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Ganesh Chaturthi 2023 Vrat Katha, Aarti, Mantra Live: गणेश चतुर्थी की व्रत कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और गणपति बप्पा की आरती यहां देखें

Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi, Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Aarti Lyrics in Hindi: गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, मंगलवार के दिन है। जब यह चतुर्थी मंगलवार के दिन आती है तो ये महा-चतुर्थी हो जाती है। गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त सुबह 10:59 से दोपहर 01:25 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापना शुभ रहेगी।

Ganesh Chaturthi 2023 Vrat Katha, Aarti, Mantra Live: गणेश चतुर्थी की व्रत कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और गणपति बप्पा की आरती यहां देखें
Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi, Muhurat, Mantra, Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi LIVE Updates: वैसे तो हर महीने में गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2023) पड़ती है। लेकिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व माना गया है। दरअसल ऐसी मान्यता है कि ये वही तिथि है जिस दिन भगवान गणपति ने जन्म लिया था इसलिए इस दिन का हिंदुओं के लिए खास महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालु अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति (Ganpati Bappa Ki Murti Sthapana Vidhi) की स्थापना करते हैं और उनकी विधि विधान पूजा की जाती है। गणेश भगवान की पूजा के लिए दोपहर का समय अत्यंत शुभ माना जाता है (Ganesh Puja Muhurat 2023)।

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Ganesh Chaturthi Puja Muhurat 2023 (गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2023)
19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:59 से दोपहर 01:25 तक रहेगा। इस मुहूर्त में गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना बेहद फलदायी साबित होगी। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी दोपहर 03:13 तक रहेगी।

Ganesh Chaturthi Puja Vidhi (गणेश चतुर्थी पूजा विधि)
इस दिन प्रातः स्नान करने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें। फिर एक साफ कलश में जल भरकर उसके मुंह पर कोरा वस्त्र बांध दें और उसके ऊपर गणेश जी को विराजमान करें। इसके बाद गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करें। साथ में 21 लडडुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करके बाकी सभी लड्डू गरीबों में बांट दें। फिर शाम के समय गणेश जी का फिर से पूजन करें। इस समय गणेश चतुर्थी की कथा सुनें। साथ ही गणेश चालीसा और गणेश जी की आरती पढ़ें। इसके बाद दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य दें।

Shri Ganesh Aarti written, भगवान श्री गणेश की आरती लिरिक्स के साथ
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
Sep 19, 2023 | 01:04 PM IST

Ganesh Chalisa: गणेश चालीसा

॥ दोहा ॥जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल ।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥॥ चौपाई ॥जय जय जय गणपति गणराजू ।मंगल भरण करण शुभः काजू ॥जै गजबदन सदन सुखदाता ।विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥राजत मणि मुक्तन उर माला ।स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।चरण पादुका मुनि मन राजित ॥धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।अति शुची पावन मंगलकारी ॥एक समय गिरिराज कुमारी ।पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।बिना गर्भ धारण यहि काला ॥गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥लखि अति आनन्द मंगल साजा ।देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।बालक, देखन चाहत नाहीं ॥गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥बालक के धड़ ऊपर धारयो ।प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥चले षडानन, भरमि भुलाई ।रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।शेष सहसमुख सके न गाई ॥मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥॥ दोहा ॥श्री गणेश यह चालीसा,पाठ करै कर ध्यान ।नित नव मंगल गृह बसै,लहे जगत सन्मान ॥सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,ऋषि पंचमी दिनेश ।पूरण चालीसा भयो,मंगल मूर्ती गणेश ॥
Sep 19, 2023 | 12:38 PM IST

Ganesh Chaturthi Song: गणेश चतुर्थी के गीत

प्रथम तुला वंदितो कृपाडा ,
गजानना गणराया...
विघ्न विनाशक गुणिजन पालक
दुरित तिमिर हारका
सुख कारक तू दुःख विदारक
तूच तुझा सारखा
वक्रतुंड ब्रम्हांडनायका
विनायका प्रभुराया


सिद्धि विनायक तूच अनंता
शिवात्म्जा मंगला
सिन्दुरवदना विध्याधिशा
गणाधिपा वत्सला
तूच ईश्वरा साह्य करावे
हा भव सिन्धु तरया

गज वदना तव रूप मनोहर
शुक्लाम्बर शिव सुता
चिंतामणि तू अष्टविनायक
सक्लांची देवता
रिद्धिसिद्धि चा वरा दयाडा
देई कृपे ची छाया
Sep 19, 2023 | 11:59 AM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Vrat Katha In Hindi: गणेश चतुर्थी व्रत कथा

गणेश चतुर्थी की कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने स्नान के लिए जाने से पूर्व अपने शरीर के मैल से एक बालक को उत्पन्न किया जिसे उन्होंने गणेश नाम दिया। फिर पार्वतीजी ने उस बालक को आदेश दिया कि वह किसी को भी अंदर न आने दे। ऐसा कहकर पार्वती जी स्नान के लिए चली गई। जब भगवान शिव वहां आए ,तो बालक ने उन्हें भी अंदर जाने से रोक दिया। शिवजी ने गणेशजी को बहुत समझाया, कि पार्वती मेरी पत्नी है। पर गणेशजी नहीं माने और उन्हें लगातार अंदर जाने से रोकते रहें। तब शिवजी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेशजी की गर्दन काट दी। जब पार्वतीजी ने ये देखा तो वो जोर-जोर से विलाप करने लगीं। तब पार्वती जी ने गुस्से में रौद्र रूप धारण कर लिया और भगवान शिव से उनके पुत्र को जीवित करने की बात कही। शिवजी ने पार्वती जी को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन पार्वती जी नहीं मानी। तब शिवजी ने अपने गरुड़ से कहा कि किसी ऐसे बच्चे का सिर लेकर आये जिसकी मां अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो। बहुत खोजने पर एक हथिनी मिली जो कि अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही थी। गरुड़ जी ने तुरंत उस बच्चे का सिर लिया और शिवजी के पास आ गये। शिवजी ने वह सिर भगवान गणेश जी के लगा दिया जिससे गणपति बप्पा को जीव दान मिला। साथ ही गणेश जी को ये वरदान भी दिया कि आज से कही भी कोई भी पूजा होगी उसमें गणेशजी की पूजा सर्वप्रथम होगी ।
Sep 19, 2023 | 11:24 AM IST

Ganesh Chatruthi Aarti: गणेश चतुर्थी आरती

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Sep 19, 2023 | 11:05 AM IST

Ganesh Chatruthi 2023: गणेश चतुर्थी मंत्र

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश के इस मंत्र का करें जाप हर बाधा से मिलेगी मुक्ति- ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट ||
Sep 19, 2023 | 09:50 AM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Fast Food: गणेश चतुर्थी व्रत में क्या खाएं

आप व्रत में सिर्फ साबूदाना या आलू का हलवा खाएं। कुट्टू के आटे की रोटी या पराठा लौकी की सब्ज़ी भी खा सकते हैं। इसके अलावा फल, ड्राई फ्रूट्स या मखाने भी खा सकते हैं।
Sep 19, 2023 | 09:13 AM IST

Ganesh Ji Mantra: गणेश जी मूल मंत्र

गणेश चतुर्थी पर पूजा के लिए 'ऊँ गं गणपतये नमः' इस मंत्र का जरूर करें जाप।
Sep 19, 2023 | 09:04 AM IST

Ganesh Chalisa With Lyrics In Hindi​​

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥
Sep 19, 2023 | 08:22 AM IST

गणेश पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी (Ganesh Chaturthi Puja Samagri)

रोली
कलश
गंगा जल
जनेऊ
चाँदी का वर्क माला
पांच प्रकार का फल
मोदक या लड्डू
श्री गणेश जी के पूजन के लिए गणपति प्रतिमा या गणेश प्रतिमा
लकड़ी की चौकी
चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा
भोग के लिए पंचामृत
लाल चंदन
इत्र
लौंग
सुपारी
इलायची
गुड
नारियल
खड़ा धन
दूब/दूर्वा
हरे मूंग
पंचमेवा
घी का दीपक
धूप अगरबत्ती
कपूर
Sep 19, 2023 | 07:56 AM IST

Om Vakratunda Mahakaya shloka Lyrics in hindi, वक्रतुंड महाकाय मंत्र हिंदी अर्थ के साथ

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
Sep 19, 2023 | 07:41 AM IST

Lalbaugcha Raja 2023 Live Darshan | लालबागचा राजा 2023 लाइव दर्शन

Sep 19, 2023 | 07:40 AM IST

ganesh aarti sindoor lal chadhayo lyrics

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरि हरको
हाथ लिए गुडलडू सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाये लागत हूं पदको
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि
विघ्नविनाशक मंगल मूरत अधिकारी
कोटीसूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतत संपत सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरि हरको
हाथ लिए गुडलडू सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाये लागत हूं पदको
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
Sep 19, 2023 | 06:56 AM IST

Ganesh Chaturthi Vrat Katha (गणेश चतुर्थी व्रत कथा)

गणेश चतुर्थी की कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने स्नान के लिए जाने से पूर्व अपने शरीर के मैल से एक बालक को उत्पन्न किया जिसे उन्होंने गणेश नाम दिया। फिर पार्वतीजी ने उस बालक को आदेश दिया कि वह किसी को भी अंदर न आने दे। ऐसा कहकर पार्वती जी स्नान के लिए चली गई। जब भगवान शिव वहां आए ,तो बालक ने उन्हें भी अंदर जाने से रोक दिया। शिवजी ने गणेशजी को बहुत समझाया, कि पार्वती मेरी पत्नी है। पर गणेशजी नहीं माने और उन्हें लगातार अंदर जाने से रोकते रहें। तब शिवजी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेशजी की गर्दन काट दी।जब पार्वतीजी ने ये देखा तो वो जोर-जोर से विलाप करने लगीं। तब पार्वती जी ने गुस्से में रौद्र रूप धारण कर लिया और भगवान शिव से उनके पुत्र को जीवित करने की बात कही। शिवजी ने पार्वती जी को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन पार्वती जी नहीं मानी। तब शिवजी ने अपने गरुड़ से कहा कि किसी ऐसे बच्चे का सिर लेकर आये जिसकी मां अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो। बहुत खोजने पर एक हथिनी मिली जो कि अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही थी। गरुड़ जी ने तुरंत उस बच्चे का सिर लिया और शिवजी के पास आ गये। शिवजी ने वह सिर भगवान गणेश जी के लगा दिया जिससे गणपति बप्पा को जीव दान मिला। साथ ही गणेश जी को ये वरदान भी दिया कि आज से कही भी कोई भी पूजा होगी उसमें गणेशजी की पूजा सर्वप्रथम होगी ।
Sep 19, 2023 | 06:38 AM IST

गणेश स्थापना पूजा विधि ( Ganesh Sthapna Puja Vidhi)

चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता को धूमधाम और ढोल-नगाड़े के साथ घर ले जाना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने के लिए सुबह स्नान के बाद एक सुंदर चौकी पर भगवान गणेश के मंत्र का जाप करते हुए पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। भगवान गणपति का मुख उत्तर दिशा की ओर रखें। फिर गणपति को सुंदर वस्त्र, आभूषण, कलावा, अक्षत, फूल, माला, मुकुट आदि से सजाएं। लाल चंदन से भगवान का तिलक करें। बूंदी के लड्डू या मोदक के साथ पंचामृत, पांच फल और पंचमेवा का भोग लगाएं। उसके बाद आरती की थाल सजाकर गणपति बप्पा की आरती करें।
Sep 19, 2023 | 06:37 AM IST

Ganesh Murti Sthapana Niyam: गणेश स्थापना करने के नियम

  • गणपति जी की पीठ मत दिखाएं। मुख्य दरवाजे के सामने व उसके ठीक पीछे उसी आकार की गणपति मूर्ति हो।
  • गणेश जी की 03 मूर्ति ना लाएं।
  • गणेश जी की खड़ी मूर्ति को घर में ना स्थापित करें।
  • गणेश जी का सूंड बाएं हो या दाहिने हो। यह बहुत विचारणीय प्रश्न है।किसी भी तरफ हो हर तरफ शुभ होता है।
  • पन्ना से बनी गणपति मूर्ति बहुत शुभ है।
  • गणेश जी को प्रतिदिन लड्ड़ू का भोग लगाएं।
  • गणेश जी को बुधवार को दूर्वा अर्पित करें।
  • पूजा घर में गणेश जी का कैलेंडर मत हो।
  • गणपति मूर्ति यदि प्राण प्रतिष्ठित है तो नित्य पूजा व भोग आवश्यक है।
  • गणेश जी की प्रतिमा के सामने बैठकर भागवत का पाठ करने से अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • कलयुग केवल नाम अधारा।भगवान गणेश जी के नाम का जप करें।उससे हर कार्य सम्पन्न हो जाएगा।
  • गणपति मूर्ति के सम्मुख कभी भी पैर करके या उनसे ऊंचे आसन पर मत बैठें।
  • जो बालक पढ़ने में कमजोर हो।वह मेहनत से पढ़ाई भी करे साथ में घर के मंदिर में गणपति मूर्ति के सम्मुख प्रतिदन दूर्वा अर्पित करें।
Sep 19, 2023 | 06:08 AM IST

