1 नवंबर को दिवाली लक्ष्मी पूजन मुहूर्त हुई शुरू, जान लें सही टाइम, पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ
दिवाली का त्योहार इस साल कुछ जगहों पर 1 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर 03:12 बजे लग चुकी है जिसकी समाप्ति आज 01 नवम्बर को सायंकाल 05 बजकर 13 मिनट तक होगी। चलिए जानते हैं 1 नवंबर को दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या रहेगी।
Diwali Laxmi Ganesh Puja Time 2024
दिवाली पूजा मुहूर्त 1 नवंबर 2024 (Diwali 2024 Puja Muhurat 1 November)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 05:36 PM से 06:16 PM
प्रदोष काल - शाम 05:36 से रात 08:11 तक
वृषभ काल - 06:20 PM से 08:15 PM तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
Diwali Saral Puja Vidhi In Hindi
दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट (Diwali Puja Samagri List)
लकड़ी की चौकी, कुमकुम, हल्दी की गांठ, रोली, एक लाल कपड़ा, एक लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सुपारी, पान, दीपक, लौ, माचिस, घी, गंगा जल, लौंग, अगरबत्ती, धूपबत्ती, पंचामृत, गेहूं, दूर्वा, जनेऊ, खील बताशे, फूल, फल, कपूर, चांदी के सिक्के और कलावा।
Diwali Pujan Samagri Full List
दिवाली पूजा विधि (Diwali Pujan Vidhi)
- दिवाली लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी या पटरा रख दें।
- इस पटरे पर लाल या गुलाबी रंग का एक सुंदर कपड़ा बिछा लें।
- चौकी पर सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति विराजित करें। फिर उनके दाहिनी ओर मां लक्ष्मी जी की तस्वीर रख दें।
- फिर खुद आसान पर बैठें और अपने चारों तरफ गंगाजल छिड़क लें। इसके बाद पूजा प्रारंभ करें।
- सबसे पहले भगवान गणेश को रोली और दूर्वा अर्पित की जाती है और फिर मां लक्ष्मी को सिंदूर अर्पित करें।
- इसके बाद लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएँ। मंदिर में भगवान की प्रतिमा के सामने एक मुखी घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें। लक्ष्मी चालीसा पढ़ सकते हैं।
- माता लक्ष्मी और गणेश जी को प्रसाद चढ़ाएं।
- अंत में लक्ष्मी-गणेश जी की आरती करें और फिर शंखनाद करें।
- पूजा के बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक जरूर जलाएं।
- दिवाली रोशनी का त्योहार है। इसलिए इस दिन घर के हर कोने में दीपक जलाना चाहिए।
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दिवाली पूजा मंत्र (Diwali Puja Mantra)
- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः
- ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा
- ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः
- धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पदः
दिवाली लक्ष्मी आरती (Diwali Laxmi Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
दिवाली 2024 का शुभ मुहूर्त
दिवाली पूजा के लिए प्रदोष काल से लेकर रात्रि तक का समय शुभ माना जाता है।Diwali 2024: दिवाली पर महालक्ष्मी की पूजा में इन चीजों का जरूर करें इस्तेमाल
शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, बताशा ये सब महालक्ष्मी को विशेष प्रिय है। इन वस्तुयों को विशेषकर दिवाली की पूजा में उपयोग करें और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।Diwali Par Kya Kare: दिवाली पर क्या करें
दिवाली की शाम में विधि विधान लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें। लक्ष्मी जी की आरती करें। एक-दूसरे को मिठाई देकर हैप्पी दिवाली कहें।दिवाली की आरती के लिरिक्स
धन लक्ष्मी पोटली कैसे बनाएं (Dhan Laxmi Potli Kaise Banaye)
पोटली बनाने का तरीका बहुत सरल है। सबसे पहले एक लाल कपड़ा लें या मार्केट से बनी बनाई पोटली ले आएं। इसके अंदर आपको इसमें पांच कमल गट्टा, पांच गोमती चक्र, पांच पीली कौड़ी, पांच हरी इलायची, पांच लौंग, पांच सुपारी, एक हल्दी की गांठ, एक चांदी का सिक्का, 100 या 500 का नोट और साबुत धनिया रखना है। फिर लाल कपड़े को कलावे की सहायता से अच्छे से बांध लें। फिर इस पोटली को दिवाली पूजन में रखें। इसे धूप-दीप दिखाएं। इसके बाद अगले दिन इसे घर की तिजोरी या जहां भी आप पैसा रखते हैं वहां रख दें। साल भर इस पोटली को ऐसे ही रहने दें। इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसने लगेगी।दिवाली पर चोपड़ा पूजा
