Ganesh Chaturthi 2024 Sthapana Vidhi, Mantra In Hindi: घर पर कैसे करें गणेश जी की स्थापना, यहां जानिए सरल विधि और मंत्र
Ganesh Sthapana 2024 Puja Vidhi, Mantra In Hindi: गणेश चतुर्थी की पूजा मुख्य तौर पर दोपहर के समय की जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर की सुबह 10 बजकर 39 मिनट से दोपहर 1 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। चलिए जानते हैं इस मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कैसे करनी है।
Ganesh Chaturthi 2024 Puja Vidhi In Hindi
Ganesh Sthapana 2024 Puja Vidhi, Mantra In Hindi (गणेश चतुर्थी पूजा विधि): भादो शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणपति की पूजा होती है। कई लोग इस चतुर्थी पर अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करके उसकी विधि विधान पूजा करते हैं। मान्यता अनुसार जो भक्त सच्चे मन से गणेश चतुर्थी की पूजा करता है उसके जीवन में सदैव खुशियां बनी रहती हैं। जो लोग घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं उन्हें सुबह-शाम गणेश जी की आरती जरूर करनी चाहिए। चलिए जानते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा विधि क्या है।
गणेश स्थापना पूजा सामग्री लिस्ट (Ganesh Sthapana Puja Samagri List In Hindi)
सिंदूर, गणेश मूर्ति, कलश, मोदक, केला, रती की किताब, सुपारी, मौसमी फल, धूप, दीप, गंगाजल, कपूर, जनेऊ, चंदन, फूल, अक्षत्, पान का पत्ता, लकड़ी की चौकी, केले के पौधे, पीला और लाल रंग का कपड़ा, नए वस्त्र।
गणेश स्थापना पूजा मुहूर्त 2024 (Ganesh Sthapana Puja Muhurat 2024)
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2024 | 10:39 AM से 01:09 PM |
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ | 6 सितंबर 2024 03:01 PM |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 7 सितंबर 2024 05:37 PM |
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना करने के लिए एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- फिर भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा शुरू करें।
- इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
- गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करने के बाद उन पर फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं।
- फिर गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
- गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में गणेश जी की आरती करें।
- दिनभर फलाहार करें और शाम को गणेश भगवान की फिर से विधि विधान पूजा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
गणेश स्थापना मंत्र (Ganesh Sthapana Mantra)
- ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
- ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
- गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
गणेश चतुर्थी भोग (Ganesh Chaturthi Bhog)
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाएं। इसके अलावा आप बूंदी के लड्डुओं का भी भोग लगा सकते हैं।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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