Dussehra 2022: रावण की मौत के बाद पुष्पक विमान का क्या हुआ? जानें क्या थी इसकी खासियत

Pushpak Vimaan: वाल्मीकि की रामायण के अनुसार, माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण उन्हें पुष्पक विमान से लंका लेकर गया था। यह विमान कई तकनीकों से लैस था। आइए आज आपको बताते हैं कि पुष्पक विमान किसने बनाया था और रावण को ये कैसै मिला था।

Pushpak-Vimaan

Pushpak Vimaan

मुख्य बातें
  • कई सुविधाओं से लेस था रावण का विमान
  • जानें, आखिर किसने बनाया था पुष्पक विमान
  • रावण की मौत के बाद श्रीराम ने पुष्पक विमान का क्या किया?
Dussehra 2022 Ravan Pushpak Vimaan: राक्षसराज रावण माता सीता का अपहरण करके उन्हें पुष्पक विमान में बिठाकर अपने साथ सोने की लंका ले गया था। जटायु ने पुष्पक विमान को रोकने के लाख प्रयास किए, लेकिन मायावी रावण के सामने उसकी एक न चली। आखिरकार रावण वायु मार्ग के जरिए माता सीता को लंका ले गया। वाल्मीकि की रामायण के अनुसार, रावण का पुष्पक विमान नए जमाने के किसी मॉडर्न एयरोप्लेन से कम नहीं था। ये कई प्रकार की विशेष सुविधाओं से लैस था। आइए आपको बताते हैं कि पुष्पक विमान किसने बनाया था और इसकी खासियत क्या थी।
रावण के पास कहां से आया पुष्पक विमान?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के पास जो पुष्पक विमान था वो भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था, जिन्हें सृष्टि का पहला और सर्वोच्च इंजीनियर कहा जाता है। विश्वकर्मा ने ये विमान अपने पिता ब्रह्मा जी के लिए तैयार किया था। लेकिन बाद में ब्रह्मा ने ये विमान कुबेर को सौंप दिया था। जब रावण की नजर पुष्पक विमान पर पड़ी तो उसने अपनी शक्ति के बल इसे कुबेर से छीन लिया। कहते हैं कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद पुष्पक विमान वापस कुबेर को दे दिया था।
पुष्पक विमान की खासियतें
रामायण के सुंदरकांड के सप्तम अध्याय में पुष्पक विमान से जुड़ी जानकारी मिलती है। यहां उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, पुष्पक विमान दिखने में किसी मोर जैसा था। आग-हवा के संयोजन से उड़ने वाला पुष्पक विमान आकार में छोटा या बड़ा हो सकता था। कुछ जगहों पर ऐसा भी उल्लेख है कि यह विमान सूरजमुखी के फूल से निकलने वाले तेल से उड़ता था। विमान में यह तेल ईंधन की तरह काम करता था।
यह विमान चालक के मन के हिसाब से गति पकड़ता था और उसे मंजिल तक पहुंचा देता था। पुष्पक विमान में सोने के खंभे, मणि और सोने के संयोजन से बनी सीढ़ियां, गुप्त गृह, नीलम से बना सिंहासन भी था। ऐसा बताया गया है कि इस विमान को केवल वही उड़ा सकता था जिसने विमान संचानल का मंत्र सिद्ध किया हो। पुष्पक विमान ना केवल पृथ्वी लोक पर उड़ता था, बल्कि एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जाने में भी सक्षम था।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited