लाइव अपडेट्स

गणेश चतुर्थी की शाम में करें गणपति बप्पा की आरती, देखें जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा आरती के संपूर्ण लिरिक्स

गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान सुबह शाम गणेश जी की आरती जरूर करनी चाहिए। यहां देखें जय गणेश देवा आरती के लिरिक्स।

गणेश चतुर्थी की शाम में करें गणपति बप्पा की आरती, देखें जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा आरती के संपूर्ण लिरिक्स
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत वर्ष में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घर में गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और उनकी विधि विधान पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी (Kalank Chauth 2024), डंडा चौथ, पत्थर चौथ (Pathar Chauth 2024) आदि नामों से भी जाना जाता है। गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान सुबह और शाम के समय विधि विधान गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti) की जाती है। यहां देखें श्री गणेश आरती के लिरिक्स।

Ganesh Ji Ki Aarti

गणेश जी की आरती लिरिक्स (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

गणेश चतुर्थी स्थापना पूजन विधि (Ganesh Chaturthi Sthapana Vidhi In Hindi)
मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म दोपहर के आसपास हुआ था यही वजह है कि गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए दोपहर का ही समय शुभ माना जाता है। इस मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र किया जाता है। इसके बाद फूल, दूर्वा आदि चीजें चढ़ाई जाती हैं। फिर भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। जितने दिन भी आप गणेश प्रतिमा घर में रख रहे हैं उतने दिन विधि विधान पूजा करें और दिन के तीनों टाइम बप्पा को भोग लगाएं। गणेश उत्सव के दौरान, प्रतिदिन शाम को भगवान गणेश की आरती की जाती है। गणेश चतुर्थी के डेढ़, तीन, पांच या सात दिन बाद गणेश चतुर्थी पर लाई गई प्रतिमा का विधि विधान विसर्जन कर दिया जाता है।
Sep 7, 2024 | 06:36 PM IST

Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics: सुख करता दुखहर्ता आरती लिरिक्स

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
Sep 7, 2024 | 05:59 PM IST

गणेश विसर्जन 2024 मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2024 Muhurat)

7 सितंबर 2024 (पहला दिन)01:34 PM से 05:01 PM06:35 PM से 08:01 PM09:27 PM से 01:45 AM, सितम्बर 0804:37 AM से 06:03 AM, सितम्बर 08
8 सितंबर 2024 (दूसरा दिन)01:52 PM से 03:26 PM06:34 PM से 10:53 PM01:45 AM से 03:11 AM, सितम्बर 0904:37 AM से 06:03 AM सितम्बर 09
9 सितंबर 2024 (तीसरा दिन)06:03 AM से 07:37 AM, 09:11 AM से 10:44 AM01:52 PM से 06:33 PM06:33 PM से 07:59 PM10:52 PM से 12:18 AM, सितम्बर 10
11 सितंबर 2024 (चौथा दिन)10:44 AM से 12:17 PM03:24 PM से 06:31 PM07:57 PM से 12:18 ए एम, सितम्बर 1203:11 AM से 04:38 AM, सितम्बर 12
13 सितंबर 2024 (पांचवां दिन)06:05 AM से 10:44 AM04:55 PM से 06:28 PM12:17 PM से 01:50 PM09:23 PM से 10:50 PM, 12:17 AM से 04:38 AM, सितम्बर 14
17 सितंबर 2024 (छठा दिन)09:11 AM से 01:47 PM03:19 PM से 04:51 PM07:51 PM से 09:19 PM10:47 PM से 03:12 AM, सितम्बर 18
Sep 7, 2024 | 05:29 PM IST

Ganesh Chaturthi 2024 visarjan Date 5 Day (पांचवे दिन गणेश विसर्जन कब किया जाएगा)

3 सितंबर 2024 (पांचवां दिन)06:05 AM से 10:44 AM04:55 PM से 06:28 PM12:17 PM से 01:50 PM09:23 PM से 10:50 PM, 12:17 AM से 04:38 AM, सितम्बर 14
Sep 7, 2024 | 05:03 PM IST

