तिलक लगाने में 99 प्रतिशत लोग करते हैं गलती, क्या है तिलक में अंगुलियों का महत्व, जानें तिलक से जुड़े नियम और सारी जरूरी बातें

Explained importance and significance of tilak: हिन्दू धर्म में तिलक लगाना बहुत महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। बिना तिलक के पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान आदि अपूर्ण माने जाते हैं। हिंदू रीति रिवाज में तिलक लगाने का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि इसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है।

तिलक का महत्व, मान्यता और फायदे।

Importance and significance of tilak in Hindi: हिंदुस्तानी सभ्यता और हिंदू परंपरा में ऐक ऐसी चीज है जो पूरी दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलती है। ये चीज है माथे पर लगने वाला तिलक। तिलक हिंदू धर्म को मानने वालों के अलावा पूरी दुनिया में कोई और नहीं लगाता है। हिन्दू धर्म में तिलक लगाना बहुत महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। बिना तिलक के पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान आदि अपूर्ण माने जाते हैं। हिंदू रीति रिवाज में तिलक लगाने का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि इसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। तिलक को तीसरी आंख या आज्ञा चक्र का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जो उच्च चेतना और आध्यात्मिक जागृति से जुड़ा है। माना जाता है कि तिलक लगाने से व्यक्ति परमात्मा से जुड़ सकता है और जागरूकता के उच्च स्तर तक पहुंच सकता है।

कितने तरह के तिलक

पंडित सुजीत जी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में तीन तरह के तिलक होते हैं- वैष्णव तिलक, शैव तिलक और शाक्त तिलक। वैष्णव तिलक राम औऱ कृष्ण को मानने वाले लगाते हैं। शैव तिलक शिव को मानने वाले लगाते हैं और शाक्त तिलक माता शक्ति के उपासक लगाते हैं। इन तीन प्रकार के तिलकों के भीतर अनेकों सम्प्रदाय हैं जिनके अपने-अपने अलग तिलक हैं। शैव तिलक में भस्म से त्रिपुंड बनाकर लगाया जाता है। वहीं शाक्त तिलक बड़ी गोल बिंदी के आकार में लाल रंग का होता है। बात वैष्णव तिलक की करें तो यह लाल या पीले रंग का गोल तिलक होता है जो आपको अयोध्या या मथुरा वृंदावन के लोग प्रमुखता से लगाए दिखते हैं।

तिलक का धार्मिक महत्व

तिलक को हम मस्तक के बीचोंबीच में लगाते हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु का वास होता है। यहां तिलक लगाने से नारायण प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में गंगा या त्रिवेणी स्नान के उपरांत माथे पर तिलक लगाने से मोक्ष का प्राप्ति होती है। तिलक लगाना न सिर्फ शुभ होता है बल्कि इसे लगाने से पूजा का फल भी पूर्ण रूप से मिलता है। चित्रकूट के रामानंद सम्प्रदाय के सदस्य लक्ष्मण दास कहते हैं कि, 'तिलक का जिक्र हमारे वेद पुराणों में भी है। तुलसीदास का एक दोहा है- चित्रकूट के घाट पर भय संतन की भीड़, तुलसीदास चंदन घिसे तिलक करय रघुवीर। यह दोहा हमें तिलक का महत्व बताता है। हिन्दू संस्कृति सभ्यता ये बताती है अगर कोई तिलक लगाता है, तो वो अपने पूजा पाठ आस्था में विश्वास रखता है, इसलिए लगाता है।'

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