Ganesh Ji Ki Katha: अहोई अष्टमी पर जरूर पढ़ें गणेश जी की कहानी, पूजा हो जाएगी सफल

Ganesh Ji Ki Katha: धार्मिक मान्यताओं अनुसार किसी भी व्रत में गणेश जी की कथा पढ़ने से उस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। आज अहोई अष्टमी है ऐसे में इस दिन पूजा के समय गणेश जी कथा पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें।

Ganesh Ji Ki Katha In Hindi

Ganesh Ji Ki Katha In Hindi (Vinayak Ji Ki Kahani): हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) मनाई जाती है। ये व्रत संतान की प्राप्ति और उनकी लंबी आयु की कामना से रखा जाता है। इस बार अहोई अष्टमी पर्व 5 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन तारों के निकलने के बाद विधि विधान अहोई माता की पूजा (Ahoi Mata Ki Puja) की जाती है। पूजा के समय अहोई अष्टमी व्रत कथा भी सुनी जाती है (Ahoi Ashtami Vrat Katha)। लेकिन अगर आप अहोई माता की कथा से पहले गणेश जी की कथा पढ़ते हैं तो इससे आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो जाएगा। यहां देखिए गणेश जी की कथा।

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Ganesh Ji Ki Katha (गणेश जी की कथा)

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एक बुढ़िया माई थी वो प्रतिदिन मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। लेकिन वो रोज मिट्टी के गणेश बनाए और वो रोज ही गल जाए। एक दिन उसकी झोपड़ी के पास एक सेठ का मकान बन रहा था। वो मकान बनाने वाले मिस्त्री से जाकर बोली मेरे लिए पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले- जितने में हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।

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