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दिल्ली, कानपुर और लखनऊ में रावण दहन का क्या रहेगा मुहूर्त, जानें

दिल्ली, कानपुर और लखनऊ में रावण दहन का क्या रहेगा मुहूर्त, जानें

दिल्ली, कानपुर और लखनऊ में रावण दहन का क्या रहेगा मुहूर्त, जानें

बुराई पर सत्य और न्याय की जीत का उत्सव दशहरा आज यानी 5 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। तभी से इस दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा। इस त्योहार को विजया दशमी के नाम से भी जाना जाता है। जानिए दशहरा पर्व की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।

दशहरा/विजयदशमी पूजन विधि (Dussehra 2022 Puja Vidhi):

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद गेंहू या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमाएं बनाएं।
  • गाय के गोबर से 10 गोले बना लें। फिर इन गोले यानी कंडों पर पर जौ और दही लगायें।
  • इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बनाएं, एक कटोरी में कुछ सिक्के डाल दें और दूसरी में चावल, रोली, फल, फूल और जौ डालें।
  • इसके बाद बनाई हुई प्रतिमाओं पर केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल चढ़ाएं।
  • उन प्रतिमाओं के समक्ष धूप-दीप जलाएं।
  • इस दिन कई लोग अपने बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
  • इसके लिए आप अपने बहीखाते पर भी जौ और रोली चढ़ाएं।
  • इसके बाद ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अपनी सामर्थ्य अनुसार उन्हें दान दें।
  • इसके बाद घर परिवार के लोग इकट्ठा होकर रावण दहन करें।
  • रावण दहन के बाद आप अपने घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें।
  • दशहरा पूजा वाले दिन कई लोग भगवान राम की झांकियों पर जौ चढ़ाते हैं वहीं कई जगह इस दिन लड़के अपने कान पर जौ रखते हैं।

कैसे किया जाता है रावण दहन: दशहरा पर्व के दिन कई जगहों पर रावण के बड़े-बड़े पुतले तैयार किये जाते हैं और फिर उनका शुभ मुहूर्त में दहन किया जाता है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि हम अपने अंदर की सभी बुराई का अंत कर के अच्छाई की लौ प्रज्वलित करें। इसी के साथ ये दिन बेहद शुभ भी माना जाता है। इसलिए इस दिन से कई लोग नये काम की शुरुआत भी करते हैं।

Dussehra 2022 Ravan Dahan Puja Vidhi, Muhurat Live Updates

रावण दहन का समय:
रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। दरअसल रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में ही किया जाता है। इसके अलावा विजय मुहूर्त 02:07 PM से 02:54 PM तक रहेगा। वहीं अपराह्न पूजा का समय 01:20 PM से 03:41 PM तक है। श्रवण नक्षत्र 5 अक्टूबर को रात 09:15 बजे तक रहेगा।

Oct 5, 2022 | 07:42 PM IST

देशभर में दशहरा पर्व की धूम

देशभर में गुरुवार को विजयादशमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के मशहूर 'कुल्लू दशहरा उत्सव' में शामिल हुए।
Oct 5, 2022 | 07:24 PM IST

रामलीला ग्राउंड में किया गया रावण दहन

Oct 5, 2022 | 07:02 PM IST

मैसूर दशहरा

Oct 5, 2022 | 06:40 PM IST

लद्दाख में रावण दहन

Oct 5, 2022 | 06:35 PM IST

यहां देखें बिहार में रावण दहन करने की वीडियो

Oct 5, 2022 | 06:30 PM IST

पंजाब में रावण दहन

Oct 5, 2022 | 06:20 PM IST

रावण दहन समय

दिल्ली के रामलीला मैदान में रावण दहन का समय रात 8 बजे रखा गया है।लखनऊ में भी रावण दहन रात 8 बजे होगा। यहां का मुख्य आयोजन स्थल ऐशबाग रामलीला मैदान है।कानपुर के परेड रामलीला मैदान में रात 9 बजकर 30 मिनट पर रावण दहन होगा।
Oct 5, 2022 | 06:01 PM IST

अमृतसर (Amritsar Ravan Dahan Timing)

अमृतसर में रावण दहन का आयोजन रंजीत एवेन्यू में किया जाएगा जहां आप परिवार, पड़ोसी या दोस्त के साथ रावण दहन देखने जा सकते हैं. समय - शाम 7.30 बजेस्थान - रंजीत एवेन्यू
Oct 5, 2022 | 05:48 PM IST

पंजाब में दशहरे की धूम

लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, मुक्तसर साहिब, अमृतसर, जालंधर और बरनाला में इस बार सबसे ऊंचे रावण के पुतलाें का दहन किया जाएगा।
Oct 5, 2022 | 05:35 PM IST

