Ekadashi Aarti In Hindi: इंदिरा एकादशी की पूजा में जरूर करें ये आरती, देखें एकादशी आरती के लिरिक्स हिंदी में
Ekadashi Aarti: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा के समय एकादशी माता की आरती करना बिल्कुल भी न भूलें। यहां देखें एकादशी आरती के लिरिक्स।

Ekadashi Vrat Ki Aarti
Ekadashi Aarti In Hindi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। हर महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं एक कृष्ण पक्ष में एक शुक्ल पक्ष में। इस तरह से एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है। 10 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2023) व्रत मनाया जा रहा है। ऐसे में इस एकादशी की पूजा में इस पावन आरती को करना बिल्कुल भी न भूलें। यहां देखें एकादशी आरती के लिरिक्स।
एकादशी की आरती (Ekadashi Vrat Ki Aarti)
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।
एकादशी व्रत का महत्व (Ekadashi Vrat Mahatva)
एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है एकादशी व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाकर भगवान की शरण में ले जाने का काम करता हैं। एकादशी व्रत पूजा जीवन में सौभाग्य प्रदान करता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि बढ़ती है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
एकादशी व्रत पूजा विधि (Ekadashi Vrat Puja Vidhi)
एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर सूर्य भगवान की पूजा करें। श्री हरि विष्णु को सबसे पहले पंचामृत से स्नान करवाएं फिर गंगाजल से स्न्नान करवाएं। फिर उन्हें पीला चंदन,अबीर, गुलाल, अक्षत, मोली, फूल, तुलसी पत्र इत्यादि चीजें अर्पित करें। इसके बाद खीर का भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि विष्णु भगवान की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल जरूर किया जाए। भोग लगाने के बाद विष्णु जी की आरती करें।
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