Can we eat nonveg on ganesh chaturthi

गणेश चतुर्थी के दिन मांसहारी भोजन करना वर्जित होता है।
Sep 7, 2024 | 04:29 PM IST

Ganpati Ji Ki Aarti In Hindi (गणपति जी की आरती)

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
Sep 7, 2024 | 04:11 PM IST

गणेश चतुर्थी कथा (Ganesh Chaturthi Katha)

एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी जो रोजाना गणेश जी की विधि विधान पूजा करती थी। लेकिन इस पूजा के लिए उसे रोजाना ही गणेश जी की प्रतिमा बनानी पड़ती थी। दरअसल वो मिट्टी की मूर्ति बनाती है जिस वजह से वो मूर्ति गल जाती थी। एक दिन उसके घर के पास एक सेठ जी का मकान बन रहा था। बुढ़िया मकान बनाने वाले कारिगरों के पास जाकर बोली कि क्या तुम मेरे लिए पत्थर की गणेश प्रतिमा बना दोगे। कारीगरों ने तुरंत मना कर दिया। कहने लगे जितनी देर में हम तेरे लिए प्रतिमा बनाएंगे उतनी देर में सेठ जी की दीवार न बना लेंगे। बुढ़िया को बहुत ही दुख हुआ वो कहने लगी भगवान करे कि तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। ऐसा कहते ही दीवार सच में टेढ़ी हो गई। इसके बाद से कारीगरों ने कई बार वो दीवार बनाने की कोशिश कि पर वो सीधी बनकर ही नहीं दे रही थी।
शाम में जब सेठ जी आए तो देखा कि आज तो कुछ भी काम नहीं हुआ तब उसमें से एक मिस्त्री ने सेठ जी को सारी बात बता दी। सेठ जी ने बुढ़िया को बुलवाया और उसे सोने की गणेश प्रतिमा लाकर दी। जिसके बाद दीवार सीधी हो गई। हे विनायक जी जैसे आपने सेठ की दीवार सीधी की ऐसे ही सबकी करना। सब पर अपनी कृपा बनाए रखना।
Sep 7, 2024 | 03:51 PM IST

गणेश विसर्जन 2024 मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2024 Muhurat)

8 सितंबर 2024 (दूसरा दिन)01:52 PM से 03:26 PM06:34 PM से 10:53 PM01:45 AM से 03:11 AM, सितम्बर 0904:37 AM से 06:03 AM सितम्बर 09
Sep 7, 2024 | 03:30 PM IST

Ganesh Chaturthi History (गणेश चतुर्थी इतिहास)

गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है। गणेश उत्सव मनाने की शुरुआत महाराष्ट्र के पुणे से हुई थी। यही कारण है कि गणेश उत्सव का पर्व महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब देश में मुगलों का शासन हो रहा था। तब अपनी धार्मिक संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ गणेश चतुर्थी की पूजा की थी और गणेश उत्सव शुरू किया था। तब से ही हर साल गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हो गई और पौराणिक कथा के अनुसार 10 दिन की पूजा के बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।
Sep 7, 2024 | 03:09 PM IST

Ganesh Chaturthi 2024 Kyun Manate Hai (गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं)

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही गणेश जी का जन्म हुआ था। कुछ कथा के अनुसार इसी चतुर्थी तिथि के दिन से भगवान गणेश ने वेद व्यास जी के कहने पर महाभारत लिखने की शुरुआत की थी। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की विधि- विधान से पूजा की जाती है और हर घर में बप्पा को स्थापित किया जाता है। ये त्योहार पूरे 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्थी के दिन इस गणेश उत्सव का समापन होता है।
Sep 7, 2024 | 02:50 PM IST

सबसे पहले गणेश जी की पूजा क्यों की जाती है

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार श्रेष्ठता को लेकर देवी-देवताओं के विचारों में मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई। सभी अपने आप को श्रेष्ठ बताने लगे और सर्वप्रथम खुद को पूज्य कहने लगे। इस चर्चा में महर्षि नारद मौजूद थे। ऐसे में नारद जी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि इस विषय का उत्तर महादेव से जानने की कोशिश की जाए। इसके बाद सभी देवता शिव जी के पास पहुचें। सभी देवी-देवताओं की बात को सुनकर महादेव ने कहा कि आप सभी अपने वाहनों पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर आएं।
Sep 7, 2024 | 02:28 PM IST

गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Sthapana Puja Vidhi In Hindi)

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना करने के लिए एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
फिर भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा शुरू करें।
इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करने के बाद उन पर फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं।
फिर गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
अंत में गणेश जी की आरती करें।
दिनभर फलाहार करें और शाम को गणेश भगवान की फिर से विधि विधान पूजा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
Sep 7, 2024 | 02:10 PM IST

Ganesh Chaturthi Puja Vidhi at home

भगवान श्री गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
गणपति बप्पा की मूर्ति के बगल में ऋद्धि-सिद्धि रखें, इनकी जगह आप उनके स्वरूप में सुपारी भी रख सकते हैं।
भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर कलश रखें और उसमें जल भरें।
इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
गणपति बप्पा को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
उनकी पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें।
Sep 7, 2024 | 02:01 PM IST

गणेश स्थापना मंत्र (Ganesh Sthapana Mantra)

ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
Sep 7, 2024 | 01:43 PM IST

गणेश स्थापना पूजा सामग्री लिस्ट (Ganesh Sthapana Puja Samagri List In Hindi)

सिंदूर, गणेश मूर्ति, कलश, मोदक, केला, रती की किताब, सुपारी, मौसमी फल, धूप, दीप, गंगाजल, कपूर, जनेऊ, चंदन, फूल, अक्षत्, पान का पत्ता, लकड़ी की चौकी, केले के पौधे, पीला और लाल रंग का कपड़ा, नए वस्त्र।
Sep 7, 2024 | 01:21 PM IST

गणेश विसर्जन कब है 2024 (Ganesh Visarjan 2024 Start Date And End Date)

गणेश विसर्जन गणेश चतुर्थी के दिन, इसके अगले दिन, तीसरे दिन, पांचवें दिन, सांतवें दिन और अनंत चतुर्दशी के दिन किया जा सकता है। यहां नोट कर लें गणपति विसर्जन की सभी तिथियां और मुहूर्त।
Sep 7, 2024 | 12:52 PM IST

गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Sthapana Puja Vidhi In Hindi)

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना करने के लिए एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • फिर भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा शुरू करें।
  • इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
  • गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करने के बाद उन पर फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं।
  • फिर गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
  • गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में गणेश जी की आरती करें।
  • दिनभर फलाहार करें और शाम को गणेश भगवान की फिर से विधि विधान पूजा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
Sep 7, 2024 | 12:36 PM IST

गणेश उत्सव की शुरुआत किसने की थी?

माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से गणेश उत्सव चला आया है। हालांकि बाद में लोकमान्य तिलक ने इस त्यौहार को भव्य रूप से मनाने की परंपरा की शुरुआत की।
Sep 7, 2024 | 12:14 PM IST

Ganesh Sthapana Mantra In Sanskrit: गणेश स्थापना मंत्र इन संस्कृत

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
Sep 7, 2024 | 11:59 AM IST

गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2024 Shubh Muhurat)

प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 08:47 ए एम से 01:23 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 02:55 पी एम से 04:26 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - 07:27 पी एम से 08:55 पी एम
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 10:23 पी एम से 02:47 ए एम, सितम्बर 18
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 16, 2024 को 03:10 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - सितम्बर 17, 2024 को 11:44 ए एम बजे
Sep 7, 2024 | 11:31 AM IST

Ganesh Sthapana Samagri: गणेश स्थापना सामग्री लिस्ट

सिंदूर, गणेश मूर्ति, कलश, मोदक, केला, रती की किताब, सुपारी, मौसमी फल, धूप, दीप, गंगाजल, कपूर, जनेऊ, चंदन, फूल, अक्षत्, पान का पत्ता, लकड़ी की चौकी, केले के पौधे, पीला और लाल रंग का कपड़ा, नए वस्त्र।
Sep 7, 2024 | 11:11 AM IST