Ganhes Chaturthi Sthapana Muhurat: गणेश चतुर्थी स्थापना मुहूर्त

गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : 11:01:23 से 13:28:15 तक
अवधि : 2 घंटे 26 मिनट
Sep 18, 2023 | 11:00 PM IST

Ganesh Chaturthi Puja Samagri: गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री

गणेश जी की मूर्तिपूजा के लिए चौकीलाल या पीला कपड़ा कलशगंगाजलकुमकुमहल्दीमौलीअक्षतसुपारीलौंगइलाइचीपानदूर्वापंचामृतआम के पत्तेसिंदूरलाल फूलजनेऊनारियल घीकपूर चंदनमोदक या बेसन के लड्‌डू सुपारीपंचमेवाधूप
Sep 18, 2023 | 10:44 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Chaughadiya Muhurat: गणेश चतुर्थी 2023 स्थापना के लिए चौघड़िया मुहूर्त

चर (सामान्य) - सुबह 09.11 - सुबह 10.43लाभ (उन्नति) - सुबह 10.43 - दोपहर 12.15अमृत (सर्वोत्तम) - दोपहर 12.15 - दोपहर 01.37
Sep 18, 2023 | 10:13 PM IST

Ganpati Sthapana 2023 Muhurat: गणेश स्थापना मुहूर्त

गणेश जी स्थापना मुहूर्त - सुबह 11.01 - दोपहर 01.28 (अवधि - 2.27 मिनट)वर्जित चंद्रदर्शन समय - सुबह 09.45 - रात 08.44
Sep 18, 2023 | 09:52 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Decoration : गणेश चतुर्थी डेकोरेशन

Sep 18, 2023 | 09:29 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Modak Recipe: मोदक बनाने की सामग्री

मोदक बनाने के लिए सामग्रीचावल का आटा – 1 कपनारियल कद्दूकस – 1 कपगुड़ (कुटा हुआ) – 1 कपघी – 2 टी स्पूनकेसर – 1 चुटकीजायफल – 1 चुटकीनमक – 1 चुटकी
Sep 18, 2023 | 09:08 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश वंदना

गणेश वंदनाहे एकदंत विनायकं तुम हो जगत के नायकं।बुद्धि के दाता हो तुम माँ पार्वती के जायकं।।है एकदंत विनायकं तुम हो जगत के नायकम....ॐ हरि ॐगणपति है वकर्तुंडंम, एकदंतम गणपति है,कृष्णपिंगाक्षम गणपति, गणपति गजवक्त्रंमम....है एकदंत विनायकं तुम हो जगत के नायकम।बुद्धि के दाता हो तुम माँ पार्वती के जायकं।।....ॐ हरि ॐगणपति लम्बोदरंम है, विकटमेव भी है गणपतिविघ्नराजेंद्रम गणपति, हो तुम्ही धूम्रवर्णमंम।।है एकदंत विनायकं तुम हो जगत के नायकम।बुद्धि के दाता हो तुम माँ पार्वती के जायकं।।....ॐ हरि ॐभालचंद्रम गणपति है, विनायक भी गणपति है,गणपति एकादशं है, द्वादशं तू गजाननंम।।है एकदंत विनायकं तुम हो जगत के नायकम।बुद्धि के दाता हो तुम माँ पार्वती के जायकं।।....ॐ हरि ॐ
Sep 18, 2023 | 08:49 PM IST

Ganesh Mantra: गणेश मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।। धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:। गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।' वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.
Sep 18, 2023 | 08:32 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Niyam : गणेश चतुर्थी नियम

जिस मूर्ति में भगवान गणेश की सूंड उनके बाईं तरफ झुकी होती है, वैसी मूर्ति बहुत शुभ मानी जाती है।भगवान गणेश की प्रतिमा ईशान कोण में स्थापित करनी चाहिए और मुख उत्तर दिशा में रखें।की को शुद्ध करने के बाद लाल कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर अक्षत रखें। इसके बाद बप्पा को स्थापित करें।भगवान श्री गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।पूजा में मंत्र ऊं गं गणपतये नम: का जाप करें।
Sep 18, 2023 | 08:16 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी के दिन रखें इन बातों का ध्यान

