अमावस्या की रात्रि वो भी अर्ध रात्रि मिले तथा लक्ष्मी पूजा मुख्यतः स्थिर लग्न में होती है। स्थिर लग्न 02 होते हैं वृष व सिंह। यह दोनों लग्न 31 की रात्रि में प्राप्त होंगे। अमावस्या की तांत्रिक सिद्धि की अर्ध रात्रि भी 31 को ही प्राप्त होगी। प्रदोष शब्द जहां भी आएगा वह शुभ रहेगा। प्रदोष का सम्बंध शिव व शिव उपासना से होता है। लक्ष्मी पूजन व्यावसायिक प्रतिष्ठान में प्रदोष व वृष लग्न में तथा घर में प्रदोष व सिंह लग्न में होती है। दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। दीपावली की अमावस्या की अर्ध रात्रि में सिद्धि वर्षा होती है। बड़े साधक इसी रात्रि को माता काली उपासना करते हैं। अमावस्या मूलतः धन के साथ शक्ति उपासना है।

दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 2024 (Diwali Laxmi Pujan Shubh Muhurat 2024)
31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। तो वहीं स्थिर लग्न मुहूर्त रात 12:53 से लेकर देर रात को 3:09 तक रहेगा।

दिवाली पर निशीथ काल मुहूर्त 2024 (Diwali Nishita Kaal Muhurat 2024)
दिवाली पर निशीथ काल मुहूर्त 31 अक्टूबर की रात 11:39 से लेकर देर रात 12:31 तक रहेगा। कई लोग इस समय पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। निशीथ काल पूजन विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं के लिए ज्यादा अच्छा माना गया है।

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2024 (Diwali 2024 Shubh Choghadiya Muhurat)
  • शुभ - उत्तम - 06:32 AM से 07:55 AM
  • चर - सामान्य - 10:41 AM से 12:04 PM
  • लाभ - उन्नति - 12:04 से 13:27
  • अमृत - सर्वोत्तम - 01:27 PM से 02:50 PM
  • शुभ - उत्तम - 04:13 PM से 05:36 PM
  • अमृत - सर्वोत्तम - 05:36 PM से 07:14 PM
  • चर - सामान्य - 07:14 PM से 08:51 PM
  • लाभ - उन्नति - 12:05 AM से 01:42 AM (1 नवंबर 2024)

Oct 31, 2024 | 06:58 PM IST

दिवाली मंत्र

ओम मन्दार-पारिजाताद्यैः, अनेकैः कुसुमैः शुभैः। पूजयामि शिवे, भक्तया, कमलायै नमो नमः।। ओम लक्ष्म्यै नमः, पुष्पाणि समर्पयामि।' इस मंत्र का जप करके माता को नस्त्र अर्पित करें।
Oct 31, 2024 | 06:27 PM IST

aarti for diwali pooja

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
Oct 31, 2024 | 06:10 PM IST

diya jalane ka time in diwali 2024

पंचांग के अनुसार, आज यानी 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 05:55 PM IST

(Diwali 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आज यानी 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 05:31 PM IST

Diwali katha in hindi: दिवाली की कथा

एक समय की बात है कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मीजी भ्रमण करने के लिए निकलीं थीं। उस दिन चारों तरफ अंधकार व्याप्त था। जिस कारण वो रास्ता भूल गईं। तब उन्होंने निश्चय किया कि वो रात वे मृत्युलोक यानी धरती पर ही गुजार लेंगी और सूर्योदय के बाद बैकुंठधाम वापस चली जाएंगी। उस रात माता ने देखा कि लोग अपने घरों के द्वार बंद कर सो रहे हैं। तभी माता को अंधकार के साम्राज्य में एक द्वार खुला देखा जिसमें दीपक जल रहा था। माता दीपक की रोशनी देख उसी घर की तरफ चल दीं। वहां माता ने एक बूढ़ी महिला को चरखा चलाते देखा। उस रात माता वृद्धि महिला की अनुमति से उसी के घर ठहर गईं। वृद्ध महिला ने माता को आराम करने के लिए बिस्तर दिया। इसके बाद वो फिर से अपने काम में लग गई।

