Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव कब से शुरू हो रहा है, जानें गणेश चतुर्थी से लेकर गणेश विसर्जन तक की जानकारी

Ganesh Chaturthi 2023 Date: यहां आप जानेंगे भाद्रपद माह की गणेश चतुर्थी कब है, 2023 में गणेश उत्सव कब से शुरू हो रहा है, गणेश विसर्जन की तारीख क्या है, गणेश चतुर्थी की पूजा विधि क्या रहेगी।

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Ganesh Utsav 2023 Kab Se Hai, Ganesh Chaturthi 2023 Date And Time

Ganesh Chaturthi 2023, Ganeshotsav Kab Hai 2023 (गणेश उत्सव कब है 2023): हिंदू पंचांग अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav Kab Hai 2023) की शुरुआत हो जाती है। इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, डण्डा चौथ और कलंक चतुर्थी भी कहते हैं। मान्यता है ये इस तिथि पर भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए ये गणेश चतुर्थी साल में आने वाली सभी चतुर्थी (Ganesh Chaturthi Kab Hai 2023) से महत्वपूर्ण होती है। इस दिन से 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाती है और जिसकी समाप्ति अन्नत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi Kab Hai 2023) पर गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2023) के साथ होती है। जानिए इस साल कब पड़ेगी गणेश चतुर्थी।

गणेश चतुर्थी का मुहूर्त 2023 (Ganesh Chaturthi 2023 Date And Time)

इस पर्व में मध्याह्न के समय मौजूद चतुर्थी ली जाती है। इस दिन रविवार या मंगलवार हो तो यह महा-चतुर्थी कहलाती है। इस बार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी जिसकी समाप्ति 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगी। अब देखिए गणेश उत्सव की तिथि और मुहूर्त।

गणेश चतुर्थी कब है 2023 19 सितंबर 2023, मंगलवार
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त 11:11 ए एम से 01:38 पी एम
अवधि 02 घण्टे 27 मिनट्स
गणेश विसर्जन28 सितंबर 2023 को
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय (18 सितंबर 2023)12:39 पी एम से 08:14 पी एम
अवधि 07 घण्टे 36 मिनट्स
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय (19 सितंबर 2023)10:02 ए एम से 08:45 पी एम
अवधि 10 घण्टे 44 मिनट्स
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ18 सितंबर 2023 को 12:39 पी एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त19 सितंबर 2023 को 01:43 पी एम बजे
गणेश चतुर्थी व्रत व पूजन विधि (Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

  • गणेश चतुर्थी के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए।
  • इसके बाद सोने, तांबे या मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
  • एक कलश में जल भरकर उसके मुंह पर साफ वस्त्र बांधकर उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करें।
  • फिर गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करें साथ ही 21 लडडुओं का भोग लगाएं।
  • इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करें तो बाकी बचे लड्डू गरीबों में बांट दें।
  • शाम के समय गणेश जी की फिर से पूज करें।
  • फिर गणेश चतुर्थी की कथा सुनें और गणेश चालीसा व आरती पढ़ें।
  • अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य दें।

गणेश उत्सव का महत्व (Ganesh Utsav Significance)

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। किसी भी शुभ काम को करने से पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है।ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और घर परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि का वास रहता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गणेश उत्सव की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होती है। इसी दिन लोग भगवान गणेश जी की प्रतिमा को अपने-अपने घरों में स्थापित करते हैं। यह उत्सव लगभग 10 दिनों तक चलता है और इस उत्सव के अंतिम दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है।

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