Sankashti Chaturthi 2023 Puja Vidhi And Chandrodaya Time: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय
Sankashti Chaturthi 2023 Chandrodaya Time In Hindi: मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग भगवना गणेश का व्रत रखते हैं। जानिए गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और चंद्रोदय समय।
Sankashti Chaturthi 2023 Puja Vidhi And Chandrodaya Time
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2023 Puja Vidhi And Chandrodaya Time In Hindi: हिंदू धर्म में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना जाता है। जो इस बार 30 नवंबर को मनाई जा रही है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और शाम के समय विधि विधान भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही व्रत कथा भी सुनते हैं। ये व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है। मान्यता है इस व्रत को करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यहां जानिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय।
Sankashti Chaturthi 2023 Shubh Muhurat (संकष्टी चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त)
संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 नवम्बर 2023 की दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से होगी और समाप्ति 1 दिसम्बर 2023 की दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर होगी। चन्द्रोदय के आधार पर संकष्टी चतुर्थी व्रत 30 नवंबर को रखा जाएगा।
Sankashti Chaturthi 2023 Chandrodaya Time (संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय)
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय समय शाम 07 बजकर 44 मिनट का है। इससे पहले ही गणेश जी की पूजा करके संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा जरूर सुन लें। फिर चांद के दर्शन कर अपना व्रत खोल लें। (Ganadhipa Sankashti Chaturthi Vrat Katha In Hindi Read Here)
Sankashti Chaturthi Puja Vidhi In Hindi (संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि)
- गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात: काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- स्नान के बाद गणेश जी की पूजा करें।
- साथ ही भगवान को उनकी पसंदीदा चीजों जैसे मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और दूर्वा घास भी चढ़ाएं।
- फिर गणेश मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा भी करें।
- फिर शाम में फिर से गणेश जी की पूजा करें।
- गणेश जी की मूर्ति के पास में मां दुर्गा की भी फोटो रखें।
- मूर्ति के समक्ष धूप, दीप, अगरबत्ती जलाएं साथ ही फुल चढ़ाएं।
- प्रसाद में केला, नारियल और लड्डू रखें।
- गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। फिर संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा सुनें।
- अंत में गणेश जी की आरती करें।
- इसके बाद चन्द्रमा की पूजा करें। उन्हें जल अर्पित कर फुल, चन्दन, चावल चढ़ाएं।
- पूजा के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
- गरीबों को दान करें।
Sankashti Chaturthi Vrat Benefits (संकष्टी चतुर्थी व्रत के फायदे)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो कोई संकष्टी चतुर्थी का व्रत नियमानुसार करता है उसे तमाम सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है।
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