गुजराती व्यापारी लोग, दीवाली पूजा के दौरान चोपड़ा पूजन करते हैं। चोपड़ा पूजा के दौरान देवी लक्ष्मीजी की उपस्थिति में नए खाता पुस्तकों का शुभारम्भ किया जाता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है। दीवाली पूजा को दीपावली पूजा और लक्ष्मी गणेश पूजन के नाम से भी जाना जाता है।दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 1 नवंबर 2024 (Diwali Puja Muhurat 1 Nov 2024)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 05:36 PM से 06:16 PMप्रदोष काल - 05:36 PM से 08:11 PM
वृषभ काल - 06:20 PM से 08:15 PM
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
धन लक्ष्मी पोटली बनाने की सामग्री (Dhan Laxmi Potli Banane Ki Samagri)
- गोमती चक्र
- पीली कौड़ी
- इलायची
- लौंग
- सुपारी
- हल्दी साबुत
- चांदी का सिक्का
- 500 का नोट
- धनिया
- कमल गट्टा
- लाल कपड़ा
- कलावा
Ganesh Ji Ki Aarti: गणेश जी की आरती
Diwali Laxmi Puja Photo: दिवाली की फोटो
Aaj Ka Choghadiya: आज का चौघड़िया
शुभ - उत्तम - 06:32 AM से 07:55 AMचर - सामान्य - 10:41 AM से 12:04 PM
लाभ - उन्नति - 12:04 से 13:27
अमृत - सर्वोत्तम - 01:27 PM से 02:50 PM
शुभ - उत्तम - 04:13 PM से 05:36 PM
दिवाली निशीथ काल मुहूर्त 2024 (Nishita Kaal Muhurat Diwali 2024)
दिवाली निशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 से देर रात 12:31 तक रहेगा।सरस्वती मंत्र (Saraswati Mantra)
-ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः॥-ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी
वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा॥
Diwali 2024: दिवाली पर क्या ना करें
- दिवाली के दिन शराब का सेवन बिलकुल भी ना करें।
- अपने घर और आसपास का वातावरण शांत रहने दें।
- वाद विवाद ना करें।
- आमतौर पर दिवाली के दिन संध्या बेला में सोए नहीं। ऐसा करने से घर में दरिद्रता नहीं आती है।
- अपने घर की स्त्रियों का अपमान ना करें।
- दिवाली के दिन अगर आप किसी को तोहफे देने जा रहे हैं तो धारदार चीजों या फिर पटाखे कभी भी तोहफे में ना दें। इस पर रिश्ते में खटास आती है।
Diwali Diya Niyam: दीपावली पर दीपक जलाते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां
दीपावली के दिन दिये जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है लेकिन दिये जलाकर खाली जमीन पर भूल कर भी ना रखें। फिर चाहे वह घर के प्रवेश द्वार पर हो या माता लक्ष्मी के सामने रखा दिया ही क्यों ना हो। इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। दिये को जलाकर उसे किसी आसन पर अवश्य रखें। अब सवाल उठता है कि, आसन कैसे बनाएं? अर्थात दिवाली का दिया किस चीज पर रखें। तो आप चाहे तो खड़े चावल का आसान बना सकते हैं और इसके ऊपर दीपक रख सकते हैं या फिर रोली अक्षत का आसान बनाकर इस पर दीपक रख सकते हैं।दिवाली क्यों मनाई जाती है
दीवाली को रोशनी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। दीवाली के त्योहार को भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। प्रभु के आगमन पर अयोध्या नगरी को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था और नगरवासियों ने दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था। इसी खुशी में हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या पर दीवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है।amawasya time diwali 2024: दिवाली के दिन अमावस्या तिथि
कार्तिक अमावस्या को महालक्ष्मी पूजन किया जाता है. दिनांक 31 अक्टूबर 2024 को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शाम 03:53 बजे तक है और इस समय अमावस्या तिथि की शुरुआत हो जाएगी जोकि 1 नवंबर को शाम 06:17 बजे तक रहेगीbadi diwali kab hai 2024: बड़ी दिवाली कब है 2024
बड़ी दिवाली त्योहार इस साल 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।Deepawali Puja Vidhi: दिपावली पूजा विधि
दिवाली पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें। ...चौकी पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश को स्थापित करें। ...