गणपति मूर्ति की स्थापना पूर्व या फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में ही करें।आप गणपति जी को घर में स्थापित कर रहे हैं तो 10 दिन तक रोज सुबह और शाम उन्हें भोग लगाएं और आरती करें।गणेश का प्रिय रंग लाल और पीला है। इन रंगों के वस्त्र पहनकर ही पूजा करें।भगवान गणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं।भगवान गणेश को मोदक को भोग लगाएं।
Sep 18, 2023 | 07:53 PM IST

Ganesh Chaturthi Bhajan- सुखकर्ता की दुःख हर्ता विध्न विनाशक गणराया लिरिक्स

सुखकर्ता की दुःख हर्ता विध्न विनाशक गणराया गणपति बाप्पा मोर्या मंगल मूर्ति मोर्या तुम्ही येता घरी आम्हा वाटे मजा तुम्ही जाऊ नका आम्हा मिड़ते सजा मोदक लाडू तुम्हाला द्या बुद्धि थोड़ी आम्हाला सुखकर्ता की दुःख हर्ता विध्न विनाशक गणराया तुमची चाले पूजा भजन किर्तन आई बाबांचे ना होतसे भांडन हात जोड़ता तुम्हाला शांति लाभों आम्हाला सुखकर्ता की दुःख हर्ता विध्न विनाशक गणराया आई बाबा विना ची मुले एकटी उभे राहता तुम्ही त्यांचा पाठीशी जाऊ नका तुम्ही गावाला चैन पड़े ना आम्हाला सुखकर्ता की दुःख हर्ता विध्न विनाशक गणराया
Sep 18, 2023 | 07:31 PM IST

Ganesh Chaturthi Chalisa: गणेश चालीसा

दोहा ॥जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल ।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥॥ चौपाई ॥जय जय जय गणपति गणराजू ।मंगल भरण करण शुभः काजू ॥जै गजबदन सदन सुखदाता ।विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥राजत मणि मुक्तन उर माला ।स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।चरण पादुका मुनि मन राजित ॥धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।अति शुची पावन मंगलकारी ॥एक समय गिरिराज कुमारी ।पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।बिना गर्भ धारण यहि काला ॥गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥लखि अति आनन्द मंगल साजा ।देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।बालक, देखन चाहत नाहीं ॥गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥बालक के धड़ ऊपर धारयो ।प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥चले षडानन, भरमि भुलाई ।रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।शेष सहसमुख सके न गाई ॥मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥॥ दोहा ॥श्री गणेश यह चालीसा,पाठ करै कर ध्यान ।नित नव मंगल गृह बसै,लहे जगत सन्मान ॥सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,ऋषि पंचमी दिनेश ।पूरण चालीसा भयो,मंगल मूर्ती गणेश ॥
Sep 18, 2023 | 07:03 PM IST

Remedy If We See moon on ganesh chaturthi: चन्द्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र

सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
Sep 18, 2023 | 06:44 PM IST

Ganesh Chaturthi 12 Name: गणेश जी के 12 प्रमुख नाम का करें जाप

सुमुखएकदन्तगजकर्णलम्बोदरविकटविनायकधूम्रकेतुगणाध्यक्षभालचन्द्रगजाननविघ्रनाशन
Sep 18, 2023 | 06:27 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi: गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के शुभ समय को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर की उत्तर, पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में रखें। फिर पूजा सामग्री लेकर एक साफ आसन पर बैठ जाएं। पूजा सामग्री में ध्रुव, शमी पत्र, लड्डू, हल्दी, फूल और अक्षत से ही भगवान गणेश को प्रसन्न किया जा सकता है। दूर्वा को भगवान गणेश की पूजा में रखें। सबसे पहले भगवान गणेश को आसन पर बिठाएं और नवग्रह, षडश मातृकाएं आदि करें। स्तंभ के पूर्व दिशा में शीशा रखें और दक्षिण-पूर्व दिशा में दीपक जलाएं। अपने ऊपर जल छिड़कते हुए "ॐ पुंडरी कुकीज़शाय नमः" कहकर भगवान विष्णु को प्रणाम करें, तीन बार आचमन करें और माथे पर तिलक लगाएं। यदि आप कोई मंत्र नहीं जानते हैं तो आप इस मंत्र "ओम गं गणपतयै नमः" से पूरी पूजा संपन्न कर सकते हैं। अक्षत और फूल लें और दिए गए मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का ध्यान करें।
Sep 18, 2023 | 06:09 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Shubh Yog : गणेश चतुर्थी पर ब्रह्म और शुक्ल योग

पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। गणेश महोत्सव का पर्व चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर अगले 10 दिनों तक चलता है। वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा किया जाता है। इस बार उदया तिथि के आधार पर 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाने वाला है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए, इससे श्राप लगता है। वहीं गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए।
Sep 18, 2023 | 05:26 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Date: कब है गणेश चतुर्थी

भगवान गणेश को प्रथम देव माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले हमेशा रामबुदार की पूजा की जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी और बप्पा के भक्त गणपति की मूर्तियों को घर ले जाएंगे और भक्तिपूर्वक उनकी पूजा करेंगे।
Sep 18, 2023 | 05:03 PM IST

Ganesh Visarjan 2023 Date: गणेश विसर्जन तिथि

शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। साथ ही इसी दिन बप्पा को श्रद्धापूर्वक विदा किया जाता है। पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन गुरुवार 28 सितंबर 2023 को किया जाएगा।
Sep 18, 2023 | 04:46 PM IST

Ganesh Chaturthi Ashthkam: गणेश अष्टकम

श्री गणेशाय नमः।सर्वे उचुः।यतोऽनन्तशक्‍तेरनन्ताश्च जीवायतो निर्गुणादप्रमेया गुणास्ते।यतो भाति सर्वं त्रिधा भेदभिन्नंसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥१॥यतश्चाविरासीज्जगत्सर्वमेतत्तथाऽब्जासनोविश्वगो विश्वगोप्ता।तथेन्द्रादयो देवसङ्घा मनुष्याःसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥२॥यतो वह्निभानू भवो भूर्जलं चयतः सागराश्चन्द्रमा व्योम वायुः।यतः स्थावरा जङ्गमा वृक्षसङ्घासदा तं गणेशं नमामो भजामः॥३॥यतो दानवाः किन्नरा यक्षसङ्घायतश्चारणा वारणाः श्वापदाश्च।यतः पक्षिकीटा यतो वीरूधश्चसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥४॥यतो बुद्धिरज्ञाननाशो मुमुक्षोर्यतःसम्पदो भक्‍तसन्तोषिकाः स्युः।यतो विघ्ननाशो यतः कार्यसिद्धिःसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥५॥यतः पुत्रसम्पद्यतो वाञ्छितार्थोयतोऽभक्‍तविघ्नास्तथाऽनेकरूपाः।यतः शोकमोहौ यतः काम एवसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥६॥यतोऽनन्तशक्‍तिः स शेषो बभूवधराधारणेऽनेकरूपे च शक्‍तः।यतोऽनेकधा स्वर्गलोका हि नानासदा तं गणेशं नमामो भजामः॥७॥यतो वेदवाचो विकुण्ठा मनोभिःसदा नेति नेतीति यत्ता गृणन्ति।परब्रह्मरूपं चिदानन्दभूतंसदा तं गणेशं नमामो भजामः॥८॥॥ फल श्रुति ॥श्रीगणेश उवाच।पुनरूचे गणाधीशःस्तोत्रमेतत्पठेन्नरः।त्रिसन्ध्यं त्रिदिनं तस्यसर्वं कार्यं भविष्यति॥९॥यो जपेदष्टदिवसंश्लोकाष्टकमिदं शुभम्।अष्टवारं चतुर्थ्यां तुसोऽष्टसिद्धिरवानप्नुयात्॥१०॥यः पठेन्मासमात्रं तुदशवारं दिने दिने।स मोचयेद्वन्धगतंराजवध्यं न संशयः॥११॥विद्याकामो लभेद्विद्यांपुत्रार्थी पुत्रमाप्नुयात्।वाञ्छितांल्लभतेसर्वानेकविंशतिवारतः॥१२॥यो जपेत्परया भक्‍तयागजाननपरो नरः।एवमुक्‍तवा ततोदेवश्चान्तर्धानं गतः प्रभुः॥१३॥॥ इति श्रीगणेशपुराणे उपासनाखण्डे श्रीगणेशाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
Sep 18, 2023 | 04:23 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश स्तोत्र