Ganesh Ji Ki Aarti: गणेश जी की आरती

Sep 7, 2024 | 11:06 AM IST

गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ganesh Chaturthi Vrat Katha In Hindi)

गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती जी नर्मदा नदी के किनारे बैठे थे। तब माता पार्वती की चौपड़ खेलने की इच्छा हुआ। उन्होंने शिव जी से ये खेल खेलने के लिए कहा। लेकिन इस खेल में हार-जीत का फैसला करने के लिए वहां कोई दूसरा मौजूद नहीं था। इसलिए भगवान शिव ने कुछ तिनके एकत्रित कर उसका एक पुतला बनाया फिर उसमें उन्होंने प्राण फूंक दिए। भगवान शिव ने उस पुतले से कहा कि 'बेटा, हम चौपड़ खेलने जा रहे हैं, इसीलिए तुम बताना कि हम दोनों में से किसी जीत हुई और किसकी हार?'
फिर खेल शुरू हो गया। संयोग से इस खेल में तीनों बार माता पार्वती की ही जीत हुई। खेल खत्म होने के बाद उस बालक से हार-जीत का फैसला करने के लिए कहा गया। तो उस बालक ने पार्वती माता की जगह महादेव को विजयी बताया। उस बालक के मुख से ये झूठी बात सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने बालक को लंगड़ा होने और कीचड़ में पड़े रहने का श्राप दे दिया। बालक ने माता पार्वती से कहा कि माता मुझसे अज्ञानतावश ऐसा हुआ है। बालक द्वारा क्षमा याचना करने पर माता का दिल पिघल गया उन्होंने कहा अब ये श्राप तो वापस नहीं हो सकता लेकिन मैं इसका उपाय तुम्हें बताती हूं। यहां गणेश पूजन के लिए नागकन्याएं आएंगी, उनके कहे अनुसार तुम विधि विधान गणेश व्रत करो, ऐसा करने से तुम्हारे कष्ट अवश्य दूर होंगे।
बालक एक वर्ष तक उसी स्थान पर पड़ा रहा। उसक बाद उस स्थान पर नागकन्याएं आईं, नागकन्याओं से उस बालक ने भगवान गणेश के व्रत की विधि जानी इसके बाद उसने 21 दिन लगातार गणेशजी का व्रत किया। जिसके परिणामस्वरूप गणेश जी उससे प्रसन्न हुए और उन्होंने उस बालक को दर्शन देकर मनचाहा वर मांगने के लिए कहा। तब बालक ने कहा- हे विनायक भगवान! मुझे इतनी शक्ति दो कि मैं अपने पैरों से चलकर कैलाश पर्वत पर जा सकूं। भगवान गणेश ने वरदान पाकर वह बालक कैलाश पर्वत पर पहुंचा और उसने अपनी कथा भगवान शिव को सुनाई।
उस समय माता पार्वती शिवजी से नाराज चल रही थीं। देवी को मनाने के लिए भगवान शिव ने भी 21 दिनों तक भगवान गणेश का व्रत किया। जिसके प्रभाव से पार्वती माता की नाराजगी दूर हो गई और वो स्वयं भगवान शिव से मिलने पहुंच गईं। इसके बाद भगवान शंकर ने माता पार्वती को इस व्रत के बारे में बताया। फिर माता पार्वती के भी ये व्रत अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने की इच्छा में किया। व्रत के 21वें दिन कार्तिकेय स्वयं माता पार्वतीजी से मिलने चले आए। कहते हैं तभी से ये व्रत समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत माना जाने लगा।
Sep 7, 2024 | 11:00 AM IST

गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Vidhi In Hindi)