इसके बाद भगवान कुबेर, मां सरस्वती व कलश की स्थापना करें।
अब पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। ...
सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें।
भगवान गणेश को तिलक लगाएं और उन्हें दूर्वा व मोदक अर्पित करें।
दिवाली कब है 2024 शुभ मुहूर्त
दीवाली पर पूजन का उत्तम मुहूर्त स्थिर लग्न वृषभ सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक है। वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे लग रही जो एक नवंबर को शाम 5:13 बजे तक है। एक नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:32 बजे हो रहा।दिवाली मंत्र: Diwali Mantra
दीवाली की रात लक्ष्मी जी और कुबेर देवता की पूजा के बाद इन मंत्रों का जप आपको कम-से-कम 108 बार करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है, जिससे धन संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकती है।ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय
धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा।
Lakshmi puja 2024: लक्ष्मी पूजा 2024
प्रदोष काल का समय हर दिन सूर्यास्त होने से 2 घड़ी यानी 48 मिनट तक रहता है। दिल्ली के समय अनुसार 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट पर सूर्यास्त होगा। 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो चुकी होगी और प्रदोष काल अमावस्या तिथि पर रहेगी। ऐसे में 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट के बाद दिवाली लक्ष्मी पूजन आरंभ कर दें।दिवाली काली पूजा मुहूर्त 2024 : Diwali Kali Puja Muhurat 2024
इस साल काली पूजा 31 अक्तूबर 2024 को मनाई जाएगी। काली पूजा का शुभ मुहूर्त 11:39 PM से 12:31 AM तक रहेगा। ये निशिता काल समय है। माता काली की पूजा के लिए यही मुहूर्त शुभ माना जाता है।दिवाली काली पूजा सामग्री (Kali Puja Samagri)
मां काली की प्रतिमा, अगरबत्ती, बताशा, हलवा, पूड़ी, मीठा पान, अक्षत, सुपारी, लौंग, नारियल आदि, माता काली की तस्वीर, गुड़हल का फूल, धूप, दीप आदि।दिवाली पर किस-किस की पूजा होती है
दिवाली पर माता लक्ष्मी, गणेश जी, राम जी, काली माता और सरस्वती माता की पूजा होती है।दिवाली पर्व किस हिंदू तिथि को मनाया जाता है
दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है।दिवाली के दिन लक्ष्मी आरती करनी चाहिए या नहीं
दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती किए जाने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है कि दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आरती करने का मतलब है कि सभी देव अपने-अपने स्थान पर चले जाएं। जबकि दिवाली पर लोग माता लक्ष्मी के आगमन के लिए पूजा करते हैं।दिवाली कैसे मनाई जाती है
दिवाली की शाम में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद घर के कोने-कोने में दीपक जलाए जाते हैं। घर को सजाया जाता है। तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लोग एक-दूसरे को मिठाई देकर दिवाली की शुभकामनाएं कहते हैं।Diwali Old Name: दिवाली का प्राचीन नाम क्या है?
दीपावली का प्राचीन नाम दीपोत्सव है। अर्थात दीपों का उत्सव।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited