Ganesh Ji Ki Kahani: महाशिवरात्रि व्रत कथा के बाद जरूर पढ़ें गणेश जी की कहानी, हर मनोकामना होगी पूर्ण
Mahashivratri 2024, Ganesh Ji Ki Kahani: महाशिवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन श्रद्धालु शुभ मुहूर्त में शिव जी की विधि विधान पूजा करते हैं। साथ ही व्रत कथा भी सुनते हैं। यहां आप देखेंगे गणेश जी की कहानी जो हर व्रत-त्योहार में पड़ी जाती है।
Ganesh Ji Ki Kahani In Hindi
Ganesh Ji Ki Kahani (गणेश जी की कहानी): हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार हर व्रत-त्योहार में गणेश जी की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। कहते हैं इससे व्रत पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। 8 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। ऐसे में इस दिन भी भगवान शिव की पूजा के समय गणेश जी की कहानी जरूर पढ़ें। ये कहानी महाशिवरात्रि की व्रत कथा के साथ ही पढ़नी है।
गणेश जी की कहानी (Ganesh Ji Ki Kahani)
एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी। जो गणेश जी की बड़ी भक्त थी। वो रोजाना मिट्टी के गणेश बनाकर उनकी पूजा किया करती थी। लेकिन वह रोज मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा बनाए और वह रोज ही गल जाए। एक दिन उसके घर के पास एक सेठ जी का मकान बन रहा था। वो मकान बनाने वाली कारीगरों से जाकर बोली मेरे लिए पत्थर की गणेश प्रतिमा बना दो। मिस्त्री बोले। जितने हम तेरा पत्थर का गणेश बनाएंगे उतने में हम अपनी दीवार ना चिनेंगे।
बुढ़िया को बहुत बुरा लगा उसने बोला राम करे कि तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। इतना कहते ही उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। अब मिस्त्री जब भी दीवार चिनें और ढा देवें, चिने और ढा देवें। ऐसा करते-करते शाम हो गई। शाम को जब सेठ आया उसने कहा आज तो कुछ भी नहीं किया।
तब मकाने बनाने वाले कारीगरों ने उस बुढ़िया कही कहानी सेठ जी को बताई। उन्होंने कहा कि एक बुढ़िया आई थी जो कह रही थी मेरा पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने उसका काम नहीं किया तो उसने कहा भगवान करे कि तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। हम तब से ये दीवार सीधी ही नहीं बन रही है।
सेठ ने बुढ़िया को बुलवाया और उससे कहा हम तेरा सोने का गणेश गढ़ देंगे। बस हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया के लिए सोने की गणेश प्रतिमा गढ़ दी। ऐसा करती ही सेठ की दीवार सीधी हो गई। हे विनायक जी जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।
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