Diwali Ki Katha, Laxmi Ji Ki Katha: दिवाली मां लक्ष्मी जी की कथा

Diwali 2022 Katha in Hindi: दिवाली पर कई लोग व्रत भी रखते हैं। कोई भी व्रत पूजा बिना कथा के अधूरी मानी जाती है। यहां आप जानेंगे दिवाली की ये पावन कथा।

Diwali Vrat Katha: दिवाली व्रत कथा

Diwali 2022 Vrat Katha in Hindi: दिवाली शब्द का अर्थ है ‘रोशनी की पंक्ति’। दिवाली को ‘प्रकाशोत्सव’ के रूप से भी जाना जाता है। क्योंकि दिवाली की शाम को लोग अपने घर के बाहर और अंदर दीये और मोमबत्तियां जलाते हैं। फूल और रंग से अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। इन दीयों की रोशनी अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक होती है। प्रकाश का त्योहार दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा होती है। यहां आप जानेंगे दिवाली की व्रत कथा।

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat katha)

एक बार की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था। एक दिन मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा मैं तुमसें मित्रता करना चाहती हूँ। ये सुनकर साहूकार की बेटी ने कहा मैं अपने पिता से पूछकर आपको बताऊंगी।
बाद में साहूकार की बेटी अपने पिता के पास गई और उसने सारी बात अपने पिता को बता डाली। दूसरे दिन साहूकार की बेटी ने मां लक्ष्मी से दोस्ती करने के लिए हां कर दी। दोनों अच्छी दोस्त बन गईं। एक दिन मां लक्ष्मी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गई। मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी का खूब स्वागत किया। उन्होंने उसे कई प्रकार का भोजन खिलाया।
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