Shri Yantra Benefits: श्री यंत्र से लेकर कुबेर यंत्र का अपना है विशेष महत्व, जानिए इन यंत्रों की विशेषता

importance of Shri Yantra to Kuber Yantra: अलग- अलग उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अगल− अलग यंत्रों के पूजन का महात्म महाऋषियों ने सुझाया। यंत्राें में निहित होती है मंत्रों की शक्ति। यंत्रों पर रेखांकित भाषा में लिखे होते हैं मंत्र। साेने, चांदी, तांबा, अष्टधातु और स्फटिक मणि पर अंकित यंत्र होते हैं शुभ। यंत्र पूजन से होते हैं सभी मनोरथ पूर्ण।

Shri Yantra Benefits श्री यंत्र से लेकर कुबेर यंत्र का अपना है विशेष महत्व, जानिए इन यंत्रों की विशेषता

जानिए श्री यंत्र से कुबेर यंत्र का महत्व

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • श्रीयंत्र को कारोबारी के लिए माना जाता है शुभ
  • नवग्रहों के लिए होते हैं विभिन्न यंत्र और पूजा
  • विभिन्न यंत्रों में निहित होती है मंत्रों की शक्ति

importance of Shri Yantra to Kuber Yantra: यंत्र का महत्व मानकर उससे लाभ प्राप्त करने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। प्रत्येक आविष्कार के मूल में उसकी आवश्यकता छुपी हाेती है। सदियों से दीपावली के दिन दुकान के दरवाजों पर यंत्र लिखवाने की प्रथा चली आ रही है। दरअसल यंत्र साधना एक लंबे युग से चली आ रही है और श्रद्धावान लोग इससे विशेष लाभ उठाते हैं।

लोगों का यत्रों पर खास विश्वास होता है और उन्हें इनका फल भी जरूर मिलता है। यंत्रों में मंत्रों की भी शक्ति छुपी रहती है और हर मनुष्य वेदपाठी नहीं होता है, जिससे मंत्रों का सही उच्चारण कर सके। यह हमेशा ध्यान रखें कि गलत मंत्र का उच्चार ना करें। इसलिए यंत्रों की उत्पत्ति हुयी यंत्राें को पूजा में रखने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। यंत्र सोने, चांदी, तांबा, अष्टधातु तथा स्फटिक मणि पर अंकित अत्यंत शुभ होते हैं। यंत्र पूजने से सभी मनोकामना पूरी होती है।

विविध उद्देश्यों के लिए विशेष यंत्र

अलग- अलग उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अलग-अलग यंत्रों के पूजन का महात्म महाऋषियों द्वारा बताया गया है।

श्री यंत्र

श्री यश और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए।

श्री महालक्ष्मी यंत्र

दर्शन मात्र से धन धान्य रिद्धि सिद्धि प्राप्ति।

श्रीमहामृत्युंजय यंत्र

स्वास्थ्य कष्ट दूर करने हेतु।

श्री दुर्गा यंत्र

विशेष संकट निवारण हेतु।

श्री बीसा यंत्र

भूत प्रेम बाधा हटाने के लिए सभी प्रकार के कल्याण हेतु।

श्री मंगल यंत्र

शादी विवाह तथा शुभ कार्य में आये विघ्न हटाने के लिए पुत्र प्राप्ति के लिए।

श्री बगुलामुखी यंत्र

मुकदमा, कार्य सिद्धि और शत्रु पर विजय पाने के लिए।

श्री कुबेर यंत्र

धनपति बनने के लिए।

श्री गणेश यंत्र

रिद्धि सिद्धि के लिए।

श्रीसरस्वती यंत्र

बुद्धि, विद्या प्राप्ति के लिए।

नवग्रह यंत्र

नवग्रह की शांति हेतु नवग्रह यंत्र व नवग्रह के नौ अलग−अलग यंत्र जैसे− शनि, राहु, केतु, मंगल, बुद्ध, सूर्य, शुक्र, बृहस्पति, चंद्र, इस प्रकार अन्य विभिन्न तरह के यंत्र पूजा में रखे जाते हैं।

इस तरह आपने देखा कि किस कार्य योजना के लिए कौन सा यंत्र पूजना चाहिए परंतु यंत्रों को प्रयोग से पूर्व शुद्ध कर लेना चाहिए। इन सब यंत्रों में विशेष रूप से श्रीयंत्र सबसे अधिक प्रचलित है क्योंकि इसमें श्री विद्या की शक्ति होती है तथा लक्ष्मी माता का वरदान होता है।

श्रीयंत्र का अर्थ

श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी इसलिये श्री यंत्र को लक्ष्मी यंत्र भी कहते हैं। ऋषि− मुनियों की मान्यता के अनुसार श्रीयंत्र को घर, दुकान या आफिस में, पूजा गृह में, शुद्ध स्थान पर, तिजोरी तथा गल्ले में रखना चाहिए और श्रीयंत्र के लॉकेट या श्रीयंत्र मुद्रित अंगूठी, बाजूबंद भी धारण कर सकते हैं। इसका पूजन पूर्ण श्रद्धा और सम्मान से धूप, दीप, पुष्प, सुगंधित, गंगाजल छिड़ककर करना चाहिए। इसे धन− धान्य की कमी नहीं होती है और सुख सुविधा एवं सम्मान में वृद्धि होती है।

Vastu Tips: वास्तु के इन उपायों को करने से कभी नहीं होगी धन की कमी

यंत्र प्राण प्रतिष्ठा करने की विधि

दीपावली, होली, महाशिवरात्रि या अन्य किसी भी शुभ दिन प्रातःकाल स्नान करके कुशासन या कंबल का आसन पर बैठकर शुद्ध मन से पूर्ण आस्था और श्रद्धा के साथ अपने गुरुदेव का ध्यान करें।

सर्वप्रथम पंचामृत से स्नान कराने के बाद दूध और गंगाजल में पुनः स्नान कराकर किसी साफ कपड़े से पौंछकर पूजा स्थल पर स्थापित करें। उसके बाद धूप, दीप पुष्य, सुगंधि, रोली और चावल से इसकी पूजा करें।

इसके बाद आसन पर बैठकर संबंधित देवता का ध्यान करके गुरुमंत्र का 108 बार जाप करें। अब यंत्र पर रोली के और अष्टगंध या गोपी चंदन का अंशु अर्पित करें। इसके बाद इसके उपर ऊँ या स्वास्तिक बनाएं। इस तरह स्वतः यंत्र को प्राण प्रतिष्ठित कर सकते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यंत्र की पूजा नित्य देवमूर्ति के समान धूप, दीप, अगरबत्ती, पुष्प आदि से इसकी पूजा− अर्चना करनी चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited