Ganesh Ji Ki Kahani: मोहिनी एकादशी पर जरूर पढ़ें श्री गणेश और बुढ़िया माई की कहानी

Ganesh Ji Ki Kahani (Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi): मोहिनी एकादशी व्रत में भगवान गणेश की इस कहानी को पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें। मान्यता है विनायक जी की इस कहानी (Vinayak Ji Ki Kahani) को पढ़ने से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं।

विनायक जी और बुढ़िया माई की कहानी

Ganesh Ji Ki Kahani (Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi): आज मोहिनी एकादशी व्रत (Mohini Ekadashi Vrat 2023) है। कहते हैं इस व्रत को करने से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। ये व्रत हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहते हैं कोई भी व्रत पूजन बिना कथा के अधूरा माना जाता है। इस व्रत में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) की कथा के साथ ही भगवान गणेश (Lord Ganesh) की कहानी पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की कहानी किसी भी व्रत में पढ़ने से उस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। यहां जानिए विनायक जी की कहानी (Vinayak Ji Ki Kahani)।

Ganesh Ji Ki Kahani, Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi (गणेश जी की कहानी)

एक समय की बात है एक बुढ़िया माई थी वो मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। वो मिट्टी के गणेश जी रोज बनाए रोज गल जाए। उसके घर के सामने एक सेठ का मकान बन रहा था। वो मकान बनाने वाले कारीगरों से बोली कि मेरे लिए एक पत्थर के गणेश बना दो। मिस्त्री बोले। जितने हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।
बुढ़िया को गुस्सा हो आ गया वो बोली राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। बुढ़िया के ऐसे कहते ही उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। वो जितनी बार दीवार बनाते उतनी बार वो दीवार टेढ़ी हो जाती। इस तरह करते-करते शाम हो गई। शाम को सेठ जी आये उन्होंने कहा कि आज कुछ भी नहीं किया।
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