Amla Ekadashi 2024 Parana Time: आंवला एकादशी व्रत पारण समय और पूजा विधि यहां जानिए

Amalaki (Amla) Ekadashi 2024 Parana Time, Puja Vidhi In Hindi: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यहां आप जानेंगे आमलकी एकादशी व्रत कैसे रखते हैं, इसकी पूजा विधि क्या है।

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Ekadashi Ka Vrat Kaise Rakhte Hain

Amalaki (Amla) Ekadashi 2024 Parana Time, Puja Vidhi In Hindi: आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) और रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। इस साल ये एकादशी 20 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अलावा आंवले के पेड़ की पूजा करने का भी विधान बताया गया है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार आंवले के पेड़ में भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। यहां जानिए आमलकी एकादशी व्रत विधि और पूजा विधि।

आमलकी एकादशी 2024 पारण समय (Amalaki Ekadashi 2024 Parana Time)

आमलकी एकादशी 20 मार्च को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। तो वहीं 21 मार्च को आमलकी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा जिसका समय 21 मार्च की दोपहर 01:41 से शाम 04:07 बजे तक रहेगा। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 08:58 का है। एकादशी तिथि का प्रारम्भ 20 मार्च 2024 को 12:21 AM से होगा और इसकी समाप्ति 21 मार्च 2024 को 02:22 AM पर होगी।

एकादशी व्रत कैसे रखते हैं (Ekadashi Vrat Kaise Rakhte Hai)

एकादशी व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। इस व्रत में दिन के समय अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। लेकिन शाम के समय फलहारी ग्रहण कर सकते हैं। ध्यान रखें कि इस दिन व्रती को चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए। साथ ही व्रती को पूरी रात जागरण करना चाहिए और फिर अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत खोलना चाहिए।

आंवला एकादशी पूजा विधि (Amla Ekadashi Vrat Vidhi Puja Vidhi In Hindi)

आमलकी एकादशी में विशेष रूप से आंवले का महत्व होता है। इस दिन पूजन से लेकर भोजन तक हर कार्य में इसका उपयोग किया जाता है। अगर आप आमलकी एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। व्रत का संकल्प लेने के बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर घी का दीपक जलकार विष्णु सहस्रनाम का पाठ जरूर करें। भगवान विष्णु की पूजा के बाद आंवले के पेड़ की पूजा करें। इस पेड़ के नीचे नवरत्न युक्त कलश स्थापित करें। अगर आंवले का पेड़ आस-पास नहीं है तो आंवले का फल भगवान विष्णु को प्रसाद स्वरूप चढ़ाएं। आंवले के वृक्ष के पूजन के बाद उसके नीचे किसी जरुरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं। इसके बाद अगले दिन यानि द्वादशी को स्नान कर भगवान विष्णु का फिर से पूजन करें। फिर जरुतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को कलश, वस्त्र और आंवला आदि दान करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण कर उपवास खोलें। एकादशी व्रत फलाहार ग्रहण करके रखा जा सकता है।

एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए? (Ekadashi Vrat Me Kya Nahi Karna Chahiye)

  • एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए।
  • इस व्रत में किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा एकादशी के दिन क्रोध भी नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन मदिरापान या मांस का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन पान सुपारी नहीं खानी चाहिए।

आमलकी एकादशी व्रत का महत्त्व (Ekadashi Vrat Ka Mahatva)

पद्म पुराण के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। कहते हैं इस व्रत को रखने से सैंकड़ों तीर्थ दर्शन के समान पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवला जरूर अर्पित करना चाहिए और स्वयं भी इसका सेवन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार आमलकी एकादशी पर आंवले का सेवन बेहद लाभकारी माना जाता है।
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