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना करने के लिए एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
फिर भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा शुरू करें।
इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करने के बाद उन पर फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं।
फिर गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
अंत में गणेश जी की आरती करें।
दिनभर फलाहार करें और शाम को गणेश भगवान की फिर से विधि विधान पूजा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
Sep 7, 2024 | 10:43 AM IST

Ganesh Chaturthi 2024 Photo

Sep 7, 2024 | 10:30 AM IST

गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2024 (Ganesh Chaturthi Puja Muhurat 2024)

गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 202410:39 AM से 01:09 PM
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ6 सितंबर 2024 03:01 PM
चतुर्थी तिथि समाप्त7 सितंबर 2024 05:37 PM
Sep 7, 2024 | 10:12 AM IST

Ganesh Chaturthi History (गणेश चतुर्थी इतिहास)

गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है। गणेश उत्सव मनाने की शुरुआत महाराष्ट्र के पुणे से हुई थी। यही कारण है कि गणेश उत्सव का पर्व महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब देश में मुगलों का शासन हो रहा था। तब अपनी धार्मिक संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ गणेश चतुर्थी की पूजा की थी और गणेश उत्सव शुरू किया था। तब से ही हर साल गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हो गई और पौराणिक कथा के अनुसार 10 दिन की पूजा के बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।
Sep 7, 2024 | 09:59 AM IST

Ganesh Chaturthi 2024 Kyun Manate Hai (गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं)

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही गणेश जी का जन्म हुआ था। कुछ कथा के अनुसार इसी चतुर्थी तिथि के दिन से भगवान गणेश ने वेद व्यास जी के कहने पर महाभारत लिखने की शुरुआत की थी। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की विधि- विधान से पूजा की जाती है और हर घर में बप्पा को स्थापित किया जाता है। ये त्योहार पूरे 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्थी के दिन इस गणेश उत्सव का समापन होता है।
Sep 7, 2024 | 09:43 AM IST

ganpati pran pratishtha Vidhi: गणपति जी की स्थापना कैसे करें

  • गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी के ऊपर प्रतिमा को बिराजकर भगवान की मूर्ति के सामने बैठें और पूजा शुरू करें।
  • घी का दीपक जलाएं और मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करें।
  • इसके बाद मूर्ति पर फूल, दूर्वा और फल आदि चढ़ाएं। इसके बाद गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
  • गणेश जी के मंत्रों का जाप करते हुए अंत में आरती करें।
Sep 7, 2024 | 09:24 AM IST

गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन होने पर क्या करें (Chauth Ka Chand Dikhne Par Kya Kare)

अगर कलंक चतुर्थी या पत्थर चौथ के दिन गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो कलंक से बचने के लिए 5 पत्थर किसी दूसरे की छत पर फेंक दें। मान्यता है इससे दोष समाप्त हो जाता है।
Sep 7, 2024 | 09:14 AM IST

Ganesh Sthapana Time Today: आज गणेश स्थापना का मुहूर्त

10:39 AM से 01:09 PM
Sep 7, 2024 | 09:07 AM IST

Ganesh Chaturthi 2024 Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai (गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित समय)

7 सितंबर 2024 को चांद सुबह 09 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 45 मिनट तक नहीं देखना है।
Sep 7, 2024 | 08:41 AM IST

Ganpati Ji Ki Aarti: गणपति जी की आरती

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
Sep 7, 2024 | 08:31 AM IST

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
Sep 7, 2024 | 08:09 AM IST

गणेश चतुर्थी के गाने (Ganesh Chaturthi Songs)

  • श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव
  • गणपति तेरे चरणों की, पग धूल जो मिल जाए
  • गौरी के लाल तुमको, सादर नमन हमारा
  • मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे
  • गाइये गणपति जगवंदन
  • गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नन्दा
  • गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो
  • अब के बरस मोरे गाँव में बप्पा
  • सुखकर्ता दुखहर्ता
Sep 7, 2024 | 07:55 AM IST