चरख चलाते चलाते बूढ़ी महिला को नींद आ गई। जब दूसरे दिन सुबह उसकी आंख खुली तो उसने देखा जो महिला रात में रूकी थी वो चली गई है। लेकिन बुढ़िया ये देखकर हैरान रह गई कि उसकी कुटिया में महल में बदल चुकी है। चारों तरफ धन-धान्य और रत्न बिखरे हुए थे। कथा अनुसार जो व्यक्ति अमावस्या की रात में माता की सच्चे मन से अराधना करता है उसके जीवन में धन-दौलत की कभी कमी नहीं होती।

हे लक्ष्मी माता जैसे आप उस वृद्ध महिला पर प्रसन्न हुईं ठीक वैसे ही सब पर प्रसन्न होना। कहते हैं तभी से कार्तिक अमावस पर दीप जलाने की परंपरा शुरू हो गई। इसलिए इस दिन लोग द्वार खोलकर और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी के आने की प्रतिक्षा करते हैं।
Oct 31, 2024 | 05:06 PM IST

दिवाली पूजा सामग्री

पूजा में शुद्ध जल, अबीर, गुलाल, फूल, नारियल, धूप, और घी का दीपक शामिल करें। भोग में सफेद मिठाई, पंचामृत, गन्ना, केला, सेब, और अमरूद अर्पित करें। आरती के लिए एक अलग थाली में घी का दीपक और कपूर रखें।
Oct 31, 2024 | 04:39 PM IST

धन लक्ष्मी पोटली बनाने की सामग्री (Dhan Laxmi Potli Banane Ki Samagri)

गोमती चक्र
पीली कौड़ी
इलायची
लौंग
सुपारी
हल्दी साबुत
चांदी का सिक्का
500 का नोट
धनिया
कमल गट्टा
लाल कपड़ा
कलावा
Oct 31, 2024 | 04:18 PM IST

Deepawali Poojan samagri: दिपावली पूजन सामग्री

पूजा के दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, अखंडित चावल, बताशा, सिंदूर, कुमकुम, अबीर-गुलाल, सुगंधित द्रव्य और नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय लक्ष्मी चालीसा का पाठ, लक्ष्मी स्तोत्र और मंत्र जप करें। पूजा के अंत में आरती करें।
Oct 31, 2024 | 03:50 PM IST

दिवाली पूजा में क्या-क्या चाहिए (Diwali Puja Mein Kya Kya Chahiye)

फल-पूजा में आप फल भी रखें जैसे सेब, केला, अनार इत्यादि।

नारियल और पान का बीड़ा- दिवाली की पूजा में नारियल और पान का बीड़ा जरूर अर्पित करना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी जरूर प्रसन्न होंगी।

खील-बताशे- दिवाली पूजा में खील, बताशे जरूर रखने चाहिए। पूजा के बाद लोग एक-दूसरे को खील-बताशे देते हैं।

धनिये का बीज- दिवाली पूजा में धनिये के बीज भी जरूर रखें। इससे माता प्रसन्न होती हैं।

आभूषण और बर्तन- धनतेरस के दिन जो आभूषण और बर्तन आपने खरीदें उसे भी पूजा में जरूर रखें।
Oct 31, 2024 | 03:31 PM IST

Ganesh Chalisa Lyrics (गणेश चालीसा लिरिक्स)

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥
Oct 31, 2024 | 03:00 PM IST

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2024: laxmi puja muhurat 2024

गुरुवार को लक्ष्मी-गणेशजी की पूजा के लिए शाम 627 बजे से 823 बजे तक का मुहूर्त शुभ है।
Oct 31, 2024 | 02:36 PM IST

