Diwali 2024: राम और श्‍याम की भक्‍त‍ि का स्‍वरूप है दिवाली, रघुवर ने दिया मर्यादा का पाठ तो कान्‍हा ने दिखाई थी ये लीला

Diwali Significance in Hindi: खुशी और समृद्धि का प्रतीक है दिवाली का त्‍योहार जो कि भगवान राम और कृष्‍ण की लीलाओं से भी जुड़ा है। इस द‍िन घरों को सजाया भी जाता है और इस दौरान रंगोली का भी अपना महत्‍व है। जानें इस बारे में।

Diwali Signficance in Hindi

Diwali Significance in Hindi: हमारे अधिकांश पर्व-त्योहार हमारे सांस्कृतिक जीवन के अभिन्न हिस्से की तरह अनंत काल से चले आ रहे हैं। उनके संदर्भ में तरह-तरह की पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। दीपावली त्योहार भी उनमें एक है। हम इसे कब से मना रहे हैं, पता नहीं है। 'दीप' शब्द का अर्थ है दीपक और 'आवली' का अर्थ है 'दीपों की पंक्ति'। इसलिए हम कहते हैं कि "दीपावली" दीपों का अर्थात रोशनी का त्योहार है। इस दिन लोग दीपों अथवा दीयों को क्रमबद्ध तरीके से जलाते और सजाते हैं। पहले उन्हें भगवान कृष्ण व अन्य देवताओं को अर्पित करते हैं, फिर अपने घर और घर की चहारदीवारी पर पंक्तियों में सजाते हैं। हिंदू कैलेंडर में दीपावली को त्योहार नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है।

दो महत्वपूर्ण प्रागैतिहासिक घटनाएं

दीपावली को लेकर मुख्य रूप से दो पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक त्रेता युग की है और दूसरी द्वापर युग की। त्रेता युग की कथा के मुताबिक लंका विजय व वनवास का काल पूरा कर भगवान राम का अयोध्या में प्रवेश के साथ इस त्योहार की शुरुआत हुई थी। श्रीमद् भागवत(9.10.45-46) में भगवान श्रीरामचन्द्र की अयोध्या वापसी का वर्णन करते हुए कहा गया है, भ्रात्राभिनन्दित: सोऽथ सोत्सवां प्राविशत् पुरीम् यानि "तब भगवान रामचन्द्र ने अपने भाई भरत द्वारा स्वागत किए जाने के बाद, अयोध्या नगरी में एक त्योहार के बीच प्रवेश किया।" यह त्योहार आज तक दीपावली के रूप में मनाया जा रहा है। अयोध्या के नागरिक भगवान रामचन्द्र के आगमन से इतने प्रसन्न हुए जैसे वे गहरी नींद से जाग उठे हों। उन्होंने शहर में भगवान का स्वागत करने के लिए सभी गलियों में सजावट की, घरों के सामने रंगोली बनाई और शुभ केले के पौधे से भी सजाए।

भगवान राम के राज में सभी प्रकार के शारीरिक, मानसिक कष्ट, रोग, वृद्धावस्था, शोक, विषाद, भय और थकान पूरी तरह से अनुपस्थित थे। यहां तक कि जो मृत्यु नहीं चाहते थे, उनके लिए मृत्यु नहीं थी। (SB 9.10.53) यही राम राज्य कहलाता है। भगवान रामचन्द्र त्रेतायुग में प्रकट हुए थे। इसका अर्थ है कि दीपावली परंपरा इस संसार में लाखों वर्षों से विद्यमान है। गुरु-शिष्य परंपराओं के कारण यह परंपरा आज भी जीवित है।

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