Diwali 2024 Date, Laxmi Pujan Time Live Update: अयोध्या में इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, नोट कर लें लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, जानिए व्रत कथा, मंत्र, आरती सबकुछ
Diwali 2024 Date, When is Deepawali, दिवाली कब है 31 October या 1 November 2024, Diwali Kab Manayi Jayegi 2024 Mein: दिवाली का त्योहार इस साल कब मनाया जाएगा 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन चल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि दोनों ही दिन पड़ रही है। तो ऐसे में जानिए किस दिन दिवाली लक्ष्मी पूजन करना रहेगा ज्यादा शुभ।
इसलिए 31 अक्टूबर को मनाई जानी चाहिए दिवाली
दिवाली कब है 2024 (Diwali 2024 Date 31 October Or 1 November)
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार दीपावली तिथि का निर्धारण का मुख्य प्रत्यय लक्ष्मी पूजा व अमावस्या अर्ध रात्रि की तांत्रिक उपासना है। मतलब अमावस्या की रात्रि वो भी अर्ध रात्रि मिले तथा लक्ष्मी पूजा मुख्यतः स्थिर लग्न में होती है। स्थिर लग्न 02 होते हैं वृष व सिंह।यह दोनों लग्न 31 की रात्रि में प्राप्त होंगे। अमावस्या की तांत्रिक सिद्धि की अर्ध रात्रि भी 31 को ही प्राप्त होगी। प्रदोष शब्द जहां भी आएगा वह शुभ रहेगा। प्रदोष का सम्बंध शिव व शिव उपासना से होता है। लक्ष्मी पूजन व्यावसायिक प्रतिष्ठान में प्रदोष व वृष लग्न में तथा घर में प्रदोष व सिंह लग्न में होती है। दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। दीपावली की अमावस्या की अर्ध रात्रि में सिद्धि वर्षा होती है। बड़े साधक इसी रात्रि को माता काली उपासना करते हैं। अमावस्या मूलतः धन के साथ शक्ति उपासना है।
दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 2024 (Diwali Laxmi Pujan Shubh Muhurat 2024)
31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 27 मिनट से रात 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। तो वहीं स्थिर लग्न मुहूर्त रात 12:53 से लेकर देर रात को 3:09 तक रहेगा।
दिवाली पर निशीथ काल मुहूर्त 2024 (Diwali Nishita Kaal Muhurat 2024)
दिवाली पर निशीथ काल मुहूर्त 31 अक्टूबर की रात 11:39 से लेकर देर रात 12:31 तक रहेगा। कई लोग इस समय पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। निशीथ काल पूजन विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं के लिए ज्यादा अच्छा माना गया है।
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2024 (Diwali 2024 Shubh Choghadiya Muhurat)
- शुभ चौघड़िया शाम 4:13 से 5:36 तक (31 अक्टूबर 2024)
- अमृत चौघड़िया 5:36 से लेकर 7:13 तक (31 अक्टूबर 2024)
- चर चौघड़िया 7:13 से लेकर 8:50 तक (31 अक्टूबर 2024)
- लाभ चौघड़िया 12:04 AM से लेकर 1:42 AM तक (1 नवंबर 2024)
- अगले दिन शुभ चौघड़िया 03:19 ए एम से 04:56 ए एम (1 नवंबर 2024)
- अगले दिन अमृत चौघड़िया 04:56 ए एम से 06:33 ए एम (1 नवंबर 2024)
दिवाली 2024 कैलेंडर (Diwali 2024 Calendar)
29 अक्टूबर 2024, मंगलवार- धनतेरस, यम दीपम
30 अक्टूबर 2024, बुधवार- काली चौदस, हनुमान पूजा, छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी
31 अक्टूबर 2024, गुरुवार- बड़ी दिवाली, लक्ष्मी पूजा
2 नवंबर 2024, शनिवार - गोवर्धन पूजा
3 नवंबर 2024, रविवार - भाई दूज
Diwali Shubh Yoga 2024: दिवाली शुभ योग 2024
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर सुबह 10:41 तक प्रीति योग बनेगा, इसके बाद आयुष्मान योग बन रहा है जो पूर्ण रात्रि तक रहेगा। दिवाली पर शिव वास योग का भी निर्माण होने जा रहा है। शिव वास योग शाम 6:16 से रहेगा वहीं स्वाति नक्षत्र का संयोग दिवाली पर बनने वाला है। कहते हैं इन योगों में अगर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो इससे जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है।Diwali Kyu Manate Hain: दिवाली क्यों मनाते हैं
दिवाली के त्यौहार के बारे में कहा जाता है कि, यह प्रकाश का पर्व है। साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में भी मनाया जाता है। इसे दीपावली के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं इसी दिन भगवान श्री राम अपना 14 वर्षों का वनवास काटने के बाद वापस अयोध्या वापिस आए थे।5 Days Of Diwali Festival 2024: दिवाली के पांच मुख्य दिनों की तिथि
- दिवाली का पहला दिन धनतेरस होता है जो 29 अक्टूबर 2024 को पड़ेगा
- दूसरे दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी मनाते हैं जो की 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी
- दिवाली का तीसरा दिन दिवाली या फिर लक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता है यह 1 नवंबर 2024 को पड़ेगा
- दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा को समर्पित होता है यह 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा और
- दिवाली का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है और इस वर्ष यह 3 नवंबर 2024 को पड़ने वाला है
Diwali Puja Samagri: दिवाली पूजा सामग्री
दिवाली पूजा करते समय आपके पास एक लकड़ी की चौकी, कुमकुम, हल्दी की गांठ, रोली, सुपारी, पान, लौंग, अगरबत्ती, एक लाल कपड़ा, एक लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, धूपबत्ती, दीपक, लौ, माचिस, घी, गंगा जल, पंचामृत, फूल, फल, कपूर, गेहूं, दूर्वा, जनेऊ, खील बताशे, चांदी के सिक्के और कलावा आदि होना चाहिए।Diwali 2024 Date And Time: इस वर्ष दिवाली को लेकर अलग मत
बात करें अमावस्या तिथि की तो वर्ष 2024 में अमावस्या तिथि 31 तारीख को दोपहर 3:22 से शुरू हो रही है और यह 1 नवंबर को शाम 5:23 पर समाप्त हो जाएगी। इसके चलते 1 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिथा काल को स्पर्श नहीं कर पाएगी जबकि 31 को प्रदोष काल से निशिथा काल तक व्याप्त रहेगी। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार 31 अक्टूबर के दिन दीवाली उत्सव और लक्ष्मी पूजन करना सबसे अधिक फलदाई रहने वाला है क्योंकि दिवाली का पर्व तभी मनाना उत्तम रहता है जब प्रदोष से लेकर निशिथा काल तक अमावस्या तिथि रहे।धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन नई चीज़ें जैसे सोना, चाँदी, पीतल, खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन धनिया खरीदना और झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ होता है।धनतेरस त्योहार क्यों मनाया जाता है
धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।Diwali Kyu Manai Jati Hai: दिवाली क्यों मनाई जाती है
दिवाली के दिन ही भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या लौटे थे। इसलिए हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही भगवान राम के वापस अयोध्या आने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं।दिवाली का महत्व: Diwali Ka Mahatav
दिवाली को रोशनी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। दीवाली के त्योहार को भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। प्रभु के आगमन पर अयोध्या नगरी को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था और नगरवासियों ने दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था। इसी खुशी में हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या पर दीवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है।Diwali 2024 Date in india: भारत में दिवाली कब मनाई जाएगी
इस साल भारत में दिवाली का त्योहरा 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।छोटी दिवाली कब है : Choti Diwali kab hai
छोटी दिवाली इस साल 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।दिवाली लक्ष्मी पूजन मंत्र: Diwali Laxmi Pujan Mantra
ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:॥”लक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त: Diwali Laxmi Puja Shubh Muhurat 2024
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 49 मिनट से लेकर से 05 बजकर 41 मिनट तक।विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से लेकर 02 बजकर 39 मिनट तक।
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक।
लक्ष्मी पूजा का समय- शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक।
Diwali Kyun Manai Jati Hai: दिवाली क्यों मनाई जाती है
दीवाली को रोशनी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। दीवाली के त्योहार को भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। प्रभु के आगमन पर अयोध्या नगरी को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था और नगरवासियों ने दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था। इसी खुशी में हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या पर दीवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है।दीपावली कब है 2024 शुभ मुहूर्त: Deepawali Date 2024 Shubh Muhurat
31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 6 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। तो वहीं दिल्ली के समयानुसार वृषभ लग्न शाम 06:25 से लेकर रात को 8:20 तक रहेगाभारत में दीपावली कैसे मनाई जाती है?
