Durga Chalisa Lyrics Hindi: नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी, नवरात्रि पर जरूर पढ़ें दुर्गा चालीसा का पाठ
Chaitra Navratri 2025 Durga Chalisa: चैत्र नवरात्रि में दुर्गा चालीसा पढ़ने का खास महत्व माना जाता है। मान्यता है दुर्गा चालीसा करने से मातारानी तुरंत प्रसन्न हो जाती हैं।

चैत्र नवरात्रि में दुर्गा चालीसा पढ़ने का खास महत्व माना गया है
Durga Chalisa Lyrics: नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं। नवरात्रि में माता दुर्गा की विधि विधान पूजा की जाती है। साथ ही उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। इसके अलावा इन दिनों दुर्गा चालीसा पढ़ने का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति नवरात्रि में सच्चे मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गा चालीसा पढ़ने से पहले माता की विधि विधान पूजा जरूर कर लें। संभव हो तो नवरात्रि के सभी दिन दुर्गा चालीसा पढ़ें। मान्यता है दुर्गा चालीसा का नित्य पाठ करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
श्री दुर्गा चालीसा (Shree Durga Chalisa)
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥
शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥
रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४
तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८
रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२
क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥
मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६
केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥ २०
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥
रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४
अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥
शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥
शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२
शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥
आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥ ३६
शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥
करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४०
देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥
॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

3 June 2025 Panchang: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष अष्टमी पर ये रहेंगे शुभ मुहूर्त, जानिए राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त समय

Nirjala Ekadashi Vrat Katha: 24 एकादशियों का फल देती है निर्जला एकादशी, यहां से पढ़ें इसकी व्रत कथा, हिंदी में

Nirjala Ekadashi 2025 Date, Puja Vidhi: 6 या 7, जून में कब है निर्जला एकादशी? यहां जानिए व्रत और पूजा की विधि

2 June 2025 Panchang: जानिए ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त समय

Sawan Jal Date 2025: सावन में कब चढ़ेगा कावड़ जल, नोट कर लें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited