Ek Shloki Ramayan: रामायण के इस श्लोक में छिपा है पूरा सार, जानें इसको पढ़ने का नियम
Ek Shloki Ramayan: वाल्मिकी की रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस भगवान राम को समर्पित ग्रंथ हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं श्लोकी रामायण को छोटी रामायण कहा जाता है? इसके एक श्लोक में संपूर्ण रामायण का सारांश पाया जा सकता है। आइए जानते हैं वो कौनसा श्लोक है।
Ek Shloki Ramayan
Ek Shloki Ramayan: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। भगवान राम के संपूर्ण जीवन का वर्णन महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास जी द्वारा रचित रामायण में किया गया है। रामायण में राम के जीवन की घटना का वर्णन मिलता है। रामायण का पाठ करने से साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है। रामायण बताती है कि व्यक्ति को धर्म के अनुसार कैसा आचरण करना चाहिए। अन्याय के मार्ग पर चलने वालों की कभी जीत नहीं होती। रामायण के भीतर एक श्लोक है। जिसको पढ़ने से रामायण का सार पता चलता है। आइए जानते हैं रामायण के उस श्लोक के बारे में।संबंधित खबरें
Ek Shloki Ramayan (रामायण श्लोक)आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।संबंधित खबरें
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।संबंधित खबरें
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।संबंधित खबरें
एक शलोकी रामायण अर्थ (Ek Shloki Ramayan Arth)इस एक श्लोक में संपूर्ण रामायण का संक्षेप में वर्णन किया गया है। इस श्लोक का अर्थ है: जब भगवान राम वन में गए तो उन्हें वहां एक सोने का हिरण दिखाई दिया, इसलिए उन्होंने उसका शिकार किया और उसे मार डाला। तब वैदेही या सीता की मां का रावण ने अपहरण कर लिया था। सीता माता की रक्षा के लिए पक्षीराज जटायु ने रावण के विरुद्ध युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसके बाद सीता माता की खोज करते समय भगवान राम की मुलाकात सुग्रीव से हुई और वे मित्र बन गये। अपनी मित्रता निभाने के लिए उन्होंने सुग्रीव के दुष्ट भाई बाली को मार डाला। सीता माता की खोज में सुग्रीव ने भी रामजी की सहायता की थी। इसके बाद हनुमान जी लंका पहुंचे और रावण की सोने की लंका में आग लगा दी। युद्ध में रावण और उसके भाई कुम्भकरण की मृत्यु हो गई। इस प्रकार इस प्रकरण में संपूर्ण रामायण का सारांश प्रस्तुत किया गया है।
एक श्लोकी पाठ नियम (Ek Shloki Ramayan Path Niyam)- सुबह उठकर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं, उसके बाद ही रामायण के श्लोक का पाठ करना चाहिए।
- आप रोजाना रामायण श्लोक मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इस मंत्र को 108 बार दोहराएं।
- यदि 108 बार संभव न हो तो रामायण के इस श्लोक का 7, 14 या 21 बार पाठ करें।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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