diwali Pujan kaise karen: दिवाली की पूजा कैसे करें

वैसे तो दिवाली से काफी दिनों पहले घरों की साफ-सफाई होती है, लेकिन दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले एक बार फिर से साफ-सफाई करें। घर के वातावरण को शुद्ध और पवित्र करने के लिए घर के हर कोनों में गंगाजल का छिड़काव करें।
इसके बाद घर के मुख्य दरवाजे पर रंगोली और तोरण द्वार बनाएं। वहीं दरवाजे के दोनों हिस्सों में स्वास्तिक और शुभ-लाभ की आकृतियां बनाएं।
शाम के समय लक्ष्मी जी की पूजा के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण में एक चौकी रखें।फिर इस चौकी पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति को विराजित करें और दाहिन तरफ मां लक्ष्मी की मूर्ति को रखें। साथ ही जल से भरा कलश भी रखें।
फिर सभी पूजन सामग्री को साथ में लेकर आसान पर बैठें और चारो तरफ गंगाजल का छिड़काव करते हुए पूजा का संकल्प लेते हुए पूजा आरंभ कर दें।
सबसे पहले गणेश स्तुति और वंदना करते हुए गणेश की पुष्य, अक्षत, गंध, फल और भोग अर्पित हुए तिलक लगाएं।
भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हुए मां लक्ष्मी को सिंदूर अर्पित करते हुए सभी तरह की पूजन सामग्री भेंट करें।
फिर भगवान गणेश,माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान के साथ कुबेर देव और मां सरस्वती की पूजा करें।
इसके बाद परिवार सभी लोग महालक्ष्मी की आरती, मंत्रों का जाप और स्तुति पाठ करें।
आरती और मंत्रों का जाप के बाद दीपक जलाएं और घर के हर एक हिस्से में रखें।
महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी और बहीखाते की पूजा करें।
इसके अलावा दिवाली पर पूर्वजों को याद करते हुए उनकी पूजा-अर्चना, धूप और भोग अर्पित करें।
Oct 31, 2024 | 02:01 PM IST

Aaj Ka Panchang 2024: आज का पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक
Oct 31, 2024 | 01:30 PM IST

दिवाली पर दीपक जलाने का टाइम (Diwali Par Deepak Jalane Ka Time)

दिवाली पर दीपक सूर्यास्त के बाद, प्रदोष काल के समय जलाना शुभ माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
Oct 31, 2024 | 01:00 PM IST

31 October 2024 amawasya time: 31 अक्टूबर अमावस्या टाइम

इस साल कार्तिक अमावस्या की तिथि की शुरूआत 31 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से हो रही है. कार्तिक अमावस्या तिथि 1 नवंबर शुक्रवार को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक मान्य है
Oct 31, 2024 | 12:23 PM IST

दिवाली लक्ष्मी पूजन समाग्री pdf (Diwali Laxmi Pujan Samagri List)

एक लकड़ी की चौकी

• चंदन, एक लाल कपड़ा

• पंचामृत

• कुमकुम

• पान

• हल्दी की गांठ

• कमल का फूल

• रोली

• सुपारी

• लौंग

• धूपबत्ती

• भगवान के लिए वस्त्र

• भोग के लिए मिठाई

• माचिस

• दीपक

• घी

• गंगाजल

• फल

• पान का पत्ता

• कपूर

• दूर्वा

• अक्षत

• श्रृंगार का समान

• जनेऊ

• लैया

• खील

• बताशे

• गेहूं

• चांदी के सिक्के

• आम के पत्ते

• आरती व चालीसा की किताब

• कलावा

• नारियल और कलश
Oct 31, 2024 | 11:54 AM IST

Puja Muhurat On Diwali 2024: दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

दीपावली आज, शाम 6:27 से 8:23 बजे तक पूजन का शुभ मुहूर्त।
Oct 31, 2024 | 11:27 AM IST

दिवाली कब मनाई जाती है: Diwali kab manai jati hai

यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
Oct 31, 2024 | 10:52 AM IST

दिवाली स्थिर लग्न मुहूर्त 2024 (Diwali Sthir Lagna 2024)

दिवाली स्थिर लग्न (वृष लग्नघ शाम 06:27 से रात 08:23 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है।
Oct 31, 2024 | 09:44 AM IST

दिवाली पर कम से कम कितने दीपक जलाने चाहिए (Diwali Me Minimum Kitne Deepak Jalaye)

दिवाली के दिन मुख्य रूप से 5 दीपक तो जरूर ही जलाने चाहिए। जिसमें से एक दिया सबसे ऊंचे स्थान पर रखा जाता है, दूसरा रसोई में, तीसरा दिया पानी के पास, चौथा पीपल के पेड़ पर और पांचवा दिया घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है।
Oct 31, 2024 | 08:45 AM IST

लक्ष्मी बीज मन्त्र (Laxmi Beej Mantra)

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
Oct 31, 2024 | 07:59 AM IST

दीपावली पर क्या करें करें?

