Gaj Grah Katha: ब्रह्ममुहूर्त में रोजना इस कथा को पढ़ने से मिलती है श्रीविष्णु की कृपा, पढ़ें क्या है गज−ग्राह लीला

Gaj Grah Katha : भगवान विष्णु ने की थी मगरमच्छ से एक गजेंद्र की रक्षा। श्रीमद्भागवत में किया गया है गजेंद्र ग्राह लीला का वर्णन। गजेंद्र मोक्ष नाम दिया गया है इस लीला को। ब्रह्ममुहूर्त में नित्य पाठ से मिलता है मोक्ष। भक्त और भगवान अद्भुत कथा को यहां पढ़ें।

गज ग्राह लीला कथा

मुख्य बातें
  • श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कंध में हैं गज ग्राह कथा
  • एक गजेंद्र के मोक्ष की कथा का है अद्भुत वर्णन
  • गजेंद्र और ग्राह की लीला कथा दिलाती है मोक्ष

Gaj Grah Katha: श्रीमद्भागवत के आठवें स्कंध में गजेंद्र मोक्ष की कथा है। द्वितीय अध्याय में ग्राह के साथ गजेंद्र के युद्ध का वर्णन है। यदि गजेंद्र मोक्ष का नित्य पाठ ब्रह्म मुहूर्त में किया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। अंत समय में भगवान अपनी स्मृति प्रदान करते हैं। यहां बता दें कि ग्राह अर्थात मगरमच्छ और और गजेंद्र यानि हाथी। श्रीमद्भागवत के चौथे अध्याय में इनके पूर्वजन्म का इतिहास भी दिया गया है। मान्यता के अनुसार गजेंद्र ग्राह कथा को पापों और बुरे स्वप्न का नाशक बताया गया है। यहां पढ़ें इस लीला की कथा।

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गज ग्राह लीला

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