प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥१॥प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥२॥लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥३॥नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥४॥द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥५॥विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥६॥जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥७॥अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥८॥॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
Sep 18, 2023 | 04:07 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023 Katha: गणेश जन्म कथा

गणेश चतुर्थी के अनुसार एक बार माता पार्वती ने स्नान से पहले अपने शरीर के मैल से एक सुंदर बालक का निर्माण किया और उस बालक का नाम गणेश रखा। पार्वती जी ने लड़के से कहा कि यह पार्वती जी स्नान करने के लिए अंदर गई हैं इसलिए आदेश दिया है कि कोई भी अंदर न आए। जब भगवान शिव वहां पहुंचे तो बालक ने भगवान शिव को अंदर जाने से रोक दिया और कहा, "मेरी मां अंदर स्नान कर रही हैं, इसलिए मैं अंदर नहीं जा सकता।" शिवजी ने गणेशजी को बहुत समझाया कि पार्वती उनकी पत्नी हैं। लेकिन जब गणेशजी नहीं माने तो शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने गणेशजी की गर्दन तीन तीन से काट दी और अंदर घुस गए। मैं गणेश को वहीं बैठा छोड़ कर बाहर चला गया. तब शिवजी कहते हैं मैंने इसे मार डाला। तब पार्वती जी क्रोधित हो गईं और बोलीं कि मैं यहां से तभी जाऊंगी जब तुम मेरे पुत्र को जीवित कर दोगे, अन्यथा नहीं। शिवजी ने पार्वती जी को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन पार्वती जी नहीं मानीं। सभी देवताओं ने एकत्रित होकर पार्वतीजी को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानीं। तब भगवान शिव ने भगवान विष्णु से उस बच्चे का सिर लाने को कहा जिसकी माँ अपने बच्चे की ओर पीठ करके सो रही थी। विष्णुजी ने तुरंत गरुड़जी को आदेश दिया कि ऐसे बालक को ढूंढो और तुरंत उसकी गर्दन पकड़ लो। काफी खोजबीन के बाद गरुड़ जी को केवल एक हाथी मिला जो अपने बच्चे की ओर पीठ करके सोया हुआ था। गरुजी तुरंत इस बालक का सिर लेकर भगवान शिव के पास आये। भगवान शिव ने इस सिर को भगवान गणेश पर रख दिया और भगवान गणेश को पुनर्जीवित कर दिया। उन्होंने उसे यह आशीर्वाद भी दिया कि अब से कहीं भी होने वाली हर पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। इसलिए जब हम कोई भी कार्य करते हैं तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए, अन्यथा पूजा सफल नहीं होगी।
Sep 18, 2023 | 03:48 PM IST

Ganesh Chaturthi Mantra 2023: गणेश मंत्र

॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
Sep 18, 2023 | 03:27 PM IST

Ganesh Chaturthi Importance 2023: गणेश चतुर्थी महत्व

भगवान गणेश को दुखहर्ता,, मंगलकारी और विघ्नहर्ता जैसे नामों से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान जिस घर में गणपति स्थित होते हैं और विधि-विधान से पूजा की जाती है, उस घर की सभी चिंताओं, समस्याओं और बाधाओं को गणपति अपने साथ ले जाते हैं। ऐसे घर में सब कुछ सस्ता है. लोग पूरे साल इस छुट्टी का इंतज़ार करते हैं और इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
Sep 18, 2023 | 03:14 PM IST

Ganesh Sthapana Shubh Muhurat: गणेश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होकर 19 सितंबर को दोपहर 1:43 बजे तक रहेगी। ऐसे में गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. गणपति जी की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल समय 19 सितंबर को 10:50 से 12:52 तक, सबसे अनुकूल समय 12:52 से 2:56 तक है।
Sep 18, 2023 | 02:55 PM IST

Ganesh Chaturthi 2023: गणपति स्थापना सामग्री

पूजा के लिए चौकी लाल कपड़ागणेश प्रतिमाजल कलशपंचामृतलाल कपड़ारोलीअक्षतकलावाजनेऊगंगाजलइलाइची-लौंगसुपारीचांदी का वर्कनारियलसुपारीपंचमेवाघी-कपूर