  • दीपावली के दिन रंगोली अवश्य बनाएं। इससे मां लक्ष्मी की प्रसन्नता हासिल होती है।
  • दिवाली के दिन घर में तोरण अवश्य लगाएँ। यह आम के पत्ते, फूल आदि से बनाया जाता है। इसे लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है।
  • दिवाली के मौके पर अपने घर और ऑफिस को अच्छी तरह से सजाएँ।
  • दिवाली के दिन झाड़ू पूजन अवश्य करें।
  • दिवाली के दिन प्रवेश द्वार के दोनों तरफ दीप अवश्य जलाएं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
Oct 31, 2024 | 07:03 AM IST

Diwali Par Kitne Diya Jalaye: दीपावली पर कितने दीपक जलाएं

दीपक हमेशा विषम संख्या में ही जलाने चाहिए अर्थात पांच दीपक, सात दीपक या नौ दीपक।
Oct 31, 2024 | 06:33 AM IST

दिवाली की आरती (Diwali Ki Aarti)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
Oct 30, 2024 | 09:59 PM IST

दिवाली 2024 शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: 04:47 ए एम से 05:39 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:39 ए एम से 12:23 पी एम तक
विजय मुहूर्त: 01:51 पी एम से 02:35 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:31 पी एम से 05:57 पी एम तक
अमृत काल: 05:32 पी एम से 07:20 पी एम तक
सायाह्न सन्ध्या: 05:31 पी एम से 06:49 पी एम तक
Oct 30, 2024 | 09:30 PM IST

दिवाली चौघड़िया मुहूर्त 2024 (Diwali Choghadiya Muhurat 2024)

शुभ - उत्तम - 06:32 AM से 07:55 AM

चर - सामान्य - 10:41 AM से 12:04 PM

लाभ - उन्नति - 12:04 से 13:27

अमृत - सर्वोत्तम - 01:27 PM से 02:50 PM

शुभ - उत्तम - 04:13 PM से 05:36 PM
Oct 30, 2024 | 09:00 PM IST

दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति कैसे लें

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति खंडित ना हो। क्योंकि टूटी हुई प्रतिमा की पूजा करना अशुभ माना जाता है। इसलिए प्रतिमा खरीदते समय विशेष सावधानी बरतें।
Oct 30, 2024 | 08:26 PM IST

दीवाली कथा

सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में ऋषि दुर्वासा के श्राप के चलते स्वर्ग श्रीविहीन हो गया था। यह जान दानवों ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। लक्ष्मी विहीन होने के चलते देवता युद्ध के मैदान में दानवों के पास टिक नहीं सके। फलतः उन्हें स्वर्ग छोड़ना पड़ा। अब स्वर्ग पर दानवों का अधिपत्य हो गया। तब देवता, ब्रह्मा और विष्णु जी के पास गए और उन्हें अपनी आपबीती बताई। विष्णु जी को पूर्व से इसकी जानकारी थी। उस समय विष्णु जी ने देवताओं को समुद्र मंथन कर अमृत प्राप्त करने की सलाह दी। साथ ही यह भी कहा कि अमृत पान कर आप सब अमर हो जाएंगे। इसके बाद आपको युद्ध में कोई परास्त नहीं कर पायेगा। हां, समुद्र मंथन के लिए आपको दानवों की सहायता लेनी पड़ेगी। कालांतर में देवताओं ने दानवों की मदद से समुद्र मंथन किया। इसमें वासुकि नाग और मंदार पर्वत से समुद्र मंथन किया गया। समुद्र मंथन से न केवल अमृत की प्राप्ति हुई, बल्कि धन की देवी मां लक्ष्मी भी पुनः अवतरित हुईं। देवता अमृत पान कर अमर हो गए। वहीं, लक्ष्मी की कृपा से स्वर्ग में पुनः सुख, सौभाग्य और ऐश्वर्य लौट आया। इसके लिए हर वर्ष कार्तिक अमावस्या पर दीवाली मनाई जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार, राजा बलि के अनुरोध पर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दीवाली मनाई जाती है।
Oct 30, 2024 | 08:01 PM IST

दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त


लक्ष्मी पूजा का समय: शाम 5:12 बजे से रात 10:30 बजे तक
लक्ष्मी पूजा निशिता मुहूर्त: रात 11:39 बजे से देर रात 12:31 बजे तक
वृषभ लग्न: शाम 6:25 बजे से रात 8:20 बजे तक
Oct 30, 2024 | 07:27 PM IST

kali puja 2024: काली पूजा 2024

इस साल काली पूजा 31 अक्तूबर 2024 को मनाई जाएगी। काली पूजा का शुभ मुहूर्त 11:39 PM से 12:31 AM तक रहेगा। ये निशिता काल समय है। माता काली की पूजा के लिए यही मुहूर्त शुभ माना जाता है।
Oct 30, 2024 | 06:23 PM IST

