Ekadashi Aarti: एकादशी माता की आरती, ॐ जय एकादशी माता

Ekadashi Mata Ki Aarti: हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) भगवान विष्णु को समर्पित है। लेकिन साथ ही इस दिन एकादशी माता की भी पूजा का विधान है। इसलिए एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के साथ एकादशी माता की आरती करना बिल्कुल भी न भूलें। जानें एकादशी माता की आरती के लिरिक्स हिंदी में यहां।

ekadashi mata ki aarti

एकादशी माता की आरती

Ekadashi Mata Ki Aarti: साल में कुल 24 एकदाशी आती हैं। मान्यता है इस दिन जो सच्चे मन से व्रत रख भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है। उसके सारे मनोरथ पूरे हो जाते हैं। एकादशी तिथि पर माता एकादशी की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार एकादशी माता भगवान विष्णु के ही शरीर से प्रकट हुईं थीं और इस देवी ने राक्षस मुर का वध किया था।

पौराणिक कथाओं अनुसार भगवान विष्णु ने ही इस देवी को एकादशी नाम दिया और अपने साथ पूजे जाने का वरदान दिया। इसलिए एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ एकादशी माता की भी पूजा की जाती है। एकादशी व्रत में देवी एकादशी की इस आरती को करना बिल्कुल भी न भूलें।

Ekadashi Mata Ki Aarti (एकादशी माता की आरती)

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।

विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।

ॐ जय एकादशी…॥

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।

गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥

ॐ जय एकादशी…॥

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।

शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥

ॐ जय एकादशी…॥

पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।

शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥

ॐ जय एकादशी…॥

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।

शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥

ॐ जय एकादशी…॥

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी।

पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥

ॐ जय एकादशी…॥

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।

नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥

ॐ जय एकादशी…॥

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।

नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥

ॐ जय एकादशी…॥

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।

देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥

ॐ जय एकादशी…॥

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।

श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए॥

ॐ जय एकादशी…॥

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।

इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥

ॐ जय एकादशी…॥

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।

रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥

ॐ जय एकादशी…॥

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।

पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥

ॐ जय एकादशी…॥

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।

शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥

ॐ जय एकादशी…॥

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।

जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥

ॐ जय एकादशी…॥

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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