Ram Navami 2023: राम नाम जपने से हर दुख का होगा नाश, जानें राम नाम का अर्थ और इसकी महिमा

Ram Name Meaning: प्रभु हनुमान ने समय-समय पर राम नाम की महत्ता बताई है। प्रभु श्री राम के नाम के प्रभाव से ही पत्थर भी पानी पर तैरने लगे थे। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में, इन शब्दों के साथ प्रभु राम के नाम की महिमा बताई हैं।

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प्रभु श्री राम का नाम कलियुग में हर प्रकार के सुखो को प्रदान करने वाला है

ज्योतिषचार्य सिद्धार्थ एस कुमार

प्रभु श्री राम का नाम कलियुग में हर प्रकार के सुखों को प्रदान करने वाला और हर दुखों और कष्टों को हरण करना वाला है। राम नाम की महिमा को शब्दों में समेट पाना मुश्किल है। प्रभु श्री राम की कृपा से मैं प्रभु के नाम की महिमा बताने की कोशिश कर रहा हूं। प्रभु हनुमान ने समय समय पर राम नाम की महत्ता बताई है। प्रभु श्री राम के नाम के प्रभाव से पत्थर भी पानी पर तैरने लग जाता है। आज के समय को ध्यान रखते हुए तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में, इन शब्दों के साथ प्रभु राम के नाम की महिमा बताई है।

कलियुग सम जुग आन नहीं जौं कर विश्वास।

गाइ राम गुन गन बिमल भव तर बिनहिं प्रयास।।

इस दोहें में तुलसीदास जी ने इस युग में प्रभु राम के नाम को व्यक्ति के लिए अमृत सामान माना है। प्रभु राम के नाम लेने मात्रा से व्यक्ति इस संसार रुपी भवसागर को आसानी से पार कर सकता हैं।

राम नाम का अर्थ

रमन्ते योगिन: यस्मिन् राम:

इसका भावार्थ ये हैं की 'राम' ही मात्र एक ऐसे विषय हैं, जो योगियों की आध्यात्मिक-मानसिक भूख हैं, भोजन हैं, हर्ष, आनन्द और उल्लास के मूल स्त्रोत हैं।

पुराण अनुसार राम नाम का अर्थ

ब्रह्मवैवर्त पुराण को सबसे प्राचीनतम पुराण माना जाता हैं। राधा रानी कहती हैं -

राशब्दो विश्ववचनो मश्चापीश्वरवाचक:।

विश्वानामीश्वरो यो हि तेन राम: प्रकीर्तत:।।

" रा " शब्द विश्ववाचक है और "म " शब्द ईश्वरवाचक है, इसलिए जो विश्व का ईश्वर है , उसे " राम " कहा जाता है।

इसके अलावा अग्नि पुराण , शिव पुराण , विष्णु पुराण, पद्म पुराण , स्कंद पुराण एवं भागवत पुराण आदि में राम जी की महिमा का वर्णन है ।

भगवान शिव पद्म पुराण में मां पार्वती जी से कहते हैं -

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।

सुमुखी ! मैं तो राम ! राम ! राम ! इस प्रकार जप करते हुए परम मनोहर श्री राम नाम में ही निरंतर रमण करता हूं । राम नाम संपूर्ण सहस्रनाम के समान है ।

राम नाम का उपनिषदों में वर्णन

प्रभु श्री राम के अनंत महिमा का वर्णन पुराणों के साथ साथ उपनिषदों में भी हैं। जैसे - महोपनिषद , भिक्षुकोपनिषद , पैंगलोपनिषद , शांडिल्योपनिषद तथा योगशिखोपनिषद । इतना ही नहीं, प्रभु श्री राम के नाम से दो उपनिषद (रामरहस्योपनिषद और श्रीरामपूर्वतापनीयोपनिषद) का नाम भी प्रारंभ होता है

रामरहस्योपनिषद के अनुसार सभी पुराण, शास्त्रों,चारों विद्याओं और आध्यात्मिक दर्शन का मूल तत्व प्रभु श्रीराम को माना गया है। इस नाम का प्रताप इतना विशाल हैं की बाल्मीकि जी उल्टा राम नाम (मरा- मरा) जप कर भी पवित्र हो गए।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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