Ekadashi Vrat Niyam: आपको जानना है जरूरी एकादशी व्रत के ये नियम, उपवास करने से पहले ध्यान रखें ये बातें

Ekadashi Vrat Niyam: एकादशी व्रत करने के लिए दशमी के दिन से व्रत के नियम लग जाते हैं जो द्वादशी तक चलते हैं। कुछ बातें सभी एकादशी के व्रत के दौरान ध्यान में रखी जाती हैं।

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के निमित्त रखा जाता है। हर मास में एकादशी आती है और मास के अनुसार एकादशी व्रत का महात्मय भी बढ़ जाता है। हिंदू धर्म में लोग एकादशी का व्रत रखते हैं और इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं। अलग अलग एकादशी का महत्व, उनकी पूजा विधि और व्रत के नियम अल्ग अलग हैं, फिर भी कुछ बातें सभी एकादशी के व्रत के दौरान ध्यान में रखी जाती हैं।

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एकादशी व्रत करने के लिए दशमी के दिन से व्रत के नियम लग जाते हैं जो द्वादशी तक चलते हैं। दशमी से लेकर द्वादशी तक व्रत के नियमों का पालन करना और अगले दिन पारण करते हुए कोई गलती नहीं होनी चाहिए। आइये जानते हैं एकादशी व्रत के क्या हैं नियम।

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  1. एकादशी पर नियम और संयम के साथ व्रत रखकर भगवान विष्णु की उपासना करने के बाद अगले दिन द्वादशी तिथि पर पारण में खास चीजों का ही सेवन करने का विधान है।
  2. एकादशी के दिन क्रोध न करते हुए मधुर वचन बोलना चाहिए।
  3. एकादशी का व्रत-उपवास करने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है। ध्यान रखें कि व्रत में तुलसी का प्रयोग जरूर करें।
  5. एकादशी व्रत के पारण के लिए भी आप तुलसी पत्र को अपने मुख में डाल कर कर सकते हैं।
  6. आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए आंवले का भी विशेष महत्व होता है।
  7. एकादशी व्रत के दिन चावल खाना मना होता है, लेकिन द्वादशी के दिन चावल खाना उत्तम माना जाता है।
  8. पारण करते समय कुछ चीजें का प्रयोग भोजन में भूल कर भी नहीं करना चाहिए। मूली, बैंगन, साग, मसूर दाल, लहसुन-प्याज आदि का पारण में प्रयोग निषेध है।
  9. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण हमेशा सूर्योदय के बाद ही किया जाता है।
  10. रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा भोग-विलास से दूर रहना चाहिए।
  11. यदि संभव हो तो एकादशी के दिन 12 बार जल से कुल्ला करें। फिर स्नान कर गीता पाठ करें।
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