Ganesh Chaturthi 2024 Moon Time Today: आज गणेश चतुर्थी पर चांद कब नहीं देखना है और अगर दिख जाए तब क्या करें

Ganesh Chaturthi Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को कलंक चौथ और पत्थर चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्र दर्शन की मनाही होती है। जानिए भादो गणेश चतुर्थी के दिन चांद को क्यों नहीं देखना चाहिए और इस दिन दूसरों की छत पर पत्थर क्यों फेंके जाते हैं।

Ganesh Chaturthi 2024 Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai

Ganesh Chaturthi 2024 Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai

Ganesh Chaturthi Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai (आज चंद्र दर्शन कब नहीं करना है): हिंदू धर्म में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और फिर उसकी विधि विधान पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन चंद्र के दर्शन नहीं करने चाहिए (Aaj Chandra Darshan Nahi Karne Ka Time)। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी भादो चौथ (Bhado Chauth 2024) पर चांद को देख लेता है उसके ऊपर कलंक लगने का खतरा रहता है। इसी कलंक से मुक्ति पाने के लिए लोग दूसरों की छतों पर पत्थर फेंकते हैं (Ganesh Chaturthi Par Dusro Ki Chhath Par Pathar Kyu Dale Jate Hai)। चलिए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कब नहीं करना है (Ganesh Chaturthi Par Chandra Darshan Kab Nahi Karna Hai), क्यों नहीं करना है और अगर चांद दिख जाए तो क्या करें। इसे पत्थर चौथ (Pathar Chauth Kab Hai 2024)) और कलंक चौथ (Kalank Chauth Kab Hai 2024) क्यों कहा जाता है। इसकी कहानी क्या है।

Ganesh Chaturthi 2024 Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai (गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित समय)

7 सितंबर 2024 को चांद सुबह 09 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 45 मिनट तक नहीं देखना है।

गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखते हैं (Ganesh Chaturthi Par Chand Kyun Nahi Dekhte Hai)

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेश भगवान अपनी पसंदीदा मिठाई खा रहे थे कि तभी वहां से गुजर रहे चंद्रदेव उनकी सूरत देख उन पर हंस पड़े और अपनी सुंदरता का घमंड दिखाते हुए उनका उपहास उड़ाने लगे। जिससे नाराज होकर भगवान गणेश ने चंद्रदेव को श्राप दिया कि उन्हें अपने जिस रूप पर अभिमान है वो अब वैसा नहीं रहेगा। गणेश जी के श्राप देते ही चंद्र देव की सभी कलाएं नष्ट हो गईं। उनकी चमक पूरी तरह से जा चुकी थी। साथ ही गणेश जी ने ये भी कहा कि जो भी तुम्हारे इस रूप के दर्शन करेगा, उसे कलंकित होना पड़ेगा। इसके बाद चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने भगवान गणेश की विधिवत पूजा की और अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी।
चंद्र देव की सच्ची निष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने चंद्रदेव को वरदान मांगने के लिए कहा। तब चंद्रदेव ने श्राप निष्फल होने का वरदान मांगा। जिस पर भगवान गणेश ने कहा कि अब ये श्राप तो वापस नहीं लौट सकता लेकिन मैं उसे सीमित कर सकता हूं। गणेश जी ने कहा कि चंद्र दर्शन से कलंकित होने का श्राप सिर्फ इसी चतुर्थी यानी भादो चतुर्थी पर ही लगेगा। कहते हैं तभी से इस चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित माना जाने लगा।

गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन होने पर क्या करें (Chauth Ka Chand Dikhne Par Kya Kare)

अगर कलंक चतुर्थी या पत्थर चौथ के दिन गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो कलंक से बचने के लिए 5 पत्थर किसी दूसरे की छत पर फेंक दें। मान्यता है इससे दोष समाप्त हो जाता है।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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