Ganesh Chaturthi Sthapana Muhurat 2024: गणेश चतुर्थी की स्थापना के मुहूर्त

  • पुणे11:18 ए एम से 01:47 पी एम
  • नई दिल्ली11:03 ए एम से 01:34 पी एम
  • चेन्नई10:53 ए एम से 01:21 पी एम
  • मुम्बई11:22 ए एम से 01:51 पी एम
  • नोएडा11:03 ए एम से 01:33 पी एम
  • जयपुर11:09 ए एम से 01:40 पी एम
  • हैदराबाद11:00 ए एम से 01:28 पी एम
  • गुरुग्राम11:04 ए एम से 01:35 पी एम
  • चंडीगढ़11:05 ए एम से 01:36 पी एम
  • बेंगलूरु11:04 ए एम से 01:31 पी एम
  • अहमदाबाद11:23 ए एम से 01:52 पी एम
  • कोलकाता10:20 ए एम से 12:49 पी एम
Sep 7, 2024 | 07:44 AM IST

Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi (गणेश जी की कहानी)

एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी जो रोजाना गणेश जी की विधि विधान पूजा करती थी। लेकिन इस पूजा के लिए उसे रोजाना ही गणेश जी की प्रतिमा बनानी पड़ती थी। दरअसल वो मिट्टी की मूर्ति बनाती है जिस वजह से वो मूर्ति गल जाती थी। एक दिन उसके घर के पास एक सेठ जी का मकान बन रहा था। बुढ़िया मकान बनाने वाले कारिगरों के पास जाकर बोली कि क्या तुम मेरे लिए पत्थर की गणेश प्रतिमा बना दोगे।

कारीगरों ने तुरंत मना कर दिया। कहने लगे जितनी देर में हम तेरे लिए प्रतिमा बनाएंगे उतनी देर में सेठ जी की दीवार न बना लेंगे। बुढ़िया को बहुत ही दुख हुआ वो कहने लगी भगवान करे कि तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। ऐसा कहते ही दीवार सच में टेढ़ी हो गई। इसके बाद से कारीगरों ने कई बार वो दीवार बनाने की कोशिश कि पर वो सीधी बनकर ही नहीं दे रही थी।

शाम में जब सेठ जी आए तो देखा कि आज तो कुछ भी काम नहीं हुआ तब उसमें से एक मिस्त्री ने सेठ जी को सारी बात बता दी। सेठ जी ने बुढ़िया को बुलवाया और उसे सोने की गणेश प्रतिमा लाकर दी। जिसके बाद दीवार सीधी हो गई। हे विनायक जी जैसे आपने सेठ की दीवार सीधी की ऐसे ही सबकी करना। सब पर अपनी कृपा बनाए रखना।
Sep 7, 2024 | 07:08 AM IST

गणेश चतुर्थी श्लोक (Ganesh Chaturthi Shlok)

-एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
Sep 7, 2024 | 06:39 AM IST

गणेश चतुर्थी पूजा मंत्र (Ganesh Chaturthi Puja Mantra)

-ॐ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।

- ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।

- श्री गणेश बीज मंत्र ॐ गं गणपतये नमः ।।

-गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे |
निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ||

-ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
Sep 7, 2024 | 06:14 AM IST

गणपति स्थापना विधि (Ganesh Sthapana Vidhi)

गणेश भगवान की मूर्ति स्थापना के लिए दोपहर का समय शुभ माना जाता है। इस दौरान एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं फिर उस पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले भगवान की प्रतिमा गंगाजल से पवित्र कर लें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं। भगवान को दुर्वा, रोली, फूल और अक्षत चढ़ाएं। मोदक का भोग लगाएं। अंत में आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें।
Sep 7, 2024 | 12:00 AM IST

Ganpati Sthapana Muhurat 2024 (गणेश स्थापना शुभ मुहूर्त 2024)

गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। भादों माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03.01 पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2024 को शाम 05.37 तक रहेगी।
गणेश जी स्थापना मुहूर्त - सुबह 07.36 - सुबह 09.10
मध्याह्न काल मुहूर्त - दोपहर 11.03 - दोपहर 01.34
तीसरा शुभ मुहूर्त - दोपहर 01.53 - दोपहर 03.27