Shani Sade Sati Upay: चल रही है शानि की साढ़ेसाती तो न हों परेशान, ये उपाय बदल सकते हैं ग्रहों की भी चाल

Shani Sade Sati Upay: जन्म लग्न या चंद्र राशि से 12 वें स्थान पर शनि गोचर होने पर शुरू हो जाती है शनि की साढ़ेसाती। शनि की साढ़ेसाती को माना जाता है दुर्दिन या पनौती का आरंभ। हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार करना होता है इस दशा का सामना। ये आसान उपाय साढ़ेसाती की दशा का असर कम करने में आ सकते हैं काम।

शनि की साढ़ेसाती

मुख्य बातें
  • शनि की साढ़ेसाती पहले भाग्य को उठाती है फिर गिरा देती है
  • 7 साल तक शनि एक ही राशि में रहते हैं तो कहते हैं साढ़ेसाती
  • चंद्र राशि से 12 वें स्थान पर शनि गोचर होने पर शुरू होती है साढ़ेसाती

Shani Sade Sati Upay: शनि ग्रह का नाम आते ही लोगों के मन में एक अजीब सा भय छाने लगता है। शनि यदि राशि अनुकूल है तो चांदी ही चांदी कर देते हैं वहीं प्रतिकूल होने पर चांदी को भी पानी कर देते हैं। शनि की साढ़ेसाती, जोकि नाम से ही लोगों को डरा देती है। ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार शनि की साढ़ेसाती का सामना करना ही पड़ता है। जन्म लग्न या चंद्र राशि से 12 वें स्थान पर शनि के गोचर होने को ही साढ़े साती काल कहा जाता है। इस समायावधिक में होने वाली प्रभावों को कम करने के लिए ये उपाय बहुत काम आ सकते हैं।

शनि की साढ़ेसाती निवारक उपाय

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