Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Muhurat: गणेश चतुर्थी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Mantra in Hindi: गणेश चतुर्थी यानि विनायक चतुर्थी की पूजा प्रातःकाल, मध्याह्न और सायाह्न में से किसी भी समय की जा सकती है। लेकिन विनायक चतुर्थी पूजा का सबसे शुभ समय मध्याह्न मुहूर्त ही माना जाता है। जानिए इस शुभ मुहूर्त में कैसे करें गणेश चतुर्थी की पूजा।
Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat
Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra: गणेश चतुर्थी उत्सव भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। इसे विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार गणपति बप्पा का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न काल में सोमवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए साल में आने वाली सभी चतुर्थी तिथियों में से ये गणेश चतुर्थी सबसे खास मानी जाती है। कई जगह ये कलंक चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्ध है और तो कुछ लोग इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं। यहां जानिए गणेश चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र।
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2023 Puja Time)
- गणेश चतुर्थी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 10:59 से दोपहर 01:25 तक रहेगा।
- गणेश चतुर्थी पर वर्जित चन्द्रदर्शन का समय सुबह 09:25 से रात 08:53 तक है।
- गणेश चतुर्थी प्रारम्भ समय 18 सितंबर 2023 को दोपहर 02:09 बजे।
- गणेश चतुर्थी समापन समय 19 सितंबर 2023 को 03:13 बजे।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Vidhi)
- गणेश चतुर्थी पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद सोने, तांबे या मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
- इसके बाद एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- प्रतिमा के पास एक कलश में जल भर कर रखें।
- फिर गणेश जी की विधि विधान पूजा करें।
- सबसे पहले भगवान गणेश को गंगाजल से पवित्र करें और उन्हें फूल, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें।
- इसके बाद उन्हें मोदक का भोग लगाएं।
- फिर भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा पढ़ें।
- फिर गणेश चतुर्थी की व्रत कथा पढ़ें।
- अंत में गणेश जी की आरती कर पूजा संपन्न करें।
गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं करना चाहिए चन्द्र दर्शन
मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर जो कोई भी चंद्रमा का दर्शन करता है वो कलंक का भागी होता है। लेकिन अगर भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए तो इस दोष के निवारण के लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। इस मन्त्र का जाप कम के कम 28, 54 या 108 बार करना चाहिए।
चन्द्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र (remedy for seeing moon on ganesh chaturthi)
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
गणेश मंत्र (Ganesh Mantra)
-वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
-ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
-ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
गणेश चतुर्थी उत्सव 2023 प्रारंभ और समापन समय
गणेश चतुर्थी उत्सव इस साल 19 सितंबर से शुरू हो रहा है जिसका समापन 28 सितंबर को अन्नत चतुर्दशी के दिन होगा। गणेश उत्सव के आखिरी दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है।
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