Ganesh Ji Ki Katha: वट सावित्री व्रत में पढ़ें गणेश जी की कथा
Ganesh Ji Ki Kahani: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। आज वट सावित्री व्रत है। ऐसे में पूजा के दौरान गणेश जी की कथा को जरूर पढ़ें।
Ganesh Ji Ki Katha: गणेश जी की कथा
Ganesh Ji Ki Kahani (गणेश जी की कहानी)
पौराणिक कथा अनुसार एक बुढ़िया माई थी वो रोजाना मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। लेकिन एक दिन उसके मिट्टी के गणेश गल गए। उसी के घर के पास एक सेठ का मकान बन रहा था। वो मकान बनाने वाले कारिगरों से बोली कि मेरे लिए पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले जितने में हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।
बुढ़िया को बहुत बुरा लगा उसने बोला राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। बुढ़िया के बोलते ही उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। जितनी बार वो दीवार चिनें वो ढा देवें, चिने और ढा देवें। इस तरह करते-करते शाम हो गई। शाम को सेठ आए उन्होंने देखा कि आज तो कोई काम ही नहीं हुआ है। तब एक मिस्त्री ने बुढ़िया माई के बारे में उन्हें बताया।
वो कहने लगे एक बुढ़िया आई थी वो कह रही थी मेरा पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने उसका काम नहीं किया उसने कहा तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। तब से दीवार सीधी नहीं बन रही है। सेठ ने बुढ़िया को बुलवाया सेठ ने कहा हम आपके लिए सोने का गणेश गढ़ देंगे। हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया को सोने के गणेश जी दिए। इससे सेठ की दीवार सीधी हो गई। जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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