अयोध्या में रावण दहन का समय (Ayodhya Ravan Dahan Timing)

भगवान राम के जन्मस्थली अयोध्या में लक्ष्मण किला के पास भव्य रावण दहन का आयोजन किया जाता हैसमय - शाम 5.30 बजे सेस्थान - लक्ष्मण किला
Oct 5, 2022 | 05:27 PM IST

कोटा में इस बार रिमोट से होगा रावण दहन

यहां रावण का पुतला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर काम करेगा। जिसकी मदद से दूर से ही पुतले के पटाखों को नियंत्रित किया जा सकता है। एक रिमोट सिस्टम पटाखों से कदम दर कदम पुतला जलाएगा।
Oct 5, 2022 | 05:24 PM IST

रावण दहन की तैयारी शुरू

रावण दहन का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है। सूर्यास्त के बाद से रावण दहन करने की परंपरा शुरू हो जाएगी और रात करीब 9 बजे तक रावण दहन किया जा सकेगा। लेकिन इसका शुभ मुहूर्त रात 8.30 बजे तक है।
Oct 5, 2022 | 05:02 PM IST

कुछ ही देर में शुरू हो जाएगा रावण दहन मुहूर्त

बता दें रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में करने की परंपरा है। सूर्यास्त के बाद से रावण दहन का मुहूर्त शुरू हो जाएगा और रात 8.30 बजे तक रावण दहन किया जा सकेगा।
Oct 5, 2022 | 04:24 PM IST

Dussehra 2022: दशहरा पर बन रहे तीन शुभ योग

दशहरा या विजयादशमी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। दशहरा के दिन रवि, सुकर्मा और धृति योग बनने से इस दिन का महत्व दोगुना हो रहा है। इन योगों का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। इन योगों में किए गए उपाय सिद्ध हो जाते हैं।
Oct 5, 2022 | 03:44 PM IST

दशहरा की पूजा विधि (Puja Vidhi)

इस दिन घर के पूर्व उत्तर दिशा में कोई पवित्र और शुद्ध स्थान चुनें और वहां चंदन का लेप और अष्टदल चक्र बना लें।
इसके बाद अपराजिता पूजा की संकल्प लिया जाता है।
अष्टदल चक्र के बीच में अपराजिता मंत्र लिखा जाता है और फिर अपराजिता का आवाहन किया जाता है।
इसके बाद मां जया को दाएं और मंत्र के साथ आवाहन किया जाता है और बाईं तरफ माँ विजया का आवाहन किया जाता है।
इसके बाद अपराजिता नमः मंत्र के साथ षोडशोपचार पूजन की जाती है।
पूजा संपन्न होने के बाद देवी देवताओं को प्रणाम किया जाता है।
Oct 5, 2022 | 03:06 PM IST

Dussehra 2022 Ravan Dahan Muhurat, Timings: देशभर में कहां कितने बजे होगा रावण दहन

कहते हैं इस दिन श्री राम ने माता सीता को रावण के चंगुल से मुक्त कराया था और रावण का वध किया था। इसलिए इस दिन रावण जलाने की परंपरा है। देशभर में कब कितने बजे होगा रावण दहन जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
Oct 5, 2022 | 02:34 PM IST

दशहरा पर्व से जुड़ी खास बातें

  • कई जगहों पर होने वाली नवरात्रि रामलीला का समापन भी आज के दिन होता है।
  • इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाकर भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।
  • ऐसा विश्वास है कि माँ भगवती जगदम्बा का अपराजिता स्त्रोत करना बड़ा ही पवित्र माना जाता है।
  • बंगाल में माँ दुर्गा पूजा का त्यौहार भव्य रूप में मनाया जाता है।
Oct 5, 2022 | 02:07 PM IST

बेहद प्रसिद्ध है इस मैसूर दशहरा (Mysore Dussehra 2022)

मैसूर दशहरा पर्व बहुत ही बृहद रूप में मनाया जाता है जो कि बहुत प्रसिद्ध है। दशहरा त्यौहार से लोग दिवाली उत्सव के लिए अपनी तैयारियाँ शुरु कर देते हैं।
Oct 5, 2022 | 01:45 PM IST

दशहरा पर इस पक्षी के दर्शन होना माना जाता है बेहद शुभ

दशहरा पर नीलकंठ पक्षी दिखना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब श्रीराम ने रावण का वध किया था। उसी दौरान उन्हें नीलकंठ के दर्शन हुए थे। इसके बाद श्रीराम को रावण पर विजय मिली थी। यही वजह है कि इस दिन नीलकंठ दिखना शुभ माना जाता है। नीलकंठ पक्षी दिखने पर करें इस मंत्र का करें उच्चारण- कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्।शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।।नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद।पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।
Oct 5, 2022 | 01:23 PM IST

