Ganesh Ji Ki Katha, Sakat Chauth 2025: सकट चौथ पूजा के समय जरूर पढ़ें गणेश जी की ये पावन कथा, हर कष्ट से मिल जाएगी मुक्ति

Ganesh Ji Ki Katha, Sakat Chauth 2025 (गणेश जी की कथा): सकट चौथ का व्रत माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी त‍िथि पर रखा जाता है जो इस साल 17 जनवरी को है। इस द‍िन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चल‍िए जानते हैं सकट चौथ व्रत कथा को।

ganesh ji ki katha

Ganesh Ji Ki Katha, Sakat Chauth 2025

Ganesh Ji Ki Katha, Sakat Chauth 2025 (गणेश जी की कथा): उत्तर भारतीय राज्यों में माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी त‍िथि‍ को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। मूलत: सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों के कल्याण की कामना करते हुए व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो विधि-विधान से इस व्रत को करता है उसे भगवान गणेश का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। इस दिन गणेश जी की पूजा के समय सकट चौथ की कथा के साथ गणेश जी की इस पावन कथा को भी जरूर पढ़ें। कहते हैं इस कथा के बिना कोई भी व्रत अधूरा माना जाता है।

सकट चौथ के दिन जरूर पढ़ें विनायक जी की कहानी

गणेश जी की कथा (Ganesh Ji Ki Katha)

एक बार भगवान गणेशजी बाल रूप में चुटकी भर चावल और एक चम्मच दूध लेकर पृथ्वी लोक के भ्रमण के ल‍िए निकले। वे सबसे ये कहते घूम रहे थे, कोई इस चावल और दूध से मेरे ल‍िए खीर बना दे। लेकिन सबने उनकी बात को अनदेखा कर द‍िया। तभी एक न‍ि‍र्धन बुढ़िया उनके ल‍िए खीर बनाने को तैयार हो गई। इस पर गणेश जी ने घर क सबसे बड़े बर्तन को चूल्हे पर चढ़ाने को कहा। बुढ़िया ने बाल लीला समझते हुए घर का सबसे बड़ा भगौना चूल्हे पर चढ़ा दिया। गणेश जी के दिए चावल और दूध भगौने में डालते ही भगौना भर गया। इस बीच गणेशजी वहां से चले गए और बोले अम्मा जब खीर बन जाए तो बुला लेना। पीछे से बुढ़िया के बेटे की बहू ने एक कटोरी खीर चुराकर खा ली और एक कटोरी खीर छिपाकर अपने पास रख ली। अब जब खीर तैयार हो गई तो बुढ़िया ने आवाज लगाई- आजा रे गणेशा खीर खा ले। गणेश जी वहां पहुंचकर बोले कि मैंने तो खीर पहले ही खा ली। तब बुढ़िया ने पूछा कि उन्‍होनें खीर कब खाई ?

तब गणेश जी बोले कि जब आपकी बहू ने खीर खाई तभी मेरा पेट भर गया। बुढ़िया ने इस घटना को सुनने के बाद उनसे माफी मांगी। इसके बाद जब बुढ़िया ने बाकी बची खीर के बारे में पूछा तो गणेश जी ने उसे नगर में बांटने को कहा और जो बचें उसे अपने घर की जमीन में गड्ढा करके दबा दें। अगले दिन जब बुढ़िया उठी तो उसकी झोपड़ी महल में बदल गई थी और खीर के बर्तन सोने के आभूषणों से भरे थें। गणेश जी की कृपा से बुढ़िया का घर धन-दौलत से भर गया।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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