Morning Good Luck: सुबह उठते ही यदि कर लीं ये तीन क्रियाएं तो सौभाग्य खटखटाएगा आपका दरवाजा, रोज की आदत बना लें इन्हें
Morning Good Luck: सुबह की शुरुआत तीन मुख्य क्रियाओं से करके पूरे दिन को बनाया जा सकता है सुखद। छह श्लोकों का पाठ करने के बाद अपनी स्वयं की हथेली के दर्शन करना न भूलें। हथेली के दर्शन के बाद पलंग से उतरकर सीधे घर में मंदिर में भगवान का करें दर्शन। सूर्य के दर्शन भी देते हैं शुभ फल।
सुबह उठकर करें हथेली के दर्शन
- सुबह उठने के साथ करें छह प्रमुख श्लोकों का पाठ
- दूसरी क्रिया में करें अपनी स्वयं की हथेली के दर्शन
- जागने के बाद तीसरी क्रिया में करें मंदिर के दर्शन
संबंधित खबरें
प्रातः स्मरण के समय श्लोक
पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको युधिष्ठरः।
पुण्यश्लोकी च वैदेही पुण्यश्लोको जनार्दनः।।
अहिल्या द्रोपदी सीता तारा मंदोदरी तथा।
पत्र्चकं ना स्मरेन्नित्यं महापातक नाशनम्।।
प्रह्लादनारद पराशरपुण्डरीक व्यासाम्बरीषशुक शाैनकभीष्मदाल्यान्।
रुक्मांगदार्तुनवसिष्ठ विभीषणादीन्पुण्यानिमान परमभाग्यवतान्नमामि।।
धर्मो विवर्धयति युधिष्ठर कीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदर कीर्तनेन।
शत्रुर्विनश्यति धनन्ज्य कीर्तनेन माद्री सुतो कथयतां न भवन्ति रोगाः।।
अयोध्या मथुरामाया काशी कान्ची अवन्तिका।
पुरीद्वारावती चैव सप्तेता मोक्ष दायिकाः।।
मनुं स्मराम्यादि गुरं प्रजानां भगीरथ धीरमुदग्रयत्नम्।
भूपं हरिश्चन्द्रमाभवाडवाचं श्रीरामचंद्र रघुवंशसूर्यम्।।
प्रातःकाल कर दर्शन क्यों
उपरोक्त श्लोकों का पाठ करने के बाद दोनों हाथाें से एक दूसरे को स्पर्श करते हुए
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।
हाथाें के अग्र भाग में लक्ष्मी का निवास है, हाथाें के बीच में सरस्वती बसती हैं और हाथाें के मूल मे ंस्वयं गोविंद विराजमान रहते हैं। अतएव इस श्लोक काे पढ़ते हुए हाथाें के दर्शन करें।
हाथाें को कर्मों का प्रतीक रूप माना गया है। कर्मों सम्पन्न करने में लक्ष्मी और सरस्वती अर्था धन एवं बुद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं। श्री विष्णु ज्ञान और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए हमारी समस्त क्रियाएं हों। यही कर दर्शन का संदेश है। इसके अलावा भाग्य का निर्माण भी हाथों अर्थात कर्त द्वारा ही किया जाता है।
शुभ दर्शन का विधान क्यों
प्रातः काल उठने के बाद तीसरी क्रिया शुभ दर्शन है। शुभ मंत्र से शुभ का ही जागरण होता है। इस विधान के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण भी है। जो मनुष्य सवेरे जागने के बाद वेदपाठी पुरुष, सुवासिनी, गाय, अग्नि, अग्निहोत्री या याज्ञिक के दर्शन करता है, वह सर्व संकटों से मुक्त हो जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Mokshada Ekadashi 2024 Puja Vidhi And Time: आज है मोक्षदा एकादशी, जान लें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व
Gita Jayanti 2024 Puja Vidhi: गीता जयंती पर क्या करते हैं, जान लें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Aaj Ka Panchang 11 December 2024: पंचांग से जानिए मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त और सूर्यास्त समय
वार्षिक राशिफल 2025 (Yearly Horoscope): नया साल आपके लिए कैसा रहेगा? जानिए मेष से मीन तक सभी राशियों का 2025 का राशिफल
Guruvayur Ekadashi December 2024: गुरुवायुर एकादशी आज, जानिए इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited