Sawan 2023: क्या आप जानते हैं शिव जी को लिंग के रूप में क्यों पूजा जाता है
शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। शिवलिंग की पूजा का मतलब है कि शिव की किसी प्रतीक के रूप में पूजा करना। शास्त्रों में भी शिवलिंग की पूजा बेहद फलदायी बतायी गई है। जानिए कैसे हुए शिवलिंग की उत्पत्ति।
Sawan 2023: शिवलिंग पूजा का महत्व
कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति
एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान के बीच अपनी-अपनी श्रेष्ठता को लेकर विवाद शुरू हो गया था। ये विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था तब उस स्थान पर अग्नि की ज्वालाओं से लिपटा एक विशाल लिंग आकर स्थापित हो गया। इस लिंग को देख दोनों देवता हैरान रह गए और उसके रहस्य का पता लगाने में जुट गए। लिंग के रहस्य का पता लगाने के लिए भगवान ब्रह्मा उस लिंग के ऊपर की तरफ बढ़े और भगवान विष्णु नीचे की ओर जाने लगे। दोनों देवता को कई हजारों साल लग गए लेकिन उन्हें लिंग का पता न चल सकता तब वो लिंग के पास पहुंचे। लिंग के पास उन्हें ओम स्वर की ध्वनि सुनाई देने लगी। दोनों ने लिंग की पूजा-अर्चना की जिससे शिव जी विशाल लिंग से प्रकट हुए। कहते हैं तब से लिंग रूप में भगवान शिव की आराधना की जाने लगी।
शिवलिंग की उत्पत्ति से जुड़ी दूसरी कथा
पुराणों में शिवलिंग की उत्पत्ति को लेकर एक और कथा प्रचलित है जिसके अनुसार एक बार सभी साधु ध्यान केंद्रित करने के लिए एक ज्योति प्रज्वलित करके पूजा कर रहे थे। लेकिन वो ज्योति तेज हवा की वजह से बार-बार हिल रही थी जिससे ऋषि मुनि ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे थे। उस समय सभी ऋषियों ने शिव जी से आराधना की। महादेव ने उनकी प्रार्थना को सुनते हुए ज्योति के आकार में शिवलिंग की स्थापना कर दी। जिससे उस शिवलिंग को देखकर ऋषि मुनि अपना ध्यान केंद्रित करने में सफल रहे। कहते हैं तभी से शिवलिंग की पूजा का विधान है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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