Diwali Date 2023: इस साल कब मनाई जाएगी दिवाली, जान लें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

Diwali Date 2023: दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारो में से एक है। इस त्योहार को पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार कब मनाई जाएगी दीवाली। दीवाली का शुभ मुहूर्त क्या है।

Diwali Date 2023

Diwali 2023 Kab Hai: हर साल हर किसी को दिवाली का इंतजार रहता है। 2023 में, दिवाली रविवार, 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी। पांच दिवसीय रोशनी का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज तक जारी रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी स्वयं रात्रि में पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर विचरण करती हैं। इसी वजह से दिवाली के दिन आसपास के घर-आंगन दीपों से जगमगाते हैं। आइए जानते हैं । दिवाली का शुभ समय, लक्ष्मी पूजा का समय क्या है।

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त ( Diwali 2023 Puja Shubh Muhurat)
  • लक्ष्मी पूजा (प्रदोष काल समय) - शाम 5:39 बजे से शाम 7:35 बजे तक (12 नवंबर, 2023)
  • वृषभ समय - 17:39 - 19:35
  • लक्ष्मी पूजा (निशिदा कर समय) - 12 नवंबर, 2023, 11:39 अपराह्न - 13 नवंबर, 2023, 12:32 पूर्वाह्न
  • सिंह लग्न- रात्रि 12:10 बजे प्रातः 2:27 बजे तक (नवंबर 13, 2023)

दिवाली महत्व ( Importance Of Diwali 2023)

दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, लंका पर विजय प्राप्त करने और 14 वर्ष का वनवास बिताने के बाद श्री राम दिवाली के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। इस दिन, अयोध्या के राजा श्री राम के स्वागत के लिए अयोध्या शहर सहित पूरे भारत में दीपक जलाए गए थे। उस दिन के बाद से हर वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी। इस दिन घरों को रोशन करके देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और सौभाग्य, समृद्धि और धन की प्रार्थना की जाती है। इस त्योहार को मनाने से जीवन में प्रकाश का संचार होता है।

दिवाली पर प्रदोष काल में क्यों की जाती है पूजा

लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा समय प्रदोष काल में होता है जब स्थिर लग्न प्रबल होता है। यह अवधि लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि जब स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाती है तो देवी लक्ष्मी घर में निवास करती हैं। वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है और यह मुख्य रूप से दिवाली के दौरान प्रदोष काल के साथ ही होता है।

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