Explained: हाथ, पैर, गला या कमर- कहां बांधना चाहिए काला धागा, क्या है इसका महत्व? कितने दिन बाद खोलें? जानिए काले धागे से जुड़ी सारी बातें
Kala Dhaga: ज्योतिष शास्त्र अनुसार काला धागा नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाता है। इसलिए कोई भी इस धागे को बांध सकता है। लेकिन यहां ये जानना जरूरी है कि क्या काले धागे को पैर में बांधना सही है। इस बारे में विस्तार से जानेंगे।
Kala Dhaga Kaha Bandhna Chahiye
Kala Dhaga: काला धागा नकारात्मक शक्तियों और नजर दोष से बचने के लिए पहना जाता है। इसलिए ही ऐसे लोगों को काला धागा जरूर पहनाया जाता है जिन्हें नजर लगने का सबसे ज्यादा डर रहता है। जैसे छोटे बच्चे और नई नवेली दुल्हन। आज भी कई जगहों पर छोटे बच्चों और नई बहुओं को गले में काला धागा जरूर पहनाते हैं। काला धागा काल के प्रतीक भगवान शिव के सेवक भैरव जी का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए काले धागे को पहनने से हर प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। लेकिन काला धागा पहनने का सही तरीका क्या है इस बारे में जान लेना जरूरी है।
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पैर में नहीं बांधना चाहिए काला धागा
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार काला धागा कभी भी पैरों में नहीं बांधना चाहिए। ऐसा करना बिल्कुल गलत है। चूंकि काला धागा एक तरह से रक्षा सूत्र का काम करता है और सनातन धर्म की किसी भी पुस्तक में रक्षा सूत्र पैर में बांधने की सलाह नहीं दी जाती। बल्कि पैर में धागा बांधना अशुभ होता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होने की बजाय बढ़ने लगती है।
काला धागा पहनने की सही जगह
सनातन संस्कृति में रक्षा सूत्र हाथ में या गले में पहना जाता है और काला धागा तो भैरव बाबा के प्रसाद स्वरूप होता है। ऐसे में इसे पैरों में पहनना बिल्कुल गलत है। इसलिए काला धागा हमेशा हाथ में या गले में ही पहनना चाहिए। यहां बस इस बात का ध्यान रखना है कि अगर आप गले में काला धागा पहन रहे हैं तो उसे कभी भी खाली न पहनें। उसमें किसी तरह का रत्न या चांदी का लॉकेट पहन लें। यही वजह है कि छोटे बच्चों को काले धागे में मामा द्वारा लाया गया चांदी का लॉकेट डालकर पहनाया जाता है। तो वहीं नई दुल्हन को भी काले धागे में चांदी या रत्न डालकर पहनाते हैं।
काला धागा बांधने के फायदे
काला धागा शनि के प्रकोप को शांत करता है, बुरी नजर से बचाता है और हड्डियों की बीमारियों को रोकने का भी काम करता है। इसलिए काला धागा कोई भी पहन सकता है।
इन तीन लोगों को काला धागा जरूर पहनना चाहिए
- पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काला धागा जरूर पहनना चाहिए। क्योंकि अक्सर इन्हें नजर लगने का खतरा रहता है। ऐसे में काला धागा इनकी बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- इसके अलावा जिन लड़कियों की नई-नई शादी हुई है उन्हें भी गले में काला धागा जरूर पहनना चाहिए। ताकि किसी की नजर न लग सके।
- इसके साथ ही ऐसे बुजुर्ग लोग जो अक्सर बीमार रहते हैं उन्हें भी अपने गले में काला धागा जरूर पहनना चाहिए। बेहतर होगा कि ऐसे लोग काले धागे में गोमेद रत्न डालकर पहनें।
काला धागा किस हाथ में बांधना सही
महिलाओं को हमेशा अपने बाएं हाथ में तो पुरुषों को दाएं हाथ में काला धागा पहनना चाहिए। अगर आपने अपने हाथ में कलावा बांधा है तो भी आप इस धागे को पहन सकते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अगर लाल रंग का कलावा बांधा है तो काला धागा नहीं पहन सकते हैं।
काला धागा पहनने का शुभ दिन
काला धागा पहनने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार, शनिवार और अमावस्या का होता है। इस दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान की पूजा करें और इसके बाद काला धागा भगवान के चरणों से लगाकर अपने गले या हाथ में बांध लें।
काले धागे का भैरव से संबंध
भैरव उपासना में काला रंग का धागा ही रक्षा सूत्र माना जाता है। भैरव उपासना तंत्र उपासना की अनिवार्य पद्धति है। भैरव उपासना के बाद हाथ में काला धागा ही बांधते हैं।
कितने दिन पहनना चाहिए काला धागा
रत्नों की तरह ही धागा भी तब तक पहना जाना चाहिए जब तक वह खराब होकर टूट न जाए। धागे को खुद से कभी नहीं निकालना चाहिए। धागा टूटने पर उसे पीपल के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए। इसके बाद नया धागा पहन लेना चाहिए।
कमर में काला धागा बांधने के लाभ
अक्सर छोटे बच्चों को कमर में करधन या काला धागा पहनाया जाता है। इसके ज्योतिषीय ही नहीं बल्कि चिकित्सकीय लाभ भी हैं। कहा जाता है कि करधन रीढ़ की हड्डी के मज्जा यानि तरल पदार्थ को बनाए रखने में मदद करता है। जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और उससे जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है। इसके अलावा कमर पर काला धागा बांधने से नाभि खिसकने का भी डर समाप्त होता है।
जरूरी जानकारी: पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार काला धागा कोई भी पहन सकता है क्योंकि इसका संबंध भैरव बाबा से माना जाता है। इसलिए इस चीज को लेकर बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है कि आपकी राशि के लिए ये शुभ रहेगा या नहीं। क्योंकि धागे का आपकी राशि से कोई लेना देना नहीं है।
उम्मीद है कि आपको हमारी इस स्टोरी से काले धागे को धारण करने से जुड़े हर एक सवाल का जवाब मिल गया होगा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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