Ganesh Ji Ki Katha: गणगौर की कहानी से पहले जरूर पढ़ें गणेश जी की कथा, पूजा का मिल जाएगा संपूर्ण फल

Ganesh Ji Ki Katha: आज गणगौर पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन गणगौर की कहानी से पहले गणेश जी की कहानी जरूर पढ़ें। इससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो जाएगा।

Ganesh Ji Ki Katha

Ganesh Ji Ki Kahani: आज भारत में गणगौर पूजा (Gangaur Puja) का पर्व मनाया जा रहा है। जिसकी खास रौनक राजस्थान में देखने को मिलती है। इस त्योहार में माता पार्वती और शिव जी की पूजा होती है। हर साल ये पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। मान्यता है इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अगर आप इस व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आज के दिन गणगौर की कहानी के साथ गणेश जी की कहानी (Ganesh Ji Ki Kahani) भी जरूर पढ़ें।

गणेश जी की कथा (Ganesh Ji Ki Katha)

एक बुढ़िया माई थी जो मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। लेकिन वो रोज बनाए रोज गल जाए। एक दिन उसके घर के पास एक सेठ का मकान बन रहा था। वो बोली पत्थर का गणेश बना दो। मकान बनाने वाले मिस्त्री बोले। जितने में हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे। बुढ़िया बोली को गुस्सा आ गया उसने बोला राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। बुढ़िया के ऐसा कहते ही उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। अब वो दीवार चिनें और ढा देवें, चिने और ढा देवें। इस तरह करते-करते शाम हो गई। शाम में सेठ आए तो उन्होंने देखा आज तो कोई काम नहीं हुआ। (Gangaur Ke Geet)

तब मकान बनाने वाले मिस्त्री बोले एक बुढ़िया आई थी वो कह रही थी पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने नहीं घड़ा तो उसने कहा तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। तब से दीवार सीधी ही नहीं बन रही है। सेठ ने बुढ़िया बुलवाई। सेठ ने कहा हे माई हम तेरा लिए सोने का गणेश गढ़ देंगे। हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया को सोने का गणेश बनाकर दिया। ऐसा करते हुए सेठ की दीवार सीधी हो गई। गणेश भगवान जी जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।

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