दशहरा पर घर ले आएं ये पौधा, हर काम में मिलेगी सफलता

दशहरा पर शमी के पौधे की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस पौधे को लाने का भी ये दिन सबसे शुभ माना गया है।
Oct 5, 2022 | 12:55 PM IST

दशहरा पूजा टाइम (Dussehra 2022 Puja Time)

  • नई दिल्ली- 02:07 PM to 02:54 PM
  • पूणे- 02:22 PM to 03:10 PM
  • चेन्नई- 01:57 PM to 02:45 PM
  • कोलकाता- 01:23 PM to 02:11 PM
  • हैदराबाद- 02:04 PM to 02:51 PM
  • अहमदाबाद- 02:26 PM to 03:14 PM
  • नोएडा- 02:07 PM to 02:54 PM
  • जयपुर- 02:13 PM to 03:00 PM
  • मुम्बई- 02:26 PM to 03:13 PM
  • गुड़गांव- 02:08 PM to 02:55 PM
  • बेंगलुरु- 02:08 PM to 02:55 PM
  • चंडीगढ़- 02:09 PM to 02:56 PM
Oct 5, 2022 | 12:36 PM IST

दशहरा पर्व किस मुहूर्त में मनाया जाता है?

दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक की होती।
Oct 5, 2022 | 12:07 PM IST

आरती कीजै रामचन्द्र जी की। (Shree Ram Ji Ki Aarti)

आरती कीजै रामचन्द्र जी की।
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥
पहली आरती पुष्पन की माला।
काली नाग नाथ लाये गोपाला॥
दूसरी आरती देवकी नन्दन।
भक्त उबारन कंस निकन्दन॥
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।
रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥
चौथी आरती चहुं युग पूजा।
देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥
पांचवीं आरती राम को भावे।
रामजी का यश नामदेव जी गावें॥
Oct 5, 2022 | 11:38 AM IST

भाग्य चमकाने के लिए दशहरा पर करें ये काम

भाग्य चमकाने के लिए भगवान राम के 108 नामों का जप करें। इससे हर काम में सफलता मिलेगी।
Oct 5, 2022 | 11:16 AM IST

दशहरा का महत्व

दशहरे के शाम का समय सबसे ज्यादा शुभ माना गया है क्योंकि ये विजय काल होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विजय काल में किसी भी काम को करने से उसमें विजय हासिल होती है। इस दौरान खरीदारी करना व नए काम की शुरुआत करना अति लाभकारी माना गया है।
Oct 5, 2022 | 10:21 AM IST

दशहरा 2022 पूजा मुहूर्त (Dussehra 2022 Puja Muhurat)

  • दशमी तिथि 5 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे तक रहेगी।
  • श्रवण नक्षत्र 5 अक्टूबर 2022 को रात 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
  • विजय मुहूर्त 5 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से लेकर 2 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
  • अमृत काल 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
  • अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
Oct 5, 2022 | 10:00 AM IST

कहां कैसे मनाते हैं दशहरा पर्व?

  • कुल्लू में भगवान रघुनाथ की भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है।
  • पंजाब में 9 दिनों के उपवास और शक्ति की पूजा के साथ दशहरे का पर्व मनाया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश में रावण दहन किया जाता है।
  • दिल्ली में रामलीला का आयोजन किया जाता है।
  • कर्नाटक में कार्निवल जैसा उत्सव मनाया जाता है।
  • तमिलनाडु में देवी की पूजा की जाती है।
  • छत्तीसगढ़ में प्रकृति की पूजा की जाती है।
  • गुजरात में गरबा के साथ दशहरा मनाया जाता है।
  • पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और दशहरे का खूबसूरत रंग देखने को मिलता है।
  • मैसूर में शाही दशहरा मनाया जाता है।
Oct 5, 2022 | 09:21 AM IST

दशहरा का दिन होता है अबूझ मुहूर्त

कोई भी शुभ कार्यों को करने से पहले शुभ मुहूर्तों को देखा जाता है। हर दिन शुभ और अशुभ दोनों ही मुहूर्त होते हैं। दशहरा पर लगने वाले राहु काल की बात करें तो 5 अक्टूबर को राहुकाल समय दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। चूंकि दशहरा अबूझ मुहूर्त में मनाया जाता है, इसलिए राहु काल से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। यानी दशहरा का पूरा दिन ही शुभ माना जाता है।
Oct 5, 2022 | 08:53 AM IST

दशहरा 2022 पूजा मुहूर्त (Dussehra 2022 Puja Muhurat):

रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में किए जाने की परंपरा है।5 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र रात 09:15 बजे तक रहेगा।इसके अलावा विजय मुहूर्त 02:07 PM से 02:54 PM तक रहेगा।अपराह्न पूजा का समय 01:20 PM से 03:41 PM तक रहेगा।
Oct 5, 2022 | 08:33 AM IST

देवी माँ की प्रतिमा का होता है विसर्जन

दशहरा के दिन कई जगह दुर्गा विसर्जन भी किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा अपने पिता के घर आती हैं और दसवें दिन उनकी विदाई कर दी जाती है। इसलिए कई जगहों पर नौ दिनों के लिए देवी माँ की प्रतिमा स्थापित करके दसवें दिन उनका विसर्जन किया जाता है।
Oct 5, 2022 | 07:59 AM IST

कब हुई थी दशहरा की शुरुआत

ऐसी मान्यता है कि दशहरा पर्व की शुरुआत मैसूर के राजा ने 17वीं शताब्दी में की थी। दशहरा पर्व भारत ही नहीं बल्कि नेपाल, बांग्लादेश और मलेशिया में भी मनाया जाता है।
Oct 5, 2022 | 07:44 AM IST

रावण दहन का समय

रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। बता दें प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में रावण दहन किया जाता है। 5 अक्टूबर को ये नक्षत्र रात 09:15 बजे तक रहेगा।
Oct 5, 2022 | 07:23 AM IST

Dussehra 2022: अंदर की बुराईयों का करें अंत

इस दिन भगवान राम ने 10 सिर वाले अत्याचारी रावण का वध किया था, जिसे बुराई के दस रूपों का प्रतीक माना जाता है। बुराई के ये 10 रूप हैं पाप, क्रोध, मोह, जलन, अहंकार, लोभ, घमंड, स्वार्थ, क्रूरता, अन्याय, दुराचारी, स्वार्थी आदि। इस त्योहार पर रावण दहन करने का मतलब है कि हम अपने अंदर की बुराईयों का भी इस दिन अंत कर दें।
Oct 5, 2022 | 07:00 AM IST

विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है दशहरा

इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है दशवें दिन जीत प्राप्त करना। ऐसी मान्यता है जिस प्रकार से देवी दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी उससे ही इस पर्व का नाम विजयादशमी पड़ा। साथ ही इसी दिन श्री राम भगवान ने भी रावण पर विजय प्राप्त की थी।
Oct 5, 2022 | 06:45 AM IST

Dussehra 2022: दशहरा है खास

दशहरा शब्द संस्कृत के दो शब्दों से दशा और हारा से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है सूर्य का अस्त। ऐसा माना जाता है कि यदि भगवान श्री राम रावण का वध नहीं करते तो उसके पापों से सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
Oct 5, 2022 | 06:26 AM IST

दशहरा पर्व का महत्व और इतिहास

इस त्यौहार को मनाये जाने के पीछे दो महत्वपूर्ण तथ्य माने गए हैं। एक मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम ने रावण से नौ दिनों तक युद्ध करने के बाद दसवें दिन उसे मार गिराया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था।
Oct 5, 2022 | 12:01 AM IST

Dussehra 2022 Ke Upay: धन और समृद्धि की वृद्धि के लिए उपाय

कहा जाता है कि धन और समृद्धि की वृद्धि के लिए दशहरा पर शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद मंदिर में झाड़ू दान करना चाहिए।
Oct 4, 2022 | 11:32 PM IST

Dussehra 2022 Niyam: भूल कर भी ना करें ये कार्य

दशहरा तिथि बेहद शुभ मानी गई है। इस दिन लोगों को कुछ कार्य भूल कर भी नहीं करने चाहिए। माना जाता है कि दशहरा पर लोगों को पेड़-पौधे नहीं काटने चाहिए। इसके साथ इस दिन जीव-जंतु की हत्या भी नहीं करनी चाहिए।
Oct 4, 2022 | 11:06 PM IST

Dussehra 2022 Upay: करें इस मंत्र का जाप

अगर नौकरी या व्यापार में आपको कई परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है तो इस दिन 'ॐ विजयायै नम:' मंत्र का जाप करें। फिर मां दुर्गा की पूजा करते समय उन्हें 10 फल चढ़ाएं। पूजा के बाद इन फलों को गरीबों को दे दें। यहा उपाय करने से नौकरी और व्यापार में आ रही परेशानियां दूर हो जाएंगी।
Oct 4, 2022 | 11:33 PM IST

Dussehra 2022 पर पढ़ें मां दुर्गा की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,...।

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,...।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी,...।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी,...।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी,...।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी,...।

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी,...।

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी,...।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी,...।

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी,...।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।

अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी,...।

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