Dussehra 2022 Puja Vidhi, Muhurat: दशहरा पूजा के ये दो मुहूर्त सबसे शुभ, जानें विजयादशमी पूजा की पूरी विधि यहां

Dussehra 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List, Mantra in Hindi: असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा आज मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से रावण दहन करने की परंपरा है। यहां आप जानेंगे दशहरा पर्व की पूजा विधि विस्तार से।

Dussehra puja

Dussehra 2022 Puja Muhurat: असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा इस बार 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

मुख्य बातें
  • 5 अक्टूबर को रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
  • दशहरा पर भगवान श्रीराम, भगवान गणेश, हनुमान जी, माता दुर्गा और मां सरस्वती की पूजा होती है।
  • कई जगहों पर इस दिन शस्त्र पूजन भी किया जाता है।

Dussehra 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timings, Samagri, Mantra: पंचांग अनुसार दशहरा पर्व हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है। आज दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दशहरा पर्व की तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। कहते हैं इस तिथि पर किया गया कोई भी धार्मिक या नया कार्य सफल सिद्ध होता है। कई जगहों पर इस दिन शस्त्र पूजन भी किया जाता है। दशहरा के दिन कई लोग वाहन, इलेक्ट्रॉनिक का कोई सामान, सोने के आभूषण और नए कपड़े खरीदना शुभ मानते हैं। जानिए दशहरा की पूजा विधि और मुहूर्त।

दशहरा 2022 पूजा मुहूर्त (Dussehra 2022 Puja Muhurat):

  • रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
  • रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में किए जाने की परंपरा है।
  • 5 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र रात 09:15 बजे तक रहेगा।
  • इसके अलावा विजय मुहूर्त 02:07 PM से 02:54 PM तक रहेगा।
  • अपराह्न पूजा का समय 01:20 PM से 03:41 PM तक रहेगा।
दशहरा पूजा सामग्री (Dussehra puja samagri): दशहरा प्रतिमा, गाय का गोबर, चूना, तिलक, मौली, चावल, फूल, नवरात्रि के समय उगे हुए जौ, केले, मूल, ग्वारफली, गुड़, खीर-पूरी और व्यापार के बहीखाते।

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दशहरा पूजा विधि (Dussehra 2022 Puja Vidhi)::

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण कर प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी का पूजा करें।
  • शमी के पौधे के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद सभी दिशाओं में विजय की प्रार्थना करें।
  • इस दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजन भी किया जाता है।
  • शस्त्र पूजन के लिए एक चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • इसके बाद उसके ऊपर सभी शस्त्रों को स्थापित कर दें और फिर शस्त्रों की पुष्प, अक्षत, रोली, धूप दीप आदि से पूजा करें।
  • इसी के साथ भगवान श्रीराम, भगवान गणेश, हनुमान जी, माता दुर्गा और मां सरस्वती की भी पूजा करें।
  • इस दिन गोबर के नौ गोले या कंडे बनाए जाते हैं। इनमें जौ लगाएं और इन गोलों को धूप दीप दिखाएं।
  • रावन दहन होने के बाद अपने घर परिवार के बड़े सदस्यों का आशीर्वाद लें।

दशहरा पूजा मंत्र:

राम रामाय नम:- ॐ अपराजितायै नमः- पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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