May Ekadashi 2024 Date And Time: मई में पड़ेगी वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी, नोट कर लें दोनों की डेट और पारण समय

Ekadashi May 2024 Date And Time: मई महीने में वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी पड़ेगी। इन दोनों ही एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। यहां जानिए मई महीने में पड़ने वाली एकादशी की डेट।

Ekadashi May 2024 Date And Time

Ekadashi May 2024 Date And Time

Mai 2024 Mein Ekadashi Kab Hai (मई 2024 में एकादशी कब है): एक महीने में दो बार एकादशी मनाई जाती है। एक बार कृष्ण पक्ष में तो दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। एकादशी के दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। बता दें साल में आने वाली हर एकादशी का अपना विशेष महत्व माना जाता है। मई में वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी पड़ेगी। मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी सुख और सौभाग्य का प्रतीक है तो वहीं मोहिनी एकादशी सभी प्रकार के पापों से छुटकारा दिलाती है। जानिए मई में ये दोनों एकादशी कब-कब पड़ेंगी।

Ekadashi In May 2024 (मई में एकादशी कब है)

मई की पहली एकादशी है वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024 Date And Time)

वरूथिनी एकादशी 4 मई 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। इस एकादशी तिथि का प्रारंभ 3 मई की रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा तो वहीं इसकी समाप्ति 4 मई 2024 की रात 08 बजकर 38 मिनट पर होगी। जबकि 5 मई को इस व्रत का पारण किया जाएगा। वरूथिनी एकादशी व्रत का पारण समय 5 मई की सुबह 05:37 से 08:17 बजे तक रहेगा।

वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व (Varuthini Ekadashi Vrat Ka Mahatva)

पौराणिक कथाओं अनुसार भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व समझाते हुए कहते हैं कि जो भक्त इस एकादशी का व्रत सच्ची निष्ठा से करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है।

मई की दूसरी एकादशी है मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2024 Date And Time)

इस साल मोहिनी एकादशी 19 मई 2024, रविवार को मनाई जाएगी। इस एकादशी तिथि की शुरुआत 18 मई की सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति 19 मई की दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर होगी। तो वहीं एकादशी व्रत का पारण समय 20 मई की सुबह 05:28 AM से 08:12 AM तक रहेगा।

मोहिनी एकादशी का महत्व (Mohini Ekadashi Ka Mahatva)

इस एकादशी के दिन भगवान विष्णुजी के मोहिनी स्वरूप का पूजन किया जाता है। कहते हैं त्रेता युग में भगवान श्री राम ने इस व्रत को किया था। मान्यताओं अनुसार यह व्रत सभी प्रकार के दुखों का निवारण करता है।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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