Diwali 2024: पांच दिनों तक चलता है दिवाली का पर्व, जानिए किस दिन पड़ेगा कौन सा त्योहार और उसका महत्व

Diwali 2024: दिवाली का एक ऐसा उत्सव है जिसमे उमंगों के साथ एक सीख भी मिलती है। दियें, पटाखों और मिठाइयों के इस त्यौहार में सत्य की असत्य पर और धर्म की अधर्म पर जीत भी सुनिश्चित हुई है। दिवाली का यह उत्सव पांच दिनों का होता है जिसमे हर दिन की एक अलग ही विशेषता और पूजन-विधि है।

Diwali 2024

Diwali 2024

Diwali 2024 (दिवाली 2024): विक्रम संवत के पंचांग के अनुसार दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को पड़ती है। वर्ष 2024 में दिवाली 31 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 1 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली का यह भव्य उत्सव पांच दिनों तक रहता हैं जिसमे धनतेरस, नरका चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे प्रचलित त्योहार आते है। आइए जानते हैं इन पर्व की तिथि और महत्व के बारे में।

Bhai Dooj 2024 Date

जानिए पांच दिन के त्यौहार में हर दिन की मान्यता को (Diwali Five Day Festival Date And Shubh Muhurat 2024)

1.धनतेरस – दिवाली के पांच दिन के त्यौहार में सबसे पहला त्योहार धनतेरस का पड़ता है। पौराणिक तथ्यों के अनुसार आज ही के दिन धन देवता की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। आज के दिन कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा होती है लोग नई वस्तुएं जैसे आभूषण, वाहन, बर्तन खरीदते हैं।

धनतेरस की तिथि और मुहूर्त – धनतेरस पूजा मंगलवार 29 अक्टूबर को कृष्ण पक्ष की द्वादशी को है, जिसका मुहूर्त 06:31 पी एम से 08:13 पी एम तक है जिसकी अवधि 01 घण्टा 41 मिनट की है।

2.नरक चतुर्दशी – इस दिवस का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने 16,000 गोपियों को बचाया था और राक्षस नरकासुर पर विजय प्राप्त की थी। भारत में कुछ जगहों पर इसको काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है।

नरक चतुर्दशी की तिथि और मुहूर्त – नरक चतुर्दशी या काली चौदस बुधवार 30 अक्टूबर पड़ रही है। इसका मुहूर्त 11:39 पी एम से 12:31 ए एम का है जिसकी अवधी 52 मिनट की है।

3.दिवाली/दीपावली – दीयों के इस पर्व में भक्त माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते है ताकि उनके घर में सुख, समृद्धि, ऋद्धि-सिद्धि और वैभव आये। त्रेतायुग में अयोध्यावासियों ने इस दिन घी के दियें जला कर त्रिलोक विजयी मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का स्वागत किया था।

दिवाली की तिथि और मुहूर्त – दिवाली की तिथि गुरूवार को 31 अक्टूबर के दिन पड़ रही है जिसका मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

4.गोवर्धन पूजा – पौराणिक कथाओ के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए विशाल गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर उठाकर अपने परिजनों की रक्षा की थी। इस दिन गायों की पूजा होती और विशेष पकवान घरों में बनाये जाते है। भारत के पूर्वांचल क्षेत्र में इसे गोधन भी कहा जाता है।

गोवर्धन पूजा की तिथि और मुहूर्त – गोवर्धन पूजा शनिवार को 2 नवंबर के दिन पड़ेगी ।इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 5 बजकर 34 मिनट से लेकर 8

बजकर 46 तक रहने वाला है।

5.भाई दूज - भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाई जाती है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दिवाली के दो दिन बाद का यह पर्व भाई-बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।

भाई दूज की तिथि और मुहूर्त – भाई दूज का त्योहार इस साल 3 नवंबर 2024 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन 11:39 ए एम से दोपहर 12:23 पी एम तक

अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस समय में भाई को तिलक लगाना शुभ होगा।

दिवाली के इस महा पर्व में विधि-पूर्वक पूजा पाठ करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और उनके घरों में कंगाली और दरिद्रता कभी नहीं आती है। दिवाली के पांच दिन के पर्व को विधिवत मनाने से परिवार में सुख, समृद्धि आती है और लक्ष्मी का आगमन होता है।

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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