Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi: प्रदोष व्रत में जरूर पढ़ें गणेश जी की कहानी

Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi (गणेश जी की कहानी): गणेश जी और बुढ़िया माई की कहानी एकादशी, प्रदोष, पूर्णिमा, संकष्टी चतुर्थी, विनायक चतुर्थी और अमावस्या हर एक व्रत में पढ़नी चाहिए।

Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi

Vinayak Ji Ki Kahani In Hindi (विनायक जी की कहानी): हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। यही वजह है कि किसी भी पूजा-पाठ और शुभ काम की शुरुआत गणेश जी की अराधना से की जाती है। इसके पीछे की वजह ये है कि गणपति बप्पा की पूजा करने हर काम बिना विघ्न के पूरा हो जाता है। यहां आप गणेश जी की एक ऐसी कहानी के बारे में जानेंगे जो हर व्रत में पढ़नी चाहिए। मान्यता है गणेश जी की कथा पढ़ने से उस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। यहां देखें गणेश जी की कहानी हिंदी में।
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Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi (गणेश जी की कहानी)

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गणेश जी की पौराणिक कथा अनुसार एक बुढ़िया माई थी जो रोजाना मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। वो रोज मिट्टी के गणेश बनाए और वो रोज ही गल जाए। उसके घर के पास एक सेठ का मकान बन रहा था। बुढ़िया मकान बनाने वाले कारीगरों के पास जाकर बोली मेरे लिए पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले माई जितने में हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में हम अपनी दीवार ना चिनेंगे।
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