Falgun Amavasya Katha In Hindi: फाल्गुन अमावस्या का क्या महत्व है, जानिए इसकी पौराणिक कथा से
Falgun Amavasya Katha In Hindi: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान करने की परंपरा है। चलिए जानते हैं ये अमावस्या क्यों मनाई जाती है और इसकी पौराणिक कथा क्या है।

Falgun Amavasya Katha In Hindi
Falgun Amavasya Katha In Hindi: इस साल फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु और भोलेनाथ की उपासना करने का विशेष महत्व होता है। ये अमावस्या फाल्गुन महीने में महाशिवरात्रि के अगले दिन पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो कोई व्यक्ति इस अमावस्या पर सच्चे मन से व्रत-पूजन करता है उसे सुख-संपत्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं इस अमावस्या की पौराणिक कथा के बारे में जो भक्तों को जरूर सुननी चाहिए।
फाल्गुन अमावस्या कथा (Falgun Amavasya Katha)
फाल्गुन अमावस्या की कथा अनुसार एक बार ऋषि दुर्वासा इंद्र देव और सभी देवताओं पर क्रोधित हो गए और उन्होंने इंद्र देव के साथ-साथ सभी देवताओं को श्राप दे दिया था। ऋषि दुर्वासा के श्राप से सभी देवताओं की शक्तियां कमजोर हो गईं। जिसका लाभ असुरों ने उठा लिया। असुरों ने देवताओं की ऐसी स्थिति को देखकर उन पर आक्रमण कर दिया। असुरों से हारने के बाद सभी देवतागण मदद के लिए भगवान विष्णु के पास गए।
Falgun Amavasya Puja Vidhi And Timing Check Here
भगवान विष्णु ने सभी देवताओं की बात सुनकर उन्हें सलाह देते हुए कहा कि आप दैत्यों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करें। इसके बाद सभी देवता और राक्षस अमृत पाने के लालच में समुद्र मंथन करने लगे। जब समुद्र से अमृत निकला तो इंद्र देव का पुत्र जयंत अमृत का कलश लेकर आकाश में उड़ गया। जिसके बाद सभी दैत्य जयंत का पीछा करने लग गए और अंत में दैत्यों ने उससे अमृत का कलश छीन लिया। अब बारह दिनों तक अमृत का कलश पाने के लिए देवता और असुरों में युद्ध चलता रहा।
इस युद्ध के दौरान कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार पवित्र स्थानों पर जा गिरी। ये स्थान थे प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। उस समय चंद्रमा, सूर्य, गुरु, शनि ने अमृत कलश की असुरों से रक्षा की थी। इसके बाद भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके असुरों का ध्यान भटकाते हुए देवताओं को छल से अमृतपान करवा दिया। कहते हैं तभी से अमावस्या की तिथि पर इन जगहों पर स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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