दिवाली में लक्ष्मी-गणेश की पूजा क्यों होती है (Diwali Ke Din Laxmi-Ganesh Ki Puja Kyu Hoti Hai)

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी जी के साथ गणपति की पूजा इसलिए की जाती है जिससे मनु वो अपने धन का इस्तेमाल सही जगह और सामर्थ्य अनुसार कर पाएं। लोग इसी प्रार्थना के साथ दीपावली पर गणपति की पूजा करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि का आशीष मिले।
Oct 30, 2024 | 05:27 PM IST

मां काली मंत्र : Maa Kali Mantra

ॐ क्रीं काली
ॐ क्रीं कालिकायै नमः
ॐ श्री महा कलिकायै नमः
Oct 30, 2024 | 03:36 PM IST

दिवाली काली पूजा मुहूर्त 2024 (Diwali Kali Puja Muhurat 2024)

इस साल काली पूजा 31 अक्तूबर 2024 को मनाई जाएगी। काली पूजा का शुभ मुहूर्त 11:39 PM से 12:31 AM तक रहेगा। ये निशिता काल समय है। माता काली की पूजा के लिए यही मुहूर्त शुभ माना जाता है।
Oct 30, 2024 | 02:38 PM IST

दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट (Diwali Puja Samagri List)

लकड़ी की चौकी, कुमकुम, हल्दी की गांठ, रोली, एक लाल कपड़ा, एक लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सुपारी, पान, दीपक, लौ, माचिस, घी, गंगा जल, लौंग, अगरबत्ती, धूपबत्ती, पंचामृत, गेहूं, दूर्वा, जनेऊ, खील बताशे, फूल, फल, कपूर, चांदी के सिक्के और कलावा।
Oct 30, 2024 | 01:43 PM IST

Diwali 2024: 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा दिवाली का त्योहार

कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 03:12 बजे लग रही है जो 01 नवम्बर को सायंकाल 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगी।01 नवम्बर को सूर्यास्त सायंकाल 05 बजकर 32 मिनट पर है।01 नवम्बर को अमावस्या सूर्यास्त के पहले खत्म हो जा रही है।01 नवम्बर को प्रदोष काल व निशीथ काल दोनों में कार्तिक अमावस्या न मिलने से 01 को दीपावली कदापि नहीं मनानी चाहिए।31 अक्टूबर को अमावस्या में प्रदोष काल युक्त अमावस्या तथा स्थिर लग्न वृष सायंकाल 06:27 से रात्रि 08:23 व सिंह लग्न मध्य रात्रि 12:53 से 03:09 तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को ही अमावस्या की रात्रि में प्राप्त होगा।अतः दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
Oct 30, 2024 | 12:07 PM IST

Diwali Par Kiski Puja Hoti Hai: दिवाली पर किसकी पूजा होती है

दिवाली पर माता लक्ष्मी, गणेश जी और भगवान राम की पूजा जरूर करनी चाहिए।
Oct 30, 2024 | 11:10 AM IST

दिवाली 2024 कैलेंडर (Diwali 2024 Calendar)

29 अक्टूबर 2024, मंगलवार- धनतेरस, यम दीपम
30 अक्टूबर 2024, बुधवार- काली चौदस, हनुमान पूजा, छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी
31 अक्टूबर 2024, गुरुवार- बड़ी दिवाली, लक्ष्मी पूजा
2 नवंबर 2024, शनिवार - गोवर्धन पूजा
3 नवंबर 2024, रविवार - भाई दूज
Oct 30, 2024 | 10:37 AM IST

दिवाली कल है या परसो?

दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को यानी कल मनाया जाएगा। वहीं ऑफिस में दिवाली पूजन 1 नवंबर को भी किया जा सकता है।
Oct 30, 2024 | 10:07 AM IST

दीपावली के दिन क्या खाना बनाना चाहिए?

दिवाली के दिन तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान और मिष्ठान बनाये जाते हैं।
Oct 30, 2024 | 09:22 AM IST

दिवाली लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2024 (Diwali Laxmi Pujan Muhurat 2024)

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05:36 से लेकर रात 8:11 तक
वृषभ लग्न - शाम 06:25 से लेकर रात को 8:20 तक
निशीथ काल मुहूर्त- रात11:39 से देर रात 12:31 तक