Rudraksha Tips: चार और पांच मुखी रुद्राक्ष दूर करते हैं शारीरिक कष्ट, खुलते हैं तरक्की के रास्ते भी

Rudraksha Tips: रुद्राक्ष पेड़ के फल की गुठली को किया जाता है धारण। गुठली पर बनी प्राकृतिक रूप से धारियों से होता है इसके मुख का निर्धारण। चार मुखी रुद्राक्ष को माना जाता है ब्रह्माजी का स्वरूप तो वहीं पांच मुखी रुद्राक्ष को स्वयं रुद्र ही माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से भाेले नाथ की सीधी कृपा मिलती है और सभी तरह के ग्रह दोष समाप्त होते हैं।

रुद्राक्ष से मिलते हैं कई लाभ

मुख्य बातें
  • रुद्राक्ष धारण करने से होती है भाेलनाथ की कृपा
  • चार मुखी रुद्राक्ष को माना जाता है ब्रह्मा जी का स्वरूप
  • पांच मुखी रुद्राक्ष के साक्षात स्वयं रुद्र का ही स्वरूप
Rudraksha Tips: भगवान रुद्र यानी शिव की आंखाें से टपके आंसूओं से रुद्राक्ष वृक्ष की उत्पत्ति मानी जाती है। इसी कारण रुद्राक्ष को साक्षात शिव रूप ही माना जाता है। पुराणाें की मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाला साक्षात रुद्र को ही धारण करता है।
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दरअसल रुद्राक्ष पेड़ के फल की गुठली होती है। इस गुठली पर प्राकृतिक रूप से कुछ सीधी धारियां होती हैं, ये धारियां स्पष्ट रूप से दिखायी देती हैं। इन धारियों की गिनती के आधार पर ही रुद्राक्ष के मुख की गणना होती है। जैसे चार धारी वाले रुद्राक्ष को चार मुखी रुद्राक्ष और पांच धारी वाले रुद्राक्ष को पांच मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। आइये आपको बताते हैं इनको धारण करने का महत्व।
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