दिवाली के दिन दीपक जलाये जाते हैं, घरों और मंदिरों में झालर लगायी जाती है, लोग माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं और एक दूसरे को तोहफे देते हैं।<b>Diwali 2024 Date: क्यों और कैसे दीवाली मनाई जाती है?</b>
दिवाली का त्यौहार प्रभु श्रीराम के 14 वर्षों बाद वनवास से अयोध्या लौटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और मोमबत्तियों से रौशन करते हैं और माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।Diwali Laxmi Puja Choghadiya Muhurat 2024: दिवाली लक्ष्मी पूजा चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 06:34 ए एम से 10:42 ए एमअपराह्न मुहूर्त (चर) - 04:14 पी एम से 05:37 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 12:05 पी एम से 01:28 पी एम
Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024: दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
05:37 पी एम से 06:16 पी एमDiwali Rangoli Photo
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट (Dhanteras Puja Samagri List In Hindi)
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर
- लकड़ी की चौकी
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीले रंग के कपड़े
- गंगा जल
- 13 दिए
- दिए में जलाने के लिए एक पैकेट रूई
- पूजा के लिए एक थाली
- पानी से भरा कलश
- मौलवी
- हल्दी
- अक्षत
- घी
- माचिस
- शक्कर या गुढ़
- कपूर
- धूप
- अगरबत्ती
दिवाली पूजन सामग्री लिस्ट (Diwali Pujan Samagri List)
- लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
- लाल कपड़ा
- लकड़ी की चौकी
- रोली
- कुमकुम
- हल्दी की गांठ
- सुपारी
- पान
- लौंग
- अगरबत्ती
- धूप-दीपक
- .माचिस
- घी, गंगाजल,
- पंचामृत
- फल-फूल
- कपूर
- गेहूं
- कलावा
- सिंदूर, अक्षत
- नारियल
- कमल गट्टे
- हवन कुंड
- हवन सामग्री
- आरती की थाली
- कुशा और चंदन
Maa Laxmi Ke Mantra: दिवाली लक्ष्मी पूजन मंत्र
सुख-समृद्धि के लिए - ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः
श्री लक्ष्मी महामंत्र - ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा.
सफलता के लिए - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धन प्राप्ति के लिए - ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
What Is The Festival Of Diwali Also Know As: दिवाली को किन-किन नामों से जाना जाता है
दिवाली को दीपावली और दीपोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।Chhoti Diwali Kab Hai 2024: छोटी दिवाली कब है
इस साल छोटी दिवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाएगी।दिवाली के दिन किसी पूजा होती है
दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन भगवान गणेश और राम दरबार की पूजा होती है।दिवाली लक्ष्मी पूजन 2024 : Diwali Laxmi Pujan Kab Hai 2024
दिवाली लक्ष्मी पूजन किस दिन किया जाए? इसे लेकर ज्यादातर विद्वानों का मानना है कि जिस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि तक व्याप्त हो, उसी दिन दिवाली पर्व मनाना ज्यादा उचित होता है क्योंकि प्रदोष काल में लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव माना जाता है। वहीं दिवाली के दिन निशीथ काल पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इस वर्ष यानी 2024 में अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर निशीथ काल तक 31 अक्टूबर को रहेगी। इसी वजह से दिवाली लक्ष्मी पूजन 2024 के लिए 31 अक्टूबर का दिन ज्यादा उचित माना जा रहा है। हालांकि कुछ विशेष पूजन 1 नवंबर 2024 के दिन भी किये जा सकते हैं। खासकर ऑफिस और कार्यालयों में दिवाली की पूजा करवाने वाले लोगों को इस साल दो दिन मिलेंगे। वो 31 अक्टूबर या 1 नवंबर किसी भी दिन ऑफिस में दिवाली लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं।Diwali 2024 Date in india: 2025 में दिवाली कब है
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिये सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद का होता है। साल 2025 में दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।लक्ष्मी पूजन मंत्र: Laxmi Pujan Mantra
