Brahma Muhurta Time: ब्रह्ममुहूर्त में भूल से भी न करें ये 8 काम, नाराज हो सकती हैं दैव शक्तियां

Brahma Muhurta Time: ब्रह्ममुहूर्त रात का चौथा प्रहर होता है। सूर्योंदय के डेढ़ घंटे पहले का मुहूर्त कहलाया जाता है ब्रह्ममुहूर्त। इस मुहूर्त के दौरान वायु में बहती है अमृत की धार। ब्रह्ममुहूर्त के समय में रखें विशेष बातों का ध्यान। मन को एकाग्र करने का सबसे अच्छा होता है ये समय।

ब्रह्म मुहूर्त के नियम

मुख्य बातें
  • ब्रह्ममुहूर्त का समय है अनेकों लाभाें को प्रदान करने वाला
  • तनाव, झगड़ा, संभाेग, भाेजन, यात्रा माने गए हैं निषिद्ध
  • ब्रह्ममुहूर्त में वेदमंत्रों का उच्चारण करता है वातावरण को शुद्ध

Brahma Muhurta Time: ऋग्वेद में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले उठने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इस कारण समझदार लोग इस समय को व्यर्थ नहीं गंवाते। जो सुगह जल्दी उठते हैं, वे स्वस्थ, सुखी, ताकतवर एवं दीर्घायु होते हैं। ब्रह्ममुहूर्त का धार्मिक, अध्यात्म, मानसिक एवं शारीरिक सभी नजरिए से बहुत महत्व माना गया है। ब्रह्ममुहूर्त में जागकर अपने इष्टदेव का ध्यान, पूजा, अध्ययन और किन्हीं भी शुभ कर्मों काे करना बहुत ही शुभ होता है।

किस समय को कहा जाता है ब्रह्ममुहूर्त

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