Sankashti Chaturthi 2023: फाल्गुन माह संकष्टी चतुर्थी को गणेश पूजन से होती है मनोकामना पूरी

Sankasthi Chaturthi 2023: कृष्ण पक्ष को मनाई जाने वाली चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन देवों में सर्वप्रथम पूज्य भगवान गणेश की विधिविधान से पूजा की जाती है। आज संकष्टी चतुर्थी गणेश पूजन से होने वाले लाभ के बारे में समझने की कोशिश करेंगे, जिससे जीवन में गणेश जी की कृपा से आगे बढ़ने का मौका मिलते रहे।

फाल्गुन माह संकष्टी चतुर्थी में करें गणेश पूजन

मुख्य बातें
  • संकष्टी चतुर्थी को विघ्नहर्ता भगवान गणेश की करें अराधना
  • फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्विजप्रिय संकष्टी का शास्त्रों में विशेष महत्व है।
  • भगवान गणेश देवताओं में श्रेष्ठ और सर्वप्रथम पूजनीय

Sankashti Chaturthi: संकष्टी चतुर्थी को विघ्नहर्ता भगवान गणेश की अराधना होती है। हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा बाद कृष्ण पक्ष में चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस वर्ष 9 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन विधि विधान से गणपति पूजन से जातक को विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष में कुल 24 चतुर्थी मनाई जाती है। हर माह में दो चतुर्थी आती हैं। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश के छठे स्वरूप द्विजप्रिय गणेश की पूजा की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूरे विधि विधान से गणेश पूजन से सुख समृद्धि की प्राप्ति और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्विजप्रिय संकष्टी का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा और व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश देवताओं में श्रेष्ठ और सर्वप्रथम पूजनीय हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से जातक पर भगवान गणेश की कृपा होती है जिससे की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। संकष्टी चतुर्थी को साधकों को बह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान के बाद भगवान गणेश को स्मरण करते हुए पूजा की तैयारी करही चाहिए। साधकों को प्रजापति गणेश भगवान का प्रिय रंग लाल वस्त्र धारण कर पूजन विधि करनी चाहिए। गणेश आरती के बाद अज्ञानतावश हुई भूलों को लिए क्षमा मांग लेनी चाहिए।

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