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।
Diwali 2024 Date Mumbai: दिवाली 2024 डेट मुंबई
इस साल मुंबई में दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त : Lakshmi-Ganesh Pujan Muhurat
पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में ही प्राप्त हो रहा है। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा, जो गृहस्थ में हैं, वे लोग इस समय ही पूजा करें।1 november 2024 ko kya hai: 1 नवंबर 2024 को क्या है
इस साल 1 नवंबर 2024 को कार्तिक अमावस्या है।दिवाली लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 2024 : Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024
2024 में दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम 05:36 से लेकर 8:11 तक रहेगा। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जा सकेगी। तो वहीं लक्ष्मी पूजा के लिए निशीथ काल शुभ मुहूर्त रात 11:39 से लेकर 12:31 तक रहेगा।Diwali in ayodhya 2024: दिवाली अयोध्या 2024
अयोध्या में इस साल दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।diwali kali puja 2024: दिवाली काली पूजा 2024
31 अक्टूबर को देशभर में दीपावली का पर्व मनाया जाएगा और इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है लेकिन बंगाली समाज में दीपावली के दिन माता लक्ष्मी के बजाय माता काली की पूजा अर्चना करते हैं।Diwali Date 2024 Punjab: पंजाब में दिवाली कीडेट 2024
पंजाब में दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।Badi diwali kab hai 2024: बड़ी दिवाली कब है
इस साल बड़ी दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी क्योंकि इस दिन अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर निशीथ काल तक उपलब्ध रहेगी। ज्योतिष विद्वानों की मानें तो दीपावली पर्व उसी दिन मनाना उचित होता है जिस दिन अमावस्या प्रदोष से लेकर मध्य रात्रि तक स्थित हो और ऐसा 31 अक्टूबर के दिन ही हो रहा है। जबकि 1 नवंबर को अमावस्या शाम 06:16 पर ही समाप्त हो रही है। ऐसे में इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2024 : Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:36 से लेकर 8:11 तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी की उपासना बेहद शुभ फलदायी साबित होगी।Laxmi Ji Ki Aarti: लक्ष्मी जी की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
गणेश जी की कहानी (Ganesh Ji Ki Kahani)
एक बुढ़िया अपने बेटे-बहू के साथ छोड़े से घर में रहती थी। बुढ़िया माई हर रोज़ गणेश जी की विधि विधान पूजा करती थी। गणेश जी रोजाना बुढ़िया से कहते- बुढ़िया माई! कुछ मांग ले। बुढ़िया कहती- मैं क्या मांगू? तब एक दिन गणेश जी बोले- अपने बेटे से पूछ ले कि उसे क्या चाहिए। तो बेटा बोला- मां! धन मांग ले। बहू से पूछने लगी तो बहू ने पोता मांगने की बात कही। बुढ़िया ने सोचा कि ये दोनों तो अपने मतलब की मांग रहे हैं सो पड़ोसन से जाकर पूछें। फिर वह पड़ोसन से जाकर बोली कि वो क्या मांगे। तो पड़ोसन बोली- पगली! क्यों तो धन मांगे? क्यों पोता मांगे? थोड़े ही दिन की जिंदगी बची है। इसलिए तू अपनी सुन्दर काया मांग ले। घर आकर बुढ़िया सोचने लगी कि ऐसी चीज मांगनी चाहिए जिसस बेटा-बहू भी खुश हों। दूसरे दिन गणेशजी जी फिर आकर बोले- बुढ़िया माई! कुछ मांग लो। बुढ़िया ने कहा- मुझे सुन्दर काया दे, सोने के कटोरे में पोते को दूध पीता देखूं, अमर सुहाग दे, निरोगी काया दे, भाई दे, भतीजे दे, सारा परिवार दे, सुख दे, मोक्ष दे। बुढ़िया के मुख से ये बातें सुनकर गणेशजी ने कहा- बुढ़िया माई! तूने तो मुझे ठग लिया। लेकिन अब जैसा बोला है वैसा ही हो जायेगा और गणेशजी ने बुढ़िया को वरदान दे दिया। अब बुढ़िया माई के यहां सब कुछ वैसा ही हो गया। हे गणेशजी महाराज! जैसा बुढ़िया माई को सबकुछ दिया वैसा सब किसी को देना।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited