Falgun Purnima 2023: आज है फाल्गुन पूर्णिमा, जान लें पूजा विधि, मंत्र, कथा और महत्व
Falgun (Phalgun) Purnima 2023 Puja Vidhi, Muhurat: सनातन धर्म में फाल्गुनी पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। इस साल ये पूर्णिमा 07 मार्च को पड़ रही है। इस दिन चंद्रमा की पूजा के अलावा शाम को होलिका दहन (Holika Dahan) भी किया जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, मंत्र, आरती
Falgun (Phalgun) Purnima 2023 Muhurat, Puja Vidhi, Mantra, Aarti: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है- पूरा चांद। पूर्णिमा हर महीने में एक बार आती है। पर, फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा बेहद खास होती है जिसे फाल्गुन पूर्णिमा, वसंत पूर्णिमा (vasant Purnima) और दोल पूर्णिमा (Dol Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के साथ चंद्र देव की पूजा (Chandra Dev Puja) करने का भी विधान है। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा पर व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। धन-वैभव की प्राप्ति और मानसिक कष्टों का निवारण होता है।संबंधित खबरें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान का भी महत्व है। इस साल फाल्गुनी पूर्णिमा 7 मार्च, दिन मंगलवार को है। चलिए जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा के मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती।संबंधित खबरें
फाल्गुन पूर्णिमा मुहूर्त (Falgun Purnima 2023 Muhurat)
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 06 मार्च, शाम 04:17 बजे।संबंधित खबरें
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समापन- 07 मार्च, शाम 06:09 बजे। संबंधित खबरें
चंद्रोदय समय - 7 मार्च 2023, शाम 06:19 बजेसंबंधित खबरें
स्नान मुहूर्त - 7 मार्च 2023, सुबह 05:07 बजे से 05:56 बजे तकसंबंधित खबरें
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (8 मार्च)- 12:13 AM बजे से 01:02 AM तक।संबंधित खबरें
होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Muhurat)
होलिका दहन मुहूर्त - 7 मार्च 2023, शाम 06:24 बजे से रात 08:51 बजे तक। संबंधित खबरें
अवधि- 2 घंटे 26 मिनट
भद्रा पूँछ - 12:43 AM से 02:01 AMसंबंधित खबरें
भद्रा मुख - 02:01 AM से 04:11 AMसंबंधित खबरें
फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि (Falgun Purnima Puja Vidhi)
इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें। संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।संबंधित खबरें
इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर भगवान विष्णु की आराधना करें।संबंधित खबरें
इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखने का संकल्प लें।संबंधित खबरें
चांद निकलने के बाद व्रत खोल सकते हैं।संबंधित खबरें
होलिका दहन की पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)
होलिका दहन से एक दिन पूर्व खुली जगह पर लकड़ी और गाय का सूखा गोबर इकट्ठा कर लें।संबंधित खबरें
होलिका दहन वाले दिन शाम को होलिका दहन की पूजा कुमकुम, चावल, नारियल, एक मुट्ठी गेहूं, हल्दी, मेहंदी, गुलाल, रोली, एक कमल, लच्छा कपास, कुछ फूल और माला आदि से करें।संबंधित खबरें
इसके बाद भगवान नरसिंह के मंत्र के साथ लकड़ियों पर आग जलाएं।संबंधित खबरें
फाल्गुन पूर्णिमा मंत्र (Falgun Purnima Ke Mantra)
-ॐ होलिकायै नम:।
-ॐ प्रह्लादाय नम:।
-ॐ नृसिंहाय न।
-अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। संबंधित खबरें
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।।संबंधित खबरें
फाल्गुन पूर्णिमा क्यों मनाते हैं? (Falgun Purnima 2023 Significance)
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को होलिका में जलाने का प्रयत्न किया था। लेकिन पालनहर्ता श्री हरी विष्णु के आशीर्वाद से प्रह्लाद पर होलिका का कोई असर नहीं हुआ। तभी से मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर दान आदि करने से सौभाग्य की प्राप्ति के साथ अच्छे स्वास्थ्य का भी वरदान मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के अलावा शंकर भगवान की भी पूजा की जाती है। साथ ही शाम को चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि फाल्गुनी पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखने से समस्त दुखों का नास होता है।संबंधित खबरें
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