Ganesh Visarjan Vidhi, Mantra, Aarti: गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, महत्व और आरती
Ganesh Visarjan Vidhi And Shubh Muhurat Today 2023 (गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त कब है 2023): कई भक्त अन्नत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan 2023 Shubh Muhurat) करते हैं। इस साल ये तिथि 28 सितंबर को पड़ रही है। यहां जानिए गणेश जी विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Ganesh Visarjan 2023 Shubh Muhurat In Hindi
Ganesh Visarjan Vidhi And Shubh Muhurat Today (गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त कब है 2023): भारत में अन्नत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2023 Shubh Muhurat) के दिन 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव पर्व का समापन हो जाता है। इस दिन लोग धूमधाम से गणपति बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं। गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2023 Shubh Muhurat) से पहले बप्पा की विधि विधान पूजा की जाती है। उन्हें फूलों से सजाया जाता है। फिर शुभ मुहूर्त में ढोल-नगाड़ों के साथ झांकियां निकालकर गणपति जी को विसर्जित किया जाता है और उनसें अगले वर्ष आने की प्रार्थना की जाती है। जानिए गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विधि (Ganesh Visarjan 2023 Time)।
गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त 2023 (Ganesh Visarjan Shubh Muhurat 2023)
प्रातः मुहूर्त (शुभ) - 06:08 ए एम से 07:38 ए एम
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 10:39 ए एम से 03:09 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 04:39 पी एम से 06:09 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) - 06:09 पी एम से 09:09 पी एम
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 12:09 ए एम से 01:39 ए एम, सितम्बर 29
गणेश विसर्जन विधि (Ganesh Visarjan Vidhi At Home In Hindi)
- गणेश विसर्जन से पहले गणेश जी की विधि विधान पूजा करें।
- गणपति बप्पा को मोदक और फल का भोग लगाएं।
- फिर गणेश जी की आरती करें।
- अब गणेश जी से विदा लेने की प्रार्थना करें।
- फिर पूजा स्थल से गणपति जी की प्रतिमा को उठाएं।
- फिर एक पटरे पर पर गुलाबी वस्त्र बिछाएं और गणेश जी की प्रतिमा को उस पर धीरें से रखें।
- गणेश भगवान की मूर्ति के साथ फल-फूल, वस्त्र और मोदक की पोटली जरूर रखें।
- साथ में एक पोटली में थोड़े चावल, गेहूं, पंचमेवा और कुछ सिक्के डालें।
- उस पोटली को भी गणेश जी की प्रतिमा के साथ रख दें।
- अब गणेश जी की मूर्ति को बहते हुए जल में विसर्जित कर दें।
- गणपति भगवान का विसर्जन करने से पहले उनकी आरती करें।
- आरती के बाद गणपति बप्पा से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
Anant Chaturdashi Vrat Katha In Hindiगणेश विसर्जन का महत्व (Ganesh Visarjan Importance)
हिन्दू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी उत्सव का पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। जिसकी समाप्ति अन्नत चतुर्दशी के दिन होती है। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की प्रतिमा को घर पर स्थापित किया जाता है फिर विधि विधान उस प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस दौरान भक्त गणेश जी से अगले वर्ष जल्दी आने की कामना करते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति विधि विधान गणेश उत्सव का पर्व मनाता है उसके जीवन में हमेशा खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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