Shani Maharaj: शनि देव की नाराजगी से जन्म लेती हैं ये बीमारियां, इनका इलाज बेहतर कर्मफल
Sade Sati: शनि देव को कर्मफल दाता कहा गया है। ये जातकों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि धीमी गति से चलते हैं, लेकिन इनके चाल से हर जातक प्रभावित होता है। शनि देव नाराजगी में ऐसी गंभीर बीमारी दे देते हैं, जिसका न तो कोई इलाज मिल पाता है और न ही यह जीवन भर पीछा छोड़ता है।
शनि के साढ़े साती के लिए उपाय
- शनि देव लोगों को देते हैं उनके कर्म के अनुसार फल
- शनि देव की नाराजगी से शरीर में जन्म लेती कई बीमारियां
- शनि प्रकोप से होने वाली बीमारी का कोई इलाज नहीं
Shani Sade Sati Effects: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मफल दाता कहा गया है। ये जातकों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए इनकी नाराजगी कभी भी मोल नहीं लेनी चाहिए। शनि देव नाराजगी में ऐसी गंभीर बीमारी दे देते हैं, जिसका न तो कोई इलाज मिल पाता है और न ही यह जीवन भर पीछा छोड़ता है। कहा जाता है कि यदि शनि देव के कारण शरीर में कोई बीमारी होती है तो डॉक्टर दवाएं बदल-बदल कर थक जाते हैं, लेकिन उनसे कोई फायदा नहीं हो पाता। शनि देव हमेशा अपनी चाल धीरे-धीरे चलते हैं। ऐसे में जिसकी भी कुंडली में शनी की साढ़े साती होती है। वह उसके कर्मों के अनुसार उसे फल देते हैं। यानि कि जिसने अच्छे कर्म किए हैं उसे अच्छा फल मिलता है। वहीं जिसने बुरे कर्म किए हैं उसे बुरे कर्मों का भोग भोगना ही पड़ता है। इसलिए शनि देव सबके बुरे और अच्छे कर्मों को नोटिस करते हैं और उसके कर्मों का फल उसे समय आने पर देते हैं।
इन बीमारियों का होता है जन्म
शनि देव की कृपा जिस पर नहीं होती है या जिससे शनि देव नाराज हो जाते हैं, वह परेशानी और तनाव में हर समय घिरा रहता है। साथ ही इससे कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं, जिसमें पैरालिसिस यानी लकवा, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारी शनि देव के प्रकोप के कारण ही होती है। पैरालिसिस में व्यक्ति के शरीर का आधा अंग काम करना बंद कर देता है। ऐसे में उसे पैरालिसिस वाले व्यक्ति को एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे उसको काफी फायदा हो सकता है। क्यों कि ऐसा कहा जाता है कि मेहनत करने वाले लोग शनि देव को पसंद होते हैं।
कर्मों में सुधार है इसका इलाज
वहीं स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें डॉक्टर पेशेंट को तकिया न लगाने, सख्त और सीधे बेड पर सोने सलाह देते हैं और इसके अलावा वे एक्सरसाइज करना का सुझाव भी देते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि यह बीमारी शनिदेव की नाराजगी की वजह से ही होती है। इसमें पेन किलर खाने से थोड़ी देर का आराम तो मिल सकता है। लेकिन कुछ देर बाद फिर से दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेकर फिजियोथेरेपी का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा अपने कर्मों में सुधार कर शनि को प्रसन्न कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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