Mata Ki Aarti Lyrics: नवरात्रि पूजा दुर्गा जी की आरती के बिना है अधूरी, यहां देखें जय अंबे गौरी आरती के संपूर्ण लिरिक्स
Ambe Maa Aarti Lyrics, Durga Maa Aarti In Hindi (जय अम्बे गौरी,मैय जय अम्बे गौरी ) Durga Ji Ki Aarti Lyrics Hindi, Navratri Aarti: नवरात्रि का पावन पर्व आज से शुरू हो गया है। अब नौ दिन तक मां अंबे की विधि विधान पूजा करने के साथ उनकी आरती की जाएगी। यहां देखें माता रानी की आरती के लिरिक्स।
Durga Mata Ki Aarti Lyrics
Ambe Maa Aarti Lyrics, Durga Maa Aarti In Hindi (जय अम्बे गौरी,मैय जय अम्बे गौरी ) Durga Ji Ki Aarti Lyrics Hindi, Navratri Aarti: शारदीय नवरात्रि का त्योहार 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। इस दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की उपासना की जाती है। वहीं श्रद्धालु व्रत रखते हैं और अपने-अपने तरीके से माता रानी को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर आप मां अंबे को शीघ्र प्रसन्न करना चाहते हैं तो सच्चे मन से नवरात्रि के इन नौ दिनों में माता की आरती (Mata Ki Aarti) जरूर करें। नवरात्रि में मुख्य रूप से माता रानी की 'अंबे तू है जगदम्बे काली' (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti) और 'जय अंबे गौरी' (Jai Ambe Gauri) आरती की जाती है। चलिए आपको बताते हैं नवरात्रि आरती के लिरिक्स (Navratri Aarti)।
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी आरती लिखित में (Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
jai ambe gauri aarti pdf (जय अंबे गौरी आरती pdf)
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माता शैलपुत्री की आरती (Maa Shailputri Ki Aarti)
शैलपुत्री मां बैल पर सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
जोर से बोलो जय माता दी, सारे